11.08.2018 ►Siliguri ►Nikhil Bararia welcomed for Fast of 8 Days

Published: 12.08.2018

Siliguri: 11.08.2018

Nikhil Bararia 12 years son of Rakesh Bararia completed fast of 8 days with inspiration of Sadhvi Sangit Shree. He was felicitaed by all organisation of Terapnth sect in presence of Sadhvi Sangit Shree. She explained how Nikhil was motivated to complete task of his fast. She praised his morale and described impotence of Tap. Prakash Chindalia editor of
Rashtriy Mahanagar also spoke in function. Madam Sancheti conducted function.
सिलीगुड़ी। धर्मनिष्ट एवं उत्साही युवा तेरापंथी श्रावक श्री राकेश बरड़िया के 12 वर्षीय पुत्र निखिल बरड़िया की अठाई (आठ दिनों तक निराहार तपस्या) का पारणा शुक्रवार को समाजजनों की भारी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इसके पूर्व तेरापंथ भवन में बालक निखिल की तपस्या की सामाजिक व संघीय अनुमोदना का आयोजन आचार्यश्री महाश्रमण की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री संगीतश्री जी के पावन सानिध्य में हुआ।

इस अवसर पर समाज ने शोभायात्रा के साथ निखिल को घोड़ी पर तेरापंथ भवन पहुंचाया। तेरापंथी धर्मध्वजा आकाशमान होकर फहर रही थी। चमकते लाल रंग की भारतीय पोशाक एवं सर पर केसरिया पगड़ी में सुसज्जित तपस्वी बालक निखिल के चेहरे पर स्मित मुस्कान उसकी तपो-भावना की अनुमोदना स्वयं कर रही थी। लगभग दो किलोमीटर की इस पदयात्रा में पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ था।

पुरुष-नारी सभी उत्साह के साथ भगवान महावीर, आचार्य भिक्षु, आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ एवं आचार्य महाश्रमणजी के जैकारे लगा रहे थे। निखिल बरड़िया सरदारशहर निवासी-कोलकाता व गंगारामपुर प्रवासी स्व. तोलाराम-रतनी देवी बरड़िया का पौत्र है एवं राकेश-सीमा बरड़िया का एकलौता पुत्र है।

बताना प्रासंगिक है कि निखिल के पिता राकेश बरड़िया, माता सीमा बरड़िया, बहनें रासी, खुशी- सभी ने अठाई की तपस्याएं की हैं। इनका पूरा परिवार धर्मसंघ के प्रति समर्पित है। निखिल का ननिहाल राजलदेसर का चिण्डालिया परिवार है। इसके प्रनानाजी गुलाबचन्द चिण्डालिया जैन विश्व भारती एवं जय तुलसी फाउण्डेशन के अध्यक्ष तथा तेरापंथी महासभा के महामंत्री रह चुके हैं।

आचार्यश्री महाश्रमण की सुशिष्या साध्वीश्री संगीतश्रीजी ने अपने प्रेरणा पाथेय में फरमाया कि सिलीगुड़ी में 12 वर्षीय बालक द्वारा की गयी अठाई की यह प्रथम तपस्या है। साध्वी संगीतश्रीजी ने अपने पावन सम्बोधन में तप की महिमा पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु ने तप-साधना और मर्यादा को आत्मकल्याण का मार्ग माना। उन्होंने कहा कि मनुष्य कितना भी व्यस्त रहे, लेकिन अपने आत्मकल्याण के लिए उसे हमेशा धर्मपथ पर अग्रसर रहना चाहिए। उन्होंने अपने सारगर्भित वक्तव्य में आगम के कई सूत्रों का उल्लेख भी किया।

विराजित सहवर्तिनी साध्वीवृन्द ने गीतिका के माध्यम से तप की अनुमोदना की। स्थानीय तेरापंथी सभा के अध्यक्ष हेमन्त कोठारी, मंत्री किशन आंचलिया, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष पंकज सेठिया, मंत्री दीपक बोथरा, अणुव्रत समिति के मदन मालू, ज्ञानशाला के राष्ट्रीय प्रबारी तोलाराम सेठिया, नरेंद्र सिंघी, महिला मंडल से कुसुम डोसी, मनीषा सुराणा, रेंवती देवी पारख तथा अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी अनुमोदना करते हुए निखिल को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर साध्वीवृन्द के सानिध्य में निखिल को उपहारस्वरूप को आचार्यप्रवर के चित्र तथा साहित्य आदि भेंट किए गए।

इस अवसर पर कोलकाता से प्रकाशित दैनिक राष्ट्रीय महानगर व साप्ताहिक विधाननगर संदेश के प्रधान सम्पादक प्रकाश चण्डालिया ने कहा कि संस्कारी बालक निखिल की तपस्या से पूरे परिवार का मान बढ़ा है। ऐसे तपस्वी जनों से समाज का भी मान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि निखिल छुटपन से ही धर्म के प्रति गहन आस्था रखता रहा है। तेरापंथी साधुओं के बीच रहना तथा धार्मिक विषयों को कंठस्थ करना उसे अच्छा लगता है। वह निय़मित रूप से ज्ञानशाला जाकर वहां संस्कार व धर्मशिक्षा प्राप्त करता है। कोलकाता में पिछले वर्ष आचार्यश्री महाश्रमण के चतुर्मास के दौरान वह अपने परिवार के साथ सिलीगुड़ी से कोलकाता आया करता और सेवा किया करता। निखिल पढ़ाई में भी काफी मनोयोग लगाता है। वह बचपन से ही धर्मसंघ में दीक्षा लेकर साधु बनने का भाव प्रगट कर चुका है।

इस अवसर पर कोलकाता से राजेश-रश्मि बरड़िया, सीमा चण्डालिया, राकेश-सुनीता चिण्डालिया, चिराग-शिल्पी चण्डालिया सहित समीपस्थ अन्य स्थानों से भी श्रावक परिवारों से लोगों ने तप की अनुमोदना की। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश ललवानी, कवि पत्रकार करन सिंह जैन एवं एमएमबीजी बोर्ड सदस्य एवं संवाददाता शशिकला बैद ने भी शुभकामनाएं देते हुए तप का अनुमोदन किया। इस अवसर पर सैंकड़ों श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थीं।

इस अवसर पर पंकज भंसाली की धर्मपत्नी पिंकी भंसाली की अठाई की तपस्या की अनुमोदना भी उपरोक्त समस्त संस्थाओं की ओर से की गयी। भंसाली परिवार की ओर से बालिकाओं ने गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का सुन्दर संचालन तेरापंथी सभा के उपाध्यक्ष मदन संचेती ने किया।

Welcome of Nikhil in presence of Sadhvi Sangit Shree

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Sushil Bafana
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