Mumbai: 02.09.2018
Gyanshala day was celebrated in presence of Sadhvi Anima Shree and Sadhvi Mangal Pragya. Family Training camp was also held. Sadhvi Sadhvi Anima Shree whatever speak touches heart of audience, everyone hear with full attention and feel got new direction. Sadhvi Mangal Pragya inspired guardians to depute children to Gyanshala. She told Acharya Tulsi gave new dimension to society. Sanskar is very important. Good sanskar make future of children bright.
Sadhvi Anima Shree told it is our duty to givr respect to parents. In this world except mother anyone can cheat.
Sadhvi Sudha Prabha gave information of forthcoming programme. Sadhvi Samatva Yasha presente song. Sadhvi Maitri Prabha and Sadhvi Karnika Shree also express es their views. Rally was taken out in morning by Gyanshala Children. Kishanlal Dagalia gave information of Guru Darshan journey. Renu Bolia conductor function. Information was given by media incharge Nitesh Dhakad.साध्वी श्री आणिमाश्रीजी व साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सांनिध्य में महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल के प्रांगण में ज्ञानशाला दिवस एवं परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन शानदार ढंग से किया गया। साध्वी श्रीजी के मार्मिक एवं भावपूर्ण प्रवचन का श्रवण कर विशाल परिषद भाव विभोर हो गई वही साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के प्रवचन से अभिभावकों ने नई प्रेरणा प्राप्त करते हुए बच्चों को ज्ञानशाला में भेजने का संकल्प किया।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने संस्कारो की शाला ज्ञानशाला विषय पर प्रेरक प्रस्तुति देते हुए कहा गुरुदेव श्री तुलसी भविष्य दृष्टि, दूरदृष्टि महापुरुष थे। उन्होंने संस्कारो की धरोहर संस्कारो की अमूल्य संपदा की सुरक्षा के लिए ज्ञानशाला के उपक्रम को शुरू करवाया। ज्ञानशाला में मिलने वाले संस्कार विनम्रता, सहनशीलता, प्रमाणिकता व व्यवहार कुशलता खोजे सद्गुण मोतियों से बच्चे के शुभ भविष्य का निर्माण हो सकता है। संस्कार निर्माण का समय बाल्यावस्था है, उस समय जो संस्कार दिए जाते है, वे स्थायी बन जाते है। बालक के संस्कार निर्माण में माँ की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। माँ बच्चे के जीवन रूपी पोथी पर जिन अक्षरों को लिखती है, वे अक्षर बच्चे की अमिट भाग्य लिपि बन जाते है। अभिभावक बच्चों के भीतर सत्संस्करो का पल्लवन हो इसलिए जागरूक बने एवं बच्चो को ज्ञानशाला में जरूर भेजे।
साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने जन्मदाता माता पिता पर उदबोधन देते हुए कहा हमारे जीवन का माता पिता से हुआ है। उन्ही की बदौलत आज हमारा अस्तित्व है। इस सुंदर संसार को देख पा रहे है। पिता जीवन का संबल व शक्ति है। पिता का सुरक्षामय कवच बचपन को अनाथ बनाए रखने से बचाता है। पिता घर की रौनक व बच्चे के हर सपनो को अपना बनाने का मत्त्वपूर्ण स्रोत है। माँ त्याग का महाप्रज्ञ है, ममता का महासागर है, सहनशीलता की प्रतिमूर्ति है माँ । माँ के आंचल में सूरज की रोशनी है, चाँद की चाँदनी है, तारो की टिमटिमाहट है, फूलो की खुशबू है, झरनों का कायकल स्वर है। माँ पिता कर्ज उतारने का फर्ज अदा कीजिए। सच मानिए दुनिया मे सब ओर तो धोखा खाया जा सकता है, किन्तु माँ कभी धोखा नही दे सकती । माँ बाप के उपक्रमो के प्रति कृतज्ञ बने उनके धार्मिक अनुदान में सहभागी बने तभी ऋण से उतऋण बन पाओगे। प्रशिक्षिका रेखा, रेणु, मोनिका, सिंघवी, राजश्री कच्छारा, सरला कोठारी, आशा पोरवाल, निर्मला पोरवाल, आशा कच्छारा, विजयश्री डागलिया, ने मंगल संगान किया। ज्ञानार्थी संयम, कृशा, देव, तन्मय, विधि, अर्थ, राठौड़, गुन बोथरा, ने आसनों के प्रयोग व लाभ नवीन शैली में प्रस्तुति दी। ज्ञानार्थी संयम, दिनिशा, लविशा, लिसिका, आर्यन, अर्थ राठौड़ अर्थ कच्छारा, वीर कच्छारा, तन्मय जवेरी, महक ओसवाल, वीर वागरेचा, प्रगति, निया तनिष्क, विश्व डागलिया, ने भिक्षु जीवन यात्रा की सुंदर प्रस्तुति दी। साध्वी सुधाप्रभाजी ने आगामी कार्यक्रमों की प्रभावी शैली में जानकारी दी। साध्वी स्मतव्यशाजी ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी कर्णिका श्रीजी व साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने विचार रखे। कार्यक्रम का कुशल संचालन रेणु बोलिया ने किया। किशनलाल डागलिया ने दक्षिण मुम्बई से जाने वाले गुरु दर्शानार्थी संघ की जानकारी दी। प्रवचन से पूर्व ज्ञानशाला के बच्चो की संस्कार रैली का कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें तेयुप, महिला मंडल, अणुव्रत समिति, महाप्रज्ञ विधा निधि फाउंडेशन के पदाधिकारि भी शामिल हुए। भव्य व आकर्षक रैली ने बच्चो को ज्ञानशाला में भेजने की प्रेरणा दी। यह जानकारी तेयुप दक्षिण मुम्बई के मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने दी
Sadhvi Anima Shree and group