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आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा कोशीवाड़ा पहुंची
Ahimsa Yatra Reached Koshiwara.प्रेक्षा ध्यान से क्रोध पर नियंत्रण आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा कोशीवाड़ा पहुंची आज झालों की मदार विहार करेंगेWe can control anger through Preksha meditation - Acharya Mahashraman.
आचार्य महाश्रमण कोशीवाड़ा में मंगल प्रवेश करते हुए
खमनोर 19 April 2011(जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो मुम्बई)
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जब क्रोध आए तब मौन धारण कर लें, गुस्से से आहत को राहत मिल जाएगी। प्रेक्षा-ध्यान व योग से क्रोध को निर्दिष्ट किया जा सकता है। वे सोमवार को कोशी वाड़ा गांव में श्रावक- श्राविकाओं को संबोधित कर रहे थे।
आचार्य ने कहा कि आजकल परिवारों में क्रोध के पसरने से असामंजस्य पैदा हो रहा है। क्रोध विवेक और बुद्धि का लोप करता है। इसलिए क्रोध को न आने दें। आ जाए तो उस पर अपना नियंत्रण बनाए रखें, क्रोध की हानि से बचा जा सकेगा। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से नशे की प्रवृत्तियों को त्यागने तथा दूर रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह हृदय के संकल्प से किया जा सकने वाला कार्य है। आचार्य ने भ्रूण हत्या को मानव समाज के लिए बड़ा अभिशाप बताते हुए ऐसा न करने को कहा। प्रवचन के दौरान मुनि प्रवर सुमेर मल ने कहा कि जिस जीने से दूसरों को कष्ट न हो, दूसरों के लिए हितकारी हो, उसे जीवन कहते है। उन्होंने कहा कि जीवन की सड़क ऊबड़- खाबड़ होगी तो विचारों का असंतुलन बनेगा। साध्वी प्रमुख कनकप्रभा ने कहा कि प्रमाद (आलस्य) करने वाले को वांछित अर्थ नहीं मिलता है। इस दौरान जिला प्रमुख किशनलाल गमेती, प्रधान पुरुषोत्तम माली, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता देवकीनंदन गुर्जर, डॉ. बसंतीलाल बाबेल, किशनलाल डागलिया ने भी विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व आचार्य महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ शिशोदा गांव से सुबह सवा छ: बजे विहार कर कोशी वाड़ा पहुंचे। सैकड़ों समाजजनों ने आचार्य की अगवानी में पलक- पांवड़े बिछाए।
आचार्य का कृपा प्रसाद हम पर यूं ही बरसता रहे’: चार वर्ष पूर्व गोगुंदा में दीक्षा ग्रहण कर सांसारिक जीवन का त्याग करने वाले कोशी वाड़ा के ही गणपत मुनि व अनुशासन मुनि ने कहा कि जब गुरुवर के आभामंडल में आकर उनके मन में दीक्षा का भाव पैदा हुआ, तब बाल दीक्षा के समक्ष चुनौती रख दी गई थी। संकीर्ण मानसिकता वाले कुछ लोगों ने दीक्षा के विरुद्ध कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन वे दोनों सभी को बताना चाहते हैं कि उन्हें गुरुवर की शरण में मां से अधिक प्यार और पिता से अधिक वात्सल्य प्राप्त हो रहा है। वे चाहते हैं कि आचार्य श्री का कृपा प्रसाद जीवन के हर क्षण में उन पर यूं ही बरसता रहे।
‘प्रेक्षा-ध्यान से क्रोध...
19 April 2011(जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो मुम्बई)
अनुशासन मुनि ने आचार्य की अहिंसा यात्रा को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि वे नेताओं की तरह वोट नहीं मांगने आए हैं। वे तो आप लोगों की खोट (आचरण में व्याप्त बुराइयों) को मांगने आए हैं। उसी क्षण आचार्य ने इन दोनों मुनियों के सांसारिक माता- पिता को धन्यवाद देकर कहा कि गुरुओं को ‘शिष्य भिक्षा’ देना एक महान कार्य है।
जिले को स्वस्थ, निर्मल व आदर्श बनाएं जनप्रतिनिधि:कोशीवाड़ा में सोमवार को आयोजित जनप्रतिनिधि सम्मेलन में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि विविध संप्रदायों में सौहार्द रहे, लोग नशे की प्रवृत्तियों का त्याग करें। उन्होंने राजसमंद जिले को स्वस्थ, निर्मल व आदर्श बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों से ईमानदारी व कर्मनिष्ठ की भूमिका में आने का आह्वान किया। सम्मेलन में जिले भर के जनप्रतिनिधियों ने आध्यात्मिक माहौल में जनता के प्रति अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी को महसूस किया। आचार्य महाश्रमण ने जनप्रतिनिधियों से रूबरू होकर उन्हें भ्रम और यथार्थ का ज्ञान भी कराया। दोपहर दो बजे शुरू इस कार्यक्रम में जिले की विभिन्न पंचायत समितियों से प्रधान, उपप्रधान, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, जिला परिषद सदस्य व अन्य ने बारी-बारी से विचार रखे। जनप्रतिनिधि अपने गांव के विकास, लोगों के हित के कार्य तथा सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी भूमिका को पेश कर रहे थे। कईयों ने सकारात्मक सोच के साथ अब तक किए गए कार्यों का उल्लेख किया, तो कईयों ने नवाचार के साथ काम को कैसे किया जा सकता है, इसकी कोरी कल्पनाएं भी व्यक्त की।
जनप्रतिनिधियों विभिन्न विषयों पर रखे विचार:सम्मेलन में आए जनप्रतिनिधियों ने कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर रोक, नशा उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण, न्याय, परिवहन, शिक्षा, चिकित्सा, न्याय, शांति, गांवों के विकास तथा अन्य विषयों पर खुलकर विचार रखे। इस दौरान जिला प्रमुख किशनलाल गमेती, उपप्रमुख मदनलाल गुर्जर, रेलमगरा प्रधान रेखा अहीर, खमनोर प्रधान पुरुषोत्तम माली, उपप्रधान भंवरसिंह, देवगढ़ प्रधान हमेरसिंह, नाथद्वारा नपाध्यक्ष गीता शर्मा, जिला परिषद सदस्य महेश प्रतापसिंह चौहान, कोशीवाड़ा सरपंच सोहनीबाई रेबारी, धनेरिया सरपंच शंकरलाल चौधरी, गांवगुड़ा सरपंच अनिल अनिल सोनी सहित जिले के कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। आचार्य से प्रेरणा पाकर कई जनप्रतिनिधियों ने व्यसन छोडऩे का संकल्प लिया तथा संकल्प पत्र भी भरे।