Update
Did you know that Jinä Mahävir chose to communicate in Ardha Mägadhi; which was in fact not even a language but a literary dialect of the kingdom of Magadh? Why would he choose a vernacular language and not Sanskrit; considered by all as the ‘language of the gods’ the perfect and supra-mundane? The reason - the Jina’s purpose was to share what he saw in his enlightened knowledge with a maximum number of people. The teachings of the Jinas were not for being codified or ritualized but for reflection, logical rationalization and experience. Speaking the language of the masses ensured this purpose.
-Priti Mehta
Source: © Facebook
News in Hindi
Video
Source: © Facebook
जियो जीने दो, तेरी वाणी हैं.. अहिंसा तेरी निशानी हैं..
तू ही तो साचा तारनहार हैं.. भक्तो की यही पुकार हैं..
साचा तेरा दरबार है.. तेरी हो रही जय जयकार हैं...
#Exclusive Goosebumps maker चान्दनपुर के टीले वाले बाबा के दरबार का मनोहर द्रश्य.. #shareMaximum
महावीर जी मे हुआ अद्भुत चमत्कार -लगभग 1 करोड की लागत से बनाया गया नया नकली घोड़े का रथ लेकिन टीलेवाले बाबा ने बढ़ाया ग्वाले का मान नही गये बाबा नकली घोड़े की सवारी के रथ पर तोड़ दिये सारे पहिये ओर मंगाना पड़ा वही पुराना बैल गाड़ी वाला रथ गूँज गई जय् जय्कार पूरे चाँदनपुर गांव में जय् बाबा की जय् बाबा की जय् टीले वाले बाबा की........
🙂🙏 चाँदनपुर के गाँव में... महावीर जी @ राजस्थान! भव्य रथ यात्रा के समय हुआ चमत्कार.. #ऽhare
श्री महावीर जी आज रथयात्रा के पर्व पर मंदिर कमेटी द्वारा पुराने रथ को बदलकर श्री जी को नए रथ पर विराजमान करने जा रहे थे तभी रथ का पहिया टूटा और भगवान को बीच रास्ते में ही पुराने रथ पर विराजमान किया गया
वही बात पुनः सिद्ध हुई
पंचम काल महा दुखदाई चंदनपुर महिमा दिखलाइ,
तुमने तोड़ी बी सो गाड़ी पहिया मस्का नहीं अगाड़ी
🙏चंदनपुर वाले बाबा की जय🙏
🙏टीले वाले बाबा की जय... 🙏
Info with pic shared by Varun Jain, Delhi..
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook