Bangalore (Vijaynagar): 21.10.2018
Workshop `Turning Point` was held by Mahila Mandal in presence of Sadhvi Madhusmita. Saroj Tantia president of Mahila Mandal presented Manglacharan. Smt Prem Bhansali vice president of local mahila mandal welcomed all.
Sadhvi Sahaj Yasha spoke on T and impotence of it. Trust, Tolerance are turning point for self transformation. Sadhvi Madhusmita praised mahila mandal.and she spoke on time management. She also spoke on thankfulness and transparency. Secretary Mahima Patawari explained topic.
बदले स्वयं को TURNING -POINT 'T' के साथ"कार्यशाला
विजयनगर-21अक्टूबर 2018,अर्हम भवन
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल विजयनगर के अंतर्गत "बदले स्वयं को टर्निंग पॉइंट-टी " के साथ कार्यशाला आयोजित की गई।
आचार्य श्री महाश्रमणजी की शिष्या साध्वीश्री मधुस्मिता जी ठाणा-६,के सानिध्य में कार्यशाला का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से हुआ।
तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमति सरोज जी टांटिया ने मंगलाचरण की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी।तेरापंथ महिला मंडल उपाध्यक्ष श्रीमति प्रेमबाई भंसाली ने सभी का स्वागत करते हुए संक्षिप्त में विषय प्रस्तुति दी।
साध्वीश्री सहजयशा जी ने आज की कार्यशाला में 'टी'शब्द की महत्ता को 'टाइम मैनजेमेंट'के द्वारा विस्तार से बताया ही नहीं वरन उसके मूल्य को भी समझाया।साध्वीश्री जी ने पूर्ण व्याख्या करते हुए कहा,'समय सबसे बड़ा धन है,समय को पहचाने,कार्य को सही समय पर नियोजन करे।खोया हुआ धन,सूखी हुई नदी,मुरझाया वन फिर से खिल सकता है,गया हुआ समय वापिस नहीं आता।इस तरह विस्तार से 'टी'शब्द की व्याख्या की।
आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या सरल ह्र्दया साध्वीश्री मधु स्मिता जी ने अपने मंगल उदबोधन में सबसे पहले कार्यशाला में समायोजित विषय को बहुत ही उपयुक्त बताते हुए तेरापंथ महिला मंडल विजयनगर की बहुत सराहना की।साध्वीश्रीजी ने "बदले स्वयं को टर्निंग पॉइंट 'टी 'के साथ" विषय को सारगर्भित शब्दो में विवेचना करते हुए कहा-"क्षमा का उपहार किसी को देकर हम अपना हित संपादित करते है,हमारा मन हल्का हो हम अभय बन जाते है।हमारा दिल पवन की तरह पवित्र जल की तरह निर्मल एवं गुलाब के फूल की तरह मनहादी बन जाता है।क्षमा वरदान है,समाधान है,जीवन का अनुसंधान है।
साध्वीश्रीजी ने कहा- सहिष्णुता के अभाव में रिश्तों के सुरम्य प्रासाद खंडर बन जाते है।सहिष्णुता का विकास करने के लिए"कोई बात नहीं"इस आलंबन सूत्र की ओर बहिनो का ध्यान आकृष्ट करते हुए ऑटोसजेशन एवं मंत्र जप की प्रक्रिया को अपनाने की प्रेरणा प्रदान की।
नैतिकता,प्रमाणकिता से इंसान मनुष्य का ही नहीं देवो के लिए भी विश्वसनीय बन जाता है।विश्वस्त बनने के लिये व्यक्ति को अपने हितों की आहुति देनी पड़ती है। सामूहिक विश्वास की सुरक्षा के लिए व्यक्ति में पारदर्शिता का होना जरुरी है।दुराव- छिपाव संदेह के कारण बनते है,विश्वास का महल एक झोंके में ध्वस्त हो जाता है।साध्वीश्री जी ने कृतज्ञता को बहुत बड़ा आध्यातमिक और व्यवहारिक गुण बताते हुए इसे संस्कारगत बनाने के लिए प्रेरित किया।इस तरह पूर्ण रूप से इस विषय को प्रतिपादित कर कार्यशाला को सफल बनाया।
कार्यशाला का सफल संयोजन तेरापंथ महिला मंडल विजयनगर, मंत्री श्रीमति महिमाजी पटावरी ने करते हुए कहा,-'हर व्यक्ति के जीवन में टर्निंग पॉइंट आता है,या आने वाला होता है,या आ चुका होता है।टर्न करना अर्थात मुड़ना-अपनी भूलों की तरफ,अपने संकल्प की तरफ,समर्पण की तरफ,आत्मविश्वास की तरफ,अपने सत्य की तरफ और सही विचारों की तरफ।इस तरह मंत्री श्रीमति महिमा जी पटावरी ने भी विषय की व्याख्या की।
कार्यशाला में सभी संस्था के पदाधिकारियों के साथ श्रावक- श्राविकाओ की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही।तेरापंथ महिला मंडल की संरिक्षका प्रेरणा सम्मान से सम्मानित श्रीमति चुकीबाई मांडोत एवं परामर्शिका श्री मति मधुजी सेठिया भी उपस्थित रही।
केंद्र से प्राप्त संकल्प पत्र बहिनों को वितरित किये गए।
कार्यशाला में आभार ज्ञापन सहमंत्री श्रीमति सुनीताजी पटावरी ने दिया एवं विशेष सहयोग वरिष्ठ सहमंत्री श्रीमति उषाजी चिंडालिया का रहा।
प्रेषक: महिमा पटावरी(मंत्री)
तेरापंथ महिला मंडल
विजयनगर।
Sadhvi Madhusmita