28.05.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 28.05.2018
Updated: 29.05.2018

Update

#AncientJainism कंबोडिया में जैन विरासत की खोज महासमिति एवं महासभा के संयुक्त प्रयास से... विश्व के सबसे बड़े मंदिर कांप्लेक्स अंगकोर वाट जो कंबोडिया में स्थित है उसके दर्शन किए #Share Please Maximum!

400 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है, जिसकी दीवारों पर रामायण महाभारत एवं श्री कृष्ण का गोवर्धन पर्वत उठाने जैसे चित्र अंकित है, मेरी यात्रा निर्मल सेठी जी एवं अन्य 15 विद्वानों के साथ, यह जानने के लिए थी कि कंबोडिया में जैन अवशेष एवं मूर्तियां पाई गई है, इस मंदिर में 5 बहुत ही विशाल शिखर है जो पंच मेरु से संबंधित हैं पंच मेरु की पूजा जैन समाज प्रतिदिन करता है, इस अवसर प!र एक सेमिनार का भी आयोजन हुआ जिसमें हमने कंबोडिया में भारत के राजदूत एवं कंबोडिया सरकार के सांस्कृतिक एडवाइजर श्री अभी जान को यह समझाने का प्रयास किया कि मूल रूप से यह एक जैन मंदिर है एवं इसकी परिकल्पना इसी हिसाब से की गई है, इस मंदिर के पास ही एक अन्य मंदिर है जिसे वे बयान टेंपल कहते हैं जो कि 52 नंदीश्वर द्वीप के 52 चैत्यालय जैसा निर्मित किया गया है, शिखर में चारों तरफ बड़ी बड़ी मूर्तियां जो जैन मूर्तियों के समान ही है उकेरी गई है इन दोनों मंदिरों की रचना से वहां पर जैन समाज का होना के दावे को पुख्ता करता है, इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था उस समय कई जैन व्यापारी व्यापार के लिए कंबोडिया वियतनाम एवं श्री लंका जाया करते थे और उनका बहुत अच्छा दखल था उनके प्रभाव से जैन धर्म को वहां मानने वाले कई लोग थे एवं वैभवशाली भी थे

इस संबंध में जैन व्यापारियों के प्रमाण सहित एक पेपर श्रीमती वर्षा रानी ने भी प्रस्तुत किया और उस समय का व्यापार कैसे राजनीति से प्रभावित था यह बताने का प्रयास किया, संलग्न कुछ फोटो जरूर अवलोकन करें जिसमें अंगकोरवाट एवं बयान टेंपल के कुछ दृश्य है शेष समाचार अगली पोस्ट में

अशोक जैन बड़जात्या -अध्यक्ष दिगंबर जैन महासमिति

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

अतिशय क्षेत्र नांदगीरी - नांदगिरि एक दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र (गुफा मंदिर) है जो वर्षो से उपेक्षित और निर्जन पड़ा था । ये कल्याणगढ़ किले का ही एक हिस्सा है जो की समुद्र तल से ३५३७ फ़ीट की उचाई पर एक पहाड़ पर है । ये क्षेत्र महाराष्ट्र के सातारा जिले की कोरेगाँव तालुका में है और सातारा से मात्र २५ किलोमीटर है ।

इस गुफा मंदिर में भगवन पारसनाथ जी की प्राचीन और अतिशयकारी प्रतिमाजी विराजमान है। गुफा में वर्ष के ८ -९ महीनो तक २ फ़ीट के करीब पानी रहता है, किन्तु वह लोहे की रेलिंग लगी है जिसकी मदद से गुफा में स्थित जैन मंदिर तक आसानी से पंहुचा जा सकता है ।

