27.10.2018 ►Vidyavihar ►International Symposium on the Theme of "Jainism: Past, Present & Future"

Published: 10.10.2018
Updated: 23.09.2021

Flyer

Press Note in Hindi

27 सितम्बर 2018

प्रेस नोट

मुंबई में दि. 27 अक्तूबर को "जैनिज़म: अतीत, वर्तमान, और भविष्य” इस विषयपर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

मुंबई: के.जे. सोमैया सेंटर फॉर स्टडीज इन जैनिज़म एवम् ‘प्रबुद्ध जीवन’ श्री मुंबई जैन युवक संघ की ओरसे दि. 27 अक्तूबर 2018 को " जैनिज़म: अतीत, वर्तमान, और भविष्य" इस विषय पर विद्या-विहार, मुंबई में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हो रहा है।

जैन धर्म दुनिया के सबसे प्राचीन धर्मों में एक है और साथ में जैन धर्म, अपने सिद्धांतों की वजह से, आज की दुनिया का मुख्य धर्म हो सकता है. आज विश्व की जो समस्याएं है उनका समाधान जैन धर्म में निहित है, जैसे की अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांतवाद, अस्तेय, पर्यावरण पर भगवान महावीर के सिद्धांत. आजके आधुनिक पीढ़ी के लिए आवश्यक है की वे जैन धर्म का महत्व समझे, जैन धर्म के मूल सिद्धांतों पर उनका ध्यान आकर्षित हो और उसकी वे पालना करें. विश्व में यह पालना अगर हो गयी तो विश्व दूसरी तरह का होगा. परन्तु, वर्तमान में जैनतत्वका प्रचार एवम् प्रसार धीमी गतीसे हो रहा है, जैन युवा साथी जैनत्वकी ओर आकर्षित होते हुए नहीं दिखाई देते, पूरे देश भर में आधा प्रतिशतभी आबादी जैनों की नहीं है, जैन धर्म के मूल सिद्धांतोंको भावी पीढ़ियों के लिए सहेजकर संरक्षित रखना आवश्यक हो गया है, इस सभी बातों का विचार करते हुए के.जे. सोमैया सेंटर फॉर स्टडीज इन जैनिज़म ने इस संगोष्ठी एवम् चर्चा सत्र का आयोजन किया है।

इस चर्चा सत्र में श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के प.पू. मुनिश्री नयपद्मसागर जी म.सा., दिगम्बर संघ के प.पू. आचार्य विभव सागर जी म.सा., श्वेतांबर स्थानकवासी संघ के प.पू. मुनिश्री पारसमुनि जी म.सा., श्वेतांबर तेरापंथ संघ के प.पू. मुनिश्री डॉ अभिजित कुमार जी म.सा., साध्वी श्री शिलापी जी म.सा. का मार्गदर्शन होगा और उनकी उपस्थिति में जैन धर्म के मूल ज्ञान की मौजूदा स्थिति एवम् भविष्य के बारे में निष्पक्ष एवम् खुली चर्चा होगी। वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन होगा तथा भविष्य के बारे में चर्चा होगी। जैन धर्म के मूल तत्वों को बढ़ावा देने एवम् संरक्षित करने हेतु, रचनात्मक कार्यवाही करने हेतु संगोष्ठी विशेष रूप से मददगार होगी ऐसा विश्वास संयोजन करने वाले कार्यकर्ताओं को है।

इस संगोष्ठी में पद्म भूषण डॉ डी आर मेहता (फाउंडर एंड चीफ पैट्रन ‘जयपुर फुट’ भगवन महावीर विकलांग सहायता समिति), प्रसिद्ध श्री वल्लभ भंशाली (सह-संस्थापक, एनाम समूह मुंबई), डॉ सुधामाही रेजुनाथन (भूतपूर्व कुलपति, जैन विश्व भारती संस्थान), डॉ समनी चैतन्य प्रज्ञा (संस्थापक निदेशक, भगवान महावीर इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर, जैन विश्व भारती संस्थान), साधिका डॉ प्राग्भा विराट (संपादक, ‘चरम मंगल’ मासिक पत्रिका), डॉ सुलेख जैन (भूतपूर्व अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ़ जैन एसोसिएशन इन नार्थ अमेरिका (जैना)), डॉ भागचंद्र जैन 'भास्कर' (प्रसिद्ध जैन धर्म प्रोफेसर), डॉ जितेंद्र बी शाह (निदेशक, एल डी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी), डॉ शुगन जैन (भारतीय अध्यक्ष, इंटरनेशनल स्कूल फॉर जैन स्टडीज),और श्री प्रवीण के शाह (अध्यक्ष, जैना एजुकेशन कमिटी, अमेरिका) आदि महानुभावों ने संगोष्ठी के लिए उपस्थित होकर मार्गदर्शन करने की स्वीकृति दी है। जैन धर्म के नितीमुल्योंको भावी पीढ़ी के लिए सहेजने एवम् संरक्षित करने हेतु इस चर्चा सत्र का आयोजन महत्वपूर्ण है। जैन इंटरनेशनल ऑर्गनिज़ैशन (जिओ) इस संगोष्ठी के मुख्य प्रायोजक हैं। संगोष्ठी में भाग लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करे: https://kjscsj.somaiya.edu। यह जानकारी संगोष्ठी के प्रमुख संयोजक श्री हितेश मुथा इन्होंने दी।

आपका धन्यवाद,
आपका आभारी,

हितेश मुथा
प्रमुख संयोजक
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी "जैनिज़म: अतीत, वर्तमान, और भविष्य", मुंबई
(+919821360405)


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Sources
Hitesh Mutha
Convener of the Symposium
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