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अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दूसरी बार जज बनने पर जस्टिस दलबीर भंडारी का रविवार काे नागरिक अभिनंदन किया गया।
23/4/2018
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दूसरी बार जज बनने पर जस्टिस दलबीर भंडारी का रविवार काे नागरिक अभिनंदन किया गया। पुष्करवाणी ग्रूप ने बताया कि अखिल भारतीय श्री जैन र| हितैषी श्रावक संघ और अखिल भारतीय श्रावक संघ की ओर से मेडिकल कॉलेज के सभागार में समारोह हुआ। इस मौके पर जस्टिस भंडारी ने दूसरी बार उनको जज चुने जाने की पूरी प्रकिया बताते हुए कहा, कूटनीतिक तौर पर भारत की ताकत बढ़ी है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय स्थापित हुआ है, तब से यह पहला मौका है जब ब्रिटेन का कोई जज इसमें नहीं हैं। उन्होंने कहा, कि चुनाव की प्रक्रिया जितनी रोचक है, उतनी ही जटिल भी। मेरे पक्ष में पी 5 देश के अलावा अन्य सभी देश एकमत थे। पहले रूस भी साथ में था, लेकिन जब सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य ब्रिटेन के प्रतिनिधि होने के कारण उसने हाथ खींच लिए। फिर भारत व ब्रिटेन के बीच मुकाबला हुआ। यूएन के अन्य सदस्य देशों के भारत के साथ होने की ताकत देख ब्रिटेन ने भी हाथ खींच लिए और उन्हें 183 वोट मिले। ये जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की जीत है। इससे सुरक्षा परिषद में भारत को स्थाई सदस्यता मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट को अवमानना का अधिकार नहीं मेडिकल कॉलेज सभागार में जस्टिस भंडारी का अभिनंदन किया गया। जस्टिस भंडारी ने यह भी बताया, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट को अवमानना का अधिकार नहीं हैं, फिर भी सभी देश उसका निर्णय मानते हैं। हाल ही में अफ्रीका के दो देशों में इकोलॉजी को लेकर बड़ा निर्णय हुआ। तीन सौ पेड़ काटने पर कोर्ट ने पेड़ों की 70 साल की आयु जितना जुर्माना वसूला। यहां तक कि कोर्ट ने कई बार विश्व में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। थाईलैंड व कंबोडिया जैसे देशों में तनाव के बाद कोर्ट के हस्तक्षेप से शांति स्थापित की गई।
इन्होंने भी विचार व्यक्त किए: अध्यक्षता कर रहे संघ के अध्यक्ष पी. शिखरमल सुराणा, विशिष्ट अतिथि लोकायुक्त एसएस कोठारी, सेबी के पूर्व अध्यक्ष व जयपुर फुट के संरक्षक डीआर मेहता, महापौर घनश्याम ओझा, पूर्व अध्यक्ष रतनलाल बाफना, मोफतराज मुणोत, सुशीला बोहरा सहित कई वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। शुरुआत में मुख्य अतिथि टाटिया सहित अन्य अतिथियों ने जस्टिस भंडारी का संघ की ओर से अभिनंदन किया। उन्हें प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न दिया गया। इसके बाद जोधपुर नगर निगम की ओर से महापौर ओझा, उप महापौर देवेंद्र सालेचा ने जस्टिस भंडारी का अभिनंदन किया। वहीं जस्टिस जीके व्यास, संदीप मेहता सहित शहर के अलग-अलग संगठनों ने उनका स्वागत किया। जैन समाज के ‘र| संघ’ के एप की लॉन्चिंग की गई। इसे तैयार करने वाली टीम का स्वागत किया गया। पूरणराज अंबानी ने आभार जताया।
जस्टिस भंडारी ने फैसले में मानवता को केंद्र में रखा: टाटिया समारोह के मुख्य अतिथि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाशचंद्र टाटिया ने कहा, कि जस्टिस भंडारी ने अपने हर फैसले में मानवता को केंद्र बिंदू में रखा है। उन्होंने हैप्पीनेस देने की कोशिश की है। ये इनके संस्कारों का ही कमाल है, जो हर निर्णय में परिलक्षित हो रहा है। चाहे दिल्ली में कत्लखाने में एक दिन में 23 हजार जानवरों के कत्ल पर रोक हो या पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर निर्णय, सभी बेबाक और सराहनीय हैं। एक दौर था जब यह सुनने में मिलता था, कि हाईकोर्ट में जज नहीं बन सकते। तब जस्टिस भंडारी ने कहा था, हाईकोर्ट में जज बनाना कोई चीज नहीं हैं, जो तश्तरी में लेकर आपके सामने आए। अधिवक्ता के तौर पर आप एक फरीक को न्याय दिलाते हो, लेकिन जज बनकर आप सही दृष्टिकोण से न्याय कर कइयों का भला कर सकते हो।
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