News In English
Location: | Richhed |
Headline: | Speak Truth And Sweet ◄ Acharya Mahashraman. |
Content: | Acharya Mahashraman was delivering his daily lecture on 6th day at Richhed. He told people to speak truth but also keep in mind to speak sweet. Never hurt by your speech. |
News in Hindi:
आचार्य श्री ने रिछेड़ स्थित तेरापंथ तुलसी विहार में धर्मसभा में दिए प्रवचन
रिछेड़ कार्यालय संवाददाता 5 अप्रेल 2011 (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
आचार्य महाश्रमण ने रिछेड़ स्थित तेरा पंथ तुलसी विहार में छठे दिन गुरुवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदमी सत्य भाषा बोले व प्रिय हो ऐसी सत्य भाषा बोले। जो प्रिय न हो और अगर प्रिय हो, लेकिन सत्य न हो ऐसी भाषा नहीं बोले।
आचार्य ने कहा कि साधु जीवन व गृहस्थ जीवन में फर्क है। साधु का जीवन देव लोक व स्वर्ग के समान है, लेकिन जो साधु साधना करे तो जिस परिवार में विनय एवं शुद्ध भाव हो वो परिवार स्वर्ग बन जाता है। मनुष्य के भाव शुद्ध हो व अच्छा काम करे तो स्वर्ग बन जाएगा। संतों का हृदय मक्खन सा नरम होना चाहिए । साधु संतों के संपर्क में आने से दुर्जन व्यक्ति भी सुधर जाता है क्योंकि संत परोपकारी होते हैं। उनकी साधना का प्रभाव होता है।
विवेक पुस्तक का विमोचन: डोंबिवली (महाराष्ट्र) में मराठी भाषा में 62 वर्षों से प्रकाशित हो रही विवेक पुस्तक मासिक अब हिंदी में आचार्य महाश्रमण के 50 वें अमृत महोत्सव के अवसर पर तैयार कर आचार्य महाश्रमण के कर कमलों द्वारा विमोचन कराया गया। महाश्रमण ने कहा कि मुंबई के अध्यक्ष राम प्रसाद त्रिवेदी, सुरेंद्र वाजपेयी, अणुव्रत समिति डोंबिवली के अध्यक्ष दिवाकर जोशी, गया चरण त्रिवेदी एवं प्रशांत महाकुबेर ने कड़ी मेहनत कर इस पुस्तक को तैयार किया है। मंत्री मुनि सुमेर मल ने कहा कि आचार्य चाहते हैं कि जागरण की लहर फैले इसके लिए हर कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में काम कर रहे हैं। व्यक्ति धन से आगे बढ़ जाता है, लेकिन परमार्थ में आगे बढऩा हो तो बुद्धि को आगे बढ़ाना होगा। नन्हें नन्हें बालक बालिकाओं ने महावीर भगवान के जीवन पर आधारित एकांकी प्रस्तुत की।
कवि सम्मेलन: अक्षय तृतीया पर बुधवार रात्रि में श्रमणी वृंद के सान्निध्य में कवि सम्मेलन का हुआ, जिसमें माधव दरक कुंभलगढ़ एंड पार्टी ने गीतों की प्रस्तुतियां दी। स्वयं भागीरथ ले आया कर लो गंगा में स्नान, मायड़ था रो वो पूत कठे आदि गीतों पर पांडाल में उपस्थित लोगों ने सराहना की।