News In English
Location: | Rajsamand |
Headline: | Acharya Mahashraman Accepted 7 Vows For Rest Of Life. |
Content: | Acharya Mahashraman addressed people and told them to take vows against evil. Sangh is organizing Amrit Mahotsav so it is my duty to give message to sangh. To serve humanity is main purpose of Ahimsa Yatra. He emphasized to live life with honesty. He accepted 7 vows for his personal Sadhana. |
News in Hindi:
आचार्य ने लिए सात संकल्प श्रावकों को दी प्रेरणा
आचार्य ने शेष जीवन के लिए सात संकल्प किए।
राजसमंद १३ मई २०११ (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो)
तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य महाश्रमण ने गुरुवार को जन्मदिवस पर अमृत महोत्सव में सात के दौरान सात संकल्प लेते हुए श्रावकों को भी बुराइयों के खिलाफ संकल्पित होने की प्रेरणा दी। आचार्य ने कहा कि वे अपने आधी शताब्दी जी चुके हैं। धर्मसंघ ने अमृत महोत्सव मनाया है तो उनका भी कर्तव्य है कि समाज को संदेश दें। इसे लेकर आचार्य ने शेष जीवन के लिए सात संकल्प किए। आचार्य ने कहा कि देश में विकास की परिपूर्णता के लिए आर्थिक एवं भौतिक विकास के साथ नैतिक, आध्यात्मिक विकास भी अपेक्षित है। मानव जाति की सेवा ही अहिंसा यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने सांप्रदायिक, नशामुक्ति, कन्या भ्रूण हत्या निषेध एवं जीवन में ईमानदारी का पालन करने की जरूरत बताई और विश्व कल्याण की दिशा में सद्कार्य करते रहने की प्रेरणा दी। केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री डॉ. सी. पी. जोशी ने कहा कि आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा के बाद अमृत महोत्सव समाज में नई चेतना लाएगा। महाश्रमण के विचार देश में नई क्रांति का सूत्रपात करेंगे तथा भारत को और अधिक ताकतवर बनाने में महती भूमिका अदा करेंगे। साध्वी कनकप्रभा ने कहा कि आचार्य श्री का सपना है कि देश में शिक्षा की ज्योति जलती रहे, जन जन में नैतिक शिक्षा का जागरण हो, हर व्यक्ति की शक्ति का पूरा नियोजन हो। यह अमृत महोत्सव पूरे वर्ष एक अभियान के रूप में चलेगा।
सात संकल्प
1 मैं प्रतिदिन यथासंभव चौविहार नवकारसी करूंगा।
2 प्रात:रास (नाश्ता) में अन्न ग्रहण नहीं करूंगा।
3 घी, तेल दूध, दही इत्यादि को ज्यादा उपयोग में नहीं लूंगा।
4 चातुर्मास में 60 दिन से कम सेवा करने वाले के यहां गोचरी नहीं करूंगा।
5 21 दिन से अधिक की तपस्या करने वालों के पारणे के अवसर पर गोचरी को नहीं जाऊंगा।
6 घरों, दुकानों व कारखानों में यथासंभव पगल्या नहीं करूंगा।
7 उपशम की साधना का अभ्यास करूंगा। (उपशम यानी क्रोध, लोभ मोह आदि।)