21.04.2011, Kumbhal Garh.
Acharya Mahashraman addressed farmers telling to live life with purity and honesty.
Give values to morality and spirituality.
News in Hindi:
‘साधना से ही मिलेगी मंजिल’ आचार्य महाश्रमण
‘साधना से ही मिलेगी मंजिल’
आचार्य महाश्रमण बुधवार को झालों की मदार से विहार कर समीचा पहुंचे, जैन धर्मावलंबियों ने की अगवानी
कुंभलगढ़ 21 Apr-2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो मुम्बई प्रस्तुती)
कुंभलगढ़. समीचा में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल ग्रामीण। इनसेट आचार्य महाश्रमण धवल सेना के साथ कुंभलगढ के समीचा गांव मे प्रवेश करते हुए
गुरुवार को आचार्य महाश्रमण राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देवी का वास, समीचा में सभा भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद ऊसर के लिए प्रस्थान करेंगे तथा रात्रि विश्राम वहीं करेंगे। महाश्रमण आज ऊसर में
जैन तेरापंथ समाज के 11वें आचार्य महाश्रमण बुधवार को झालों की मदार से पैदल यात्रा कर अपनी धवल सेना के साथ सुबह 8 बजे कुंभलगढ़ की वीर भूमि पर पधारे। इसके बाद वह धवल सेना के साथ कुंभलगढ़ के समीचा गांव पहुंचे। यहां श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा समीचा के अध्यक्ष सुखलाल सियाल, मंत्री ललित गुंदेचा, रमेश बंबोरी, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष कमला गुंदेचा, जैन नवयुवक मंडल समीचा, नंदलाल गुंदेचा, रतन सिंह, शंकरलाल नागदा, सरपंच रामलाल सुथार, अर्जुन सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने काल की माउड़ी से साजेला का वास, देवी का वास तक करीब 4 किलोमीटर तक पैदल चल कर आचार्य के आने पर पलक पावड़े बिछाए एवं शोभायात्रा में पैदल साथ चले।
समीचा प्रवेश पर भावभीना स्वागत:
आचार्य सभी वर्गों के धर्म सम्राट: सम्मेलन में पूर्व मंत्री सुरेंद्रसिंह राठौड़ ने कहा कि आचार्य जैन धर्म के नहीं अपितु सभी वर्गों के भी धर्म सम्राट हैं। संतों का आगमन क्षेत्र के लिए प्रेरणादायी व जीवन को धन्य बनाता है। उनके मार्गदर्शन से लोगों का जीवन धन्य हुआ है। इस अवसर पर कवि माधव दरक ने महाश्रमण के कुंभलगढ़ आगमन पर कविता पाठ किया। कार्यक्रम में कुंभलगढ़ विधायक गणेशसिंह परमार, प्रधान सूरतसिंह दसाणा, जिपस सत्यनारायण बायती, हरीश सुथार सहित क्षेत्र के सभी धर्मों के प्रतिनिधि व करीब तीन हजार श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। अन्न का एक-एक दाना किसान की मेहनत का प्रतीक: उन्होंने किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश का किसान खेती से देश एवं जनता की सेवा करता है। लोगों को अनाज उपलब्ध कराता है। अनाज का एक-एक दाना किसान की मेहनत का प्रतीक होता है। जीवन में कभी हिंसक न बनें, बुराइयों से बचें एवं जीवन में अच्छाइयों को उतारें। नशा मुक्ति का संकल्प लेवें। माया को छोडऩे पर शुद्धता का विकास होगा। किसान सम्मेलन में साध्वी कनक प्रभा ने अहिंसा यात्रा के उद्देश्यों को अपनाने की बात कही। माया साधना में बाधक: आचार्य महाश्रमण ने बुधवार को समीचा गांव में किसान सम्मेलन के दौरान कहा कि माया साधना में बाधक है। उसे छोडऩे का अभ्यास करना होगा। जिनके जीवन में धर्म होता है वह व्यक्ति निर्वाण को प्राप्त करता है। धर्म का ठहराव शुद्धता में है। जो व्यक्ति छल रहित होता है धर्म का निवास भी उसी के अंदर होता है। आचार्य महाश्रमण ने जीवन में नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाने, टीवी एवं मोबाइल संस्कृति के चलते उनकी अच्छाइयों को अपनाने एवं उनके दोषों से दूर रहने की बात कही। जीवन में आरोह एवं अवरोह के बीच संतुलन रखना होगा। आचार्य ने अपने प्रवचन में कुंभलगढ़ की पहाडिय़ों से प्रभावित होकर कहा कि जिस तरह यहां के पहाड़ों को लोग पार करते हैं। उसी तरह जीवन में धर्म साधना के शिखर पर चढ़ाई करने से जीवन की नैया पार होगी एवं मंजिल हाथ आएगी।