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आज दिनांक 8 जून को प. पू. आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह, राष्ट्रीय अधिवेशन एवं पुरस्कार समारोह श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, कविनगर, गाजियाबाद (उ.प्र.) में आयोजित
ग्वालियर (म. प्र.) के प्रसिद्ध प्राचीन गोपाचल पर्वत पर स्तिथ त्रिशलागिरी पर बालक वर्धमान के माता त्रिशला के गर्भ में होने से लेकर भगवान महावीर के मोक्ष तक के पांच कल्याणकों को प्रतिमाओं के माध्यम से चित्रित किया गया है! माता त्रिशला की बालक वर्धमान के गर्भ में होने को दर्शाती लेटी हुई अतिशयकारी प्रतिमा को जैन ही नही अपितु अजैन भी पूजते है और भारी संख्या में दर्शन करने आते है...विश्व जैन संगठन
त्रिशलागिरी पर्वत की देखरेख व संचालन जैन समाज की संस्था द्वारा किया जा रहा है और गोपाचल पर्वत पुरातत्व विभाग द्वारा संचालित है!
नई दुनिया समाचारपत्र द्वारा त्रिशलागिरी पर प्रकाशित विशेष रिपोर्ट निम्न लिंक पर पढ़े:-
Madhya Pradesh: दुनिया का इकलौता ऐसा स्थान जहां भगवान महावीर के गर्भकाल से मोक्ष तक की है गाथा
त्रिशलागिरी पर्वत ही एक मात्र ऐसा स्थान है, जहां पर भगवान के पांचों कल्याणकों को बताया गया है।