ये क्षेत्र (गुफा मंदिर) सर्व प्रथम नन्द् राजा ने बनवाया था, नन्द राजा और उसके मंत्री सभी जैन थे । ज्ञान कोष में भी ये नन्दगढ़ के नाम से दिया गया है । किसी समय यहाँ और आस पास हजारो जैन रहते थे किन्तु काल के प्रभाव से और दुर्भाग्य से आज एक भी जैन यहाँ नहीं है । और इसी वजह से यहाँ विधर्मी, अन्य धर्मी और अन्य सम्प्रदाय के लोगो ने कई बार इस गुफा मंदिर पर कब्ज़ा करने का प्रयत्न किया (२००२ में और २०१० में), जिसके कई मुकदमे आज भी चल रहे है । और गुफा में ही एक अन्य धर्मी नवीन प्रतिमा तो आज भी विराजमान है, जिसे हटाना अब संभव नहीं है, किन्तु हमें अपने गुफा मंदिर और प्रभु पार्श्वनाथ की प्राचीन प्रतिमा को बचाना ही होगा । हमें जल्द से जल्द ध्यान देकर और क्षेत्र का दर्शन करके स्थिति को सम्भालना होगा । सातारा के जैन समाज के प्रयासों से अब यहाँ पहाड़ की तलहटी में एक नवीन धर्मशाला, भोजनशाला, और संत निवास का निर्माण कार्य प्रगति पर है । गुफा मंदिर को बुलेट प्रूफ बनाया गया है ताकि कोई समाजकंटक प्रतिमा जी को नुक्सान न पहुचाये । और प्रभु प्रतिमा जी का वज्र लेप भी किया गया है । भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी ने भी इस क्षेत्र को अतिशय क्षेत्रों की सूची में दर्ज़ कर लिया है ।
बंधुओ...संवर्धन से पहले संरक्षण अति आवश्यक है...अतः आप सभी से अनुरोध है की जानकारी को अधिक से अधिक शेयर कर अपने सधर्मी बंधुओ तक पहुचाये

| जय जिनेन्द्र | उत्तम क्षमा |

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Update

Source: © Facebook

Bhagwan Rishabhadeva Glorious Idol.. more than 2000 year old.. 😍😍 करो रे अभिषेक प्रभु का.. निहारो रे जिनेंद्र देव प्रभु को 🙂

Place: Devaltand near Rangamaati Tata Road, 75km from Ranchi.. shared by mr. amit jain from ranchi..

News in Hindi

Video

Source: © Facebook

क्या बात... क्या बात!! अनासक्त महायोगी आचार्य श्री विद्यासागर जी के लिए मुनि श्री प्रणम्यसागर जी द्वारा गयी पंक्तिया गुरु के लिए भाव व्यक्त कर रही हैं #रोंगटे • watchListen 🙂🙂🙂😍😍😍 Beauiful words

मुख की छठा की छवी लागे ऐसी प्यारी जैसे! चाँदनी चकोर सम पूनम की प्याली है.... wah wah 🙏

today pic.. मुनि श्री प्रणम्यसागर जी के के कांटा लग गया था जिससे वे चल नहीं पा रहे हैं.. विहार नहीं कर पा रहे हैं.. दर्द बहुत हैं.. अन्य मुनिराज पैर देखते हुए.. #MuniPranamyasagar #ArhamYoga

Sab prey kare jaldi thk ho maharaj ji ka pair.. 😊

5 ऋषिराज @ कृष्णानगर दिल्ली - #आचार्यविद्यासागर जी के शिष्य मुनि प्रणम्यसागर जी महाराज के 15 दिन पहले जंगल जाते हुए पैर के कांटा लग गया था.. जिससे महाराज जी के पैर में 15 दिन से बहुत सुजन आई हुई हैं.. दर्द बहुत हैं चल नहीं पा रहे हैं... विहार करना चाहते हैं जा नहीं पा रहे हैं.. इसलिए आज मुनि वीरसागर जी, विशालसागर जी, धवलसागर जी आज कृष्णानगर मंदिर में मुनि श्री का हाल-चल देखने आये.. अब कृष्णा नगर मे मुनि चन्द्रसागर जी सहित 5 महाराज विराजमान हैं! #AcharyaVidyasagar दर्शन लाभ ले इस अवसर का!

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Digambar
      • Acharya Vidya Sagar
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Amit Jain
          2. अशोक
          3. आचार्य
          4. कृष्ण
          5. ज्ञान
          6. दर्शन
          7. पूजा
          8. भाव
          9. महाराष्ट्र
          10. शिखर
          Page statistics
          This page has been viewed 834 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: