Palghar
Acharya Mahapragya Birth Centenary celebration started at Palghar in presence of Muni Jinesh Kumar. He said Acharya Mahapragya was great philosopher. Preksha Meditation, Jeevan Vigyan, Agam Sampadan are some of contribution of Acharya Mahapragya. Muni Jinesh kumar told if we want to pay homage him we should took vow to read his literature and practice preksha meditation.
Muni Parmanand anchored function. Vishvanath Sachdeva, Ujjwala Kale were chief guest. Sabha president Naresh Rathore welcomed all. Mahila Mandal presented song. Kanyamandal, Gyanshala also performed. Lakshmilal Rathore gave vote of thanks. Hitesh Singhvi teyup president was co-anchor.
पालघर में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष का शुभारंभ
स्थिरप्रज्ञ थे आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी - मुनिश्री जिनेश कुमार जी
महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी थाना 2 के सान्निध्य में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष शुभारंभ समारोह का आयोजन ओसवाल बैंकट हॉल में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री. विश्वनाथ जी सचदेव (वरिष्ठ साहित्यकार) सम्मानीय अतिथि श्रीमती उज्वला जी काले नगराध्यक्षा,नगर सेवक पालघर और पालघर के गणमान्य व्यक्तियो की उपस्थिति रही।
इस अवसर पर उपस्थित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा आचार्य महाप्रज्ञ भारतीय ऋषि परंपरा के उज्जवल नक्षत्र थे। वे बहू आयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे जैन न्याय के राधाकृष्णन थे। उनकी प्रज्ञा को देखकर भद्रबाहु एवं हरीभद्र जीवंत हो उठते थे। उनकी बुद्धि स्थिर, चित्त निर्मल एवं पवित्र था। उनमें बुद्ध जैसी करुणा ईसा जैसा प्रेम व महावीर जैसा ध्यान था। आचार्य श्री कालूगणी के अनेक जन्मों की फलश्रुति है आचार्य श्री महाप्रज्ञ। आचार्य तुलसी के विचारों के भाष्यकार थे। वे आगम की भाषाओं में महाप्रज्ञ थे तो गीता की भाषा में स्थितप्रज्ञ। उनका जन्म खुले आकाश में हुआ उसी प्रकार उनका चिंतन व्यापक एवं विशाल था। उन्होंने प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, आगम संपादन, साहित्य, अहिंसा यात्रा आदि अवदान देकर पूरी मानव जाति को उपकृत किया है। आज से आचार्य श्री महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ होने जा रहा है जन्म शताब्दी वर्ष में सभी लोग कम से कम 100 घंटे प्रेक्षाध्यान 100 घंटे साहित्य वाचन का संकल्प ले तभी ज्ञान चेतना वर्ष मनाना कुछ अंशो में सार्थक हो सकेगा।
मुनि श्री परमानंद जी ने कहा आचार्य महाप्रज्ञ जी महान व्यक्तिव के धनी थे। वे उच्च कोटि के साहित्यकार थे।
मुख्य अतिथि विश्वनाथ जी सचदेव ने कहा आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी बहुत ही विद्वान थे उनका सबसे बड़ा अवदान मनुष्य बनने की प्रेरणा है। वे बहुत सोच कर बोलते थे। उनके शब्दों के चयन के नीचे कोई गूढ़ रहस्य होता था।
सम्मानीय अतिथि उज्वला जी काले ने कहा आचार्य श्री महाप्रज्ञ की आंखों में तेज था। उनसे सकारात्मक ऊर्जा मिलती थी।
इस अवसर पर पालघर जिल्हा की तेरापंथ महिला मंडल की सौ बहनों ने सौ के अंक में पालघर जिल्हे की ज्ञानशाला, कन्यामंडल के बच्चों ने व तेयुप सदस्यों ने बड़ी संख्या में सुमधुर समूह गीतों का संगान कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।तेरापंथ किशोर मंडल के सदस्यों ने सन 2004 में आचार्य श्री महाप्रज्ञ को दिए गए राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार समारोह की जीवंत प्रस्तुति दी
स्वागत भाषण तेरापंथी सभा के अध्यक्ष नरेश जी राठौड़ ने दिया।
तेयुप अध्यक्ष हितेश सिंघवी तेरापंथ महिला मंडल मंत्री संगम बदामिया अणुव्रत समिति के अध्यक्ष देवीलाल जी सिंघवी, स्थानकवासी से शांतिलाल जी जैन, सीरवी समाज से सवाराम जी सीरवी, प्रायोजक हेमराज जी श्रीश्रीमाल, सूरत से पूनम बुरड़, विरार से तेजराज हिरण, मदन लाल धाकड़ आदि ने अपनी भावनाएं विचारों एवं गीतों के माध्यम से व्यक्त की
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल पालघर के मंगलाचरण से हुआ।
आभार ज्ञापन सभा मंत्री लक्ष्मीलाल जी राठौड़ ने किया।कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी व हितेश सिंघवी ने संयुक्त रूप से किया। अतिथियों व प्रायजको का सम्मान पंचरंगी की पट्टी मोमेंट व साहित्य भेट कर किया गया।
कार्यक्रम में बोईसर, विरार,सफाला, वसई मनोर, सूरत, घोलवड, नालासोपारा केलवा, उमरोली, बोरीवली आदि क्षेत्रों के बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ सभा,तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ किशोर मंडल, कन्या मंडल, ज्ञानशाला परिवार, अणुव्रत समिति के सदस्यों महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम के पूर्व तेरापंथ भवन से सदभावना रैली भी आयोजित की गई। जिसमें अच्छी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
Muni Jinesh Kumar and Muni Parmanand
Mahila Mandal presenting song
Honour
Kanyamandal
Audience