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जीवन को पगडंडी नहीं राजमार्ग बनाएं: मुनि सुरेश
Amet, Anuvarat Workshop Held In Presence Of Muni Sureshkumar.
आमेट 15 APRIL 2011(जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो)
माया मित्रता का नाश कर वैर और विषमता के रास्ते खोल देती है। जिनकी कथनी और करनी में फर्क होता है, उनकी गति ही नहीं बिगड़ती, बल्कि हर कोई उनसे कतराने लगता है।
यह विचार मुनि सुरेश कुमार ने गुरुवार को नगर के तेरापंथ सभा भवन में धर्म सभा में व्यक्त किए। मुनि ने कहा कि जीवन को पगडंडी नहीं राजमार्ग बनाओ। पगडंडियों से राह भटकने का डर रहता है और राजमार्ग मंजिल तक पहुंचाते हैं। इस अवसर पर मुनि संबोध कुमार ने कहा कि ईंट का जवाब पत्थर नहीं होना चाहिए। नफरत की आग को नफरत नहीं बुझा सकती। इससे पूर्व गंगापुर स्थित जयसिंह श्याम गौशाला से प्रस्थान कर यहां पहुंचने पर तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, महिला मंडल ने मुनिवृंद का भावभीना स्वागत किया।
गांगागुड़ा में अणुव्रत विचार गोष्ठी: तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण के आमेट में घोषित 148वें मर्यादा महोत्सव व अमृत महोत्सव के तृतीय चरण को चिरस्मरणीय बनाने गांगागुड़ा में बुधवार को अणुव्रत विचार संगोष्ठी हुई। गोष्ठी में मुनि सुरेश कुमार, मुनि संबोध कुमार ने अणुव्रत कार्यक्रमों को गति देने के मद्देनजर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर गौशाला के लक्ष्मीलाल यति, मोतीसिंह ने मुनिवृंद का स्वागत किया। मुनिवृंद के निर्देशानुसार गांव गांगागुड़ा को व्यसन मुक्त बनाकर जल्द ही अणुव्रत ग्राम के रूप में विकसित करने व अमृत महोत्सव पंच सूत्रीय संकल्प पत्र भरवाने में आम आदमी को जोडऩे के प्रयास करने का संकल्प लिया।