12.07.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 12.07.2018
Updated: 13.07.2018

Update

Keep it up guys.. मुंबइ मे भारि बारिस से कंइ रेल्वे स्टेशनो पर कंइ घंटोसे लंबि दूरीकी ट्रेने रुकी हुइ हे... ऐसे मे हमारे जैन भाइयोने सेवाकी गुहार लगा दी हे सभी मुसाफरो को चाय नास्ता बिस्कीट आदी दिये जा रहे हे...

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News in Hindi

आज चौदस के दिन प्रकट हुए शांतिनाथ जी भगवान.. आज नांदगाव के पास साकोरागाव मे भुगर्भसे शांतिनाथजी की प्रतीमा निकली 🙂🙏

ओह जगत के शांति दाता शांति जिनेश्वर जय हो तेरी..

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मुनिश्री प्रमाणसागर जी महाराज द्वारा महत्त्वपूर्ण शंका समाधान

गुरुवर! नमोऽस्तु! गुरुदेव! आचार्यश्री का अन्य संघों के आचार्यों-मुनियों के साथ कैसा दृष्टिकोण रहता है? प्रायः यह कहा जाता है कि वे मिलते नहीं हैं। आप स्पष्ट कीजिए।

Ans.. गुरुदेव हमेशा कहते हैं साधु का सत्कार करो। मुझे स्मरण है शायद कुंथुकुमार जी भी साथ में थे, तब मयंकसागर जी महाराज इधर से निकले थे। कुंथुकुमार जी आपने देखा कि कैसे संघ ने भव्यता से अगवानी की।

जो साधु हैं, जो साधना करते हैं, हमारे संघ में उनका हृदय से स्वागत होता है। जो साधु के नाम पर आरम्भ परिग्रहों से जुड़े होते हैं, हमारा संघ उनसे सुरक्षित दूरी रखता है।

🔅जहाँ तक अन्य संघों एवं आचार्यों के साथ व्यवहार का सम्बन्ध है, मुझे याद है जब आर्यनन्दी जी महाराज आए थे, तो गुरुदेव ने स्वयं उनकी अगवानी की थी, संघ ही नहीं, वह खुद भी गए थे। इसके अलावा किसी अन्य महान् आचार्य या वरिष्ठ आचार्य के संघ में आगमन की कहानी तो मुझे याद नहीं।

🔅कुछ लोग कहते हैं कि गुरुदेव नहीं मिलते तो मैं पूरी समाज से यह कहना चाहता हूँ कि वह नहीं मिलते तो यह मत कहो कि वह नहीं मिलते, यह सोचो कि क्यों नहीं मिलते? नहीं मिल रहे यानी कुछ है। जहाँ सब कुछ सही है वह हृदय से लगाते हैं।

🔅आचार्य धर्मसागर जी महाराज की जब समाधि हुई, वाचना चल रही थी, ललितपुर में संघ था, मैं उस समय उपस्थित था। १९८७ की बात है, गुरुदेव ने पूरी वाचना बन्द करके श्रद्धांजलि सभा रखवाई।

🔅अजितसागर जी महाराज की जब समाधि हुई ललितपुर में, १९८८ में वाचना चल रही थी, उनके लिए विनयांजलि प्रकट की गई।

🔅आचार्य कल्पसागर जी महाराज जब बारह वर्ष की सल्लेखना में निरत थे तब मुझे याद है कि आचार्य गुरुदेव ने मेरे सामने ब्रह्मचारी राकेश को कहा कि तुम मेरी तरफ से जाओ और महाराज से मेरी नमोऽस्तु कह कर आओ और उन्हें कहना कि मेरी तरफ से किसी भी प्रकार का कोई विकल्प नहीं रखें। यह आचार्य विद्यासागर का चरित्र है।

🔅वे लोग जिन्हें कुछ अता-पता नहीं, जो व्यर्थ में पन्थवाद को हवा देते हैं और समाज में जहर घोलते हैं, वही आचार्य विद्यासागर जी के नाम पर उल्टी-सीधी बातें बोलते हैं।

🔅आचार्य विद्यासागर जी का दृष्टिकोण समझना है तो किशनगढ़ के लोगों से पूछो जब किशनगढ़ की आदिनाथ पञ्चायत ने वहाँ पञ्चकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया था और उस पञ्चकल्याणक के लिए गुरुदेव उपस्थित हुए थे। कुण्डलपुर स्वर्णिम यात्रा से विहार करके गए। पण्डित मूलचन्द जी लुहाड़िया की उसमें मुख्य केन्द्रीय भूमिका थी और आचार्य महाराज जब किशनगढ़ में प्रवेश किए तो पहले सीधे मुनिसुव्रत जिनालय में गए और वहाँ विराजमान आचार्यकल्प श्रुतसागर जी महाराज के संघ से मिले, फिर जाकर पञ्चकल्याणक स्थल पर पहुँचे। यह आचार्य विद्यासागर का दृष्टिकोण है।

🔅समाज को समझने की जरूरत है और आप जब तक इसे नहीं समझेंगे तब तक ऐसे महान् व्यक्तित्व को ठीक तरह से नहीं समझ पाएँगे

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कल आचार्य विद्या सागर जी महाराज ससंघ का पदार्पण होगा PNC Infratech Ltd के छतरपुर- खजुराहो six lane प्रोजेक्ट site camp पर! इस समाचार से पूरे परिवार व PNC ग्रुप में भारी खुशी छा गयी है! PNC ग्रुप के मुखिया श्री प्रदीप जैन जी आगरा ने बताया कि आचार्य श्री के संघ की व्यवस्था के लिये उक्त साइट कैम्प के सभी 40 कमरे खाली कर चौके लगाने के लिये स्थानिय समाज को दे दीये गये हैं, आफिस सैक्शन में आचार्य श्री के संघ की व्यवस्था हेतु खाली कीया जा रहा है! सभी कर्मचारियो को अन्य स्थान पर शिफ्ट कीया गया है, उन्होंने बताया कि दूरी के कारण वे स्वयं तो नहीं पहुंच पा रहे परन्तु कम्पनी के जितने भी जैन कर्मचारी व आफीसर हैं उन्हैं कल आचार्य श्री की भव्य अगवानी के लीये लगाया गया है!

गुरु के चरण रज पणने की खुशी से धन्य हो गया है PNC समूहू!

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