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Management Of Bhav & Dravy AaharDaan Course.. साधुओ को आहारदान देने का बहुत का मन होता हैं परन्तु पता नहीं होता कैसे आहार देते हैं.. क्या भोजन बनाते हैं.. क्या विधि हैं.. क्या रूल्स फॉलो करते हैं... कब कैसे भोजन देना चाहिए.. etc #mustRead #shareMaximum..
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#श्रमण_संस्कृति_और_वैदिक_व्रात्य
पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज,अतिशय क्षेत्र पपौरा जी,जिला टीकमगढ,म.प्र. में भारतीय ज्ञानपीठ,नई दिल्ली से सद्यः प्रकाशित कृति;" श्रमण संस्कृति और वैदिक व्रात्य " पर लेखक प्रो.फूलचंद जैन प्रेमी जी,वाराणसी से महत्वपूर्ण विमर्श करते हुए।
प्रत्येक जिज्ञासु को यह पुस्तक अवश्य पढना चाहिए खासकर प्रत्येक जैन को। इस पुस्तक में लेखक ने व्रात्य, शिश्नदेव, पणि, असुर,दास आदि वेदो के पूर्व वर्गो का उल्लेख किया है और उन्हे वेदो के आधार पर जैन सिद्ध किया है, वाल्मीकीकृत रामायण में शबरी प्रसंग, महादेव और ऋषभदेव आदि विषयो पर बहुत अच्छा लिखा है।
लेखक ने पुस्तक की प्रस्तावना में लिखा है कि 20-25 वर्ष पूर्व मैंने इस विषय पर शोध आलेख लिखे उन्हे आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज को दिखाया तब आचार्यश्री को वह बहुत पसंद आए और उन्होने इस विषय पर अन्वेषण कर अधिक लिखने के लिए कहा अपने सब शिष्यो को भी वह पढने के लिए कहा।
यह पुस्तक भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित है सब एक बार स्वाध्याय की जगह इसे अवश्य पढे।
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#समाधी_मरण
अशोक नगर में अभी अभी संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या वंदनीय आर्यिका मां प्रभावना मति माताजी की समाधी वंदनीय आर्यिका माँ अनंतमति माताजी एवं भावनामति माताजी के ससंघ के सानिध्य में हुई....सभी अनुमोदना कर समाधिष्ट आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करे...👏🏻👏🏻👏🏻
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आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक आज्ञानुवर्ती शिष्य पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी मुनिराज व मुनि श्री चंद्रसागर जी मुनिराज* का पावन सानिध्य दिनांक 6 मई 2018 को *विश्व जैन संगठन* के *वार्षिक अधिवेशन - 2018* के अवसर पर *स्याद्वाद भवन, विश्वास नगर, दिल्ली-32* में आयोजित *विशाल निशुल्क चिकित्सा जांच, सलाह और कैंसर जांच व जागरूकता शिविर* में....विश्व जैन संगठन
चिकित्सा शिविर में *प. पूज्य मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी मुनिराज* द्वारा *रोगमुक्त स्वस्थ शरीर व चिंतामुक्त स्वस्थ मन* हेतु विशेष प्रवचन दिए गए एवं अर्हम मंत्र द्वारा रोगों के उपचार हेतु मार्ग दर्शन दिया गया
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#आचार्यविद्यासागरजी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य #मुनिप्रमाणसागर जी महाराज ने आज केशलोंच किया।
दिगंबर मुनि अपने बालो को कम से कम 2 महीने और ज्यादा से ज्यादा 4 महीने में अपने हाथो से उखाड़ लेते हैं, वे कटवाते नहीं हिं क्योकि उनके पास ना तो कैची हैं और श्रावक से कभी कुछ मांग नहीं सकते हैं... अपरिग्रह का आजीवन पालन करते हैं.. मयूर के पंख की बनी पिंची रखते हैं जिससे उठाते बैठते चलते कोई जीव आगे आजाये तो उसको हटा दे क्योकि मयूर की पंख सबसे कोमल होते हैं.. एक जल का कमण्डलु रखते हैं उसमे पानी पिने के लिए नहीं बल्कि लघुशंका/ हाथ धोने आदि के लिए करते हैं.. ओर वो जल रोज़ श्रावक लोग अच्छे से छान कर ओर गरम करके उनके कमंडलु में भर देते हैं और ग्रन्थ रखते हैं पढने और स्वाध्याय के लिए 🙂 #AcharyaVidyasagar
वर्तमान में आचार्य विद्यासागर जी आदर्श मुनि और आचार्य माने जाते हैं जैन धर्मं के जो महाबीर स्वामी के मार्ग को जिवंत प्रदर्शित कर रहे हैं!!
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today video @ PaporaJi...आर्शीवाद दिया #Smile_EverLasting_Smile 🙂 #share
आचार्य श्री ने कहा अंग्रेजी कि वजह से Russian, German, Chinese जैसी महान भाषा भारत से कट गयी, एक व्यक्ति ने जब पडाल में इंडिया कहा तो आचार्य श्री बोले ये इंडिया नहीं भारत है, 'भरत का भारत', इंडिया बोलकर क्यों आप लोग इनका नाम बिगाड़ रहे है! आचार्य श्री ने आगे संयम के ऊपर भी बोला कि संयम धारण करो, फिर आगे कहा हमने अपना पहला अध्ययन आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के सानिध्य में हिंदी में ही पढ़ा था, आज तक मेरे कान में आचार्य गुरुदेव का वाणी गूंजती है जब वे हिंदी में प्रवचन देते थे, वैसे हम आज भी गुलाम है अंग्रेजी के, जब china स्वतंत्र हुआ उसने तभी घोषणा कर दी कि कोई भी इंग्लिश नहीं बोलेगा सिर्फ chinese बोलेगा, और यही जापान ने भी किया!
नारेली जैन मंदिर, पञ्चकल्याणक हेतु आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रतीक्षा करता हुआ... Nareli Jain Temple is a modern Jain temple complex, located on the outskirts of Ajmer at Kishangarh Bypass ✿⊰
Nareli Jain Temple, is a relatively new Jain Temple. Ashok Patni of RK Marbles constructed this temple.This Jain monument is located some 7km southeast of Ajmer (Rajasthan) on the Jaipur bypass. This Temple is a striking edifice mixing traditional and contemporary architectural styles to somewhat quirky effect, with 24 further miniature temples(Choubisi) lined up on the hill above. The temple is big and is a masterpiece of Jain architecture. It offers authentic Jain food at fixed hours.
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