20.02.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 20.02.2018
Updated: 22.02.2018

Update

*सूरत में विराजित चरित्र आत्माओ के सम्भावित विहार/प्रवास सम्बन्धित सूचना -*

*दिनांक 21-02-2018*

*मुनिश्री संजय कुमार जी, मुनि श्री प्रसन्न कुमार जी* आई - 103 श्रृंगार रेसीडेसी, वेसु मे विराज रहे है।

प्रवचन - सुबह 9:15 से 10:15
प्रवचन - रात्रि 9:00 से 10

संपर्क सूत्र - प्रभा जैन 8511877364

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🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
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*मुनि श्री कमल कुमार जी* ठाणा 3 तेरापंथ भवन, सिटी लाइट विराज रहे है।

प्रवचन समय - प्रातः 9:00 से 10:00

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🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
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*'शासनश्री' साध्वी श्री सरस्वतीजी* आदि ठाणा 4, तेरापंथ भवन, पर्वत पाटिया विराज रहे है।

संपर्क: नारायण क़ासिद 9408835666

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🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
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*'शासनश्री' साध्वी श्री मधुबालाजी* आदि ठाणा 5 दिनांक 21 फरवरी 18 को प्रातः 7:30 बजे साई मार्बल हाउस, वलक पाटिया, सूरत कामरेज रोड से विहार करके श्री महावीरकुमारजी गन्ना 163/164 सहकार नगर, नव सर्जन सोसाइटी के पास, बस स्टॉप के पास, सूरत रोड, कामरेज विराजेंगे।

संपर्क: क़ासिद जगदीश 81284 81090

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*'शासनश्री' साध्वी श्री पदमावतीजी* आदि ठाणा-4 श्री दिलबागरॉय जैन सी-104 आशीर्वाद पैलेस, भटार के यहा विराजेंगे।

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🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
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प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

👉 रायपुर - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 बालोतरा - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 लाडनूं - प्रेक्षाध्यान आवासीय शिविर की जानकारी
👉 विजयनगर(बेंगलोर) - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

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*21/02/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2
का प्रवास
*S.S Jain Sthanak*
Beri Bakkali Street, *VELLORE*
बेगलौर- चेन्नैइ रोड
☎9108075693,9894694199
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*माण्ड्या से विहार करके हनकेरे पधारेगे* (कर्नाटक)
Mysore - Bangalore Road
☎9448385582,9900946634
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*जैन भवन मदुरान्तकम*
☎8107033307
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Jain Prayer Hall*
72 Market Street, *Tirukkoyilur* 605757
☎9566296874
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के*
*सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*टेक्ली से विहार करके लिखमा राम जी का ढाबा मे पधारेगें*
भुवनेश्वर -विशाखापट्नम् रोड
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Sree Agastiya Temple*
No ER -391/91
Pudiyagoan
Tirupunitra(केरला) ☎9672039432,7907269421
9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
सुबह का प्रवास
*चुन्नीलाल जी जितेन्द्र घोषल*
*शान्तीनगर*
शाम का प्रवास
*हेमराज जी श्यामसुखा*
*कोरमंगला* *बेगलौर*
(कर्नाटक)
☎7821050720,9558651374
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*शिक्षा केन्द्र से विहार करके इरैयनगुड गॉव मे अणुव्रत विद्यालय पधारेगे* (तमिलनाडु)
बैगलोर - चेन्नेइ हाईवे
☎8890788494
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*लक्ष्मीनगर स्कूल से 13.5 km का विहार करके सुरूपागुडम् पधारेगे*
विशाखापट्नम् - चेन्नैइ रोड
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*धनराज जी टाटीया के निवास स्थान पर*
*Maloo Apartment*
G-1 *Rajarajeshwarinagar*
Bangalore (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*छत्रपुर से 8.5 km का विहार करके सीतापुर प्राइमरी स्कूल पद्यारेगे*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎8917477918,9959037737
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 19* का प्रवास
*मडूपंम स्कूल से विहार करके उत्तम जी हिरावत के निवास स्थान सिरकाकोलुम पधारेंगे*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Binny Mills Villa No 10 North Town*
*Chennai* (तमिलनाडु)
☎8428020772,9444052840
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*Agastiya Medical Hospital Thirur Alleppey Dist. Se 10 km ka vihaar Kar ke Bafna Enterprises kunamav kochi kerala padarengay*
☎8875762662,9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*येरगेरा रंगनाथ मंदिर से 9 km का विहार करके सिद्धारुढ सेवाश्रम में पधारेगे*
बेलारी- रायचुर रोड
☎9845123211
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*संघ संवाद+संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*पाण्डूपूरा* (कर्नाटक)
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*पारसमल जी गादिया*
No 18 Kamal Kunj
1st main 1st cross
Sri Puram Extn
*Seshadripuram* Bangalore (कर्नाटक)
☎7798028703
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sangh Samvad
News, photos, posts, columns, blogs, audio, videos, magazines, bulletins etc.. regarding Jainism and it's reformist fast developing sect. - "Terapanth".

News in Hindi

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 263* 📝

*जिनागम सिन्धु आचार्य जिनभद्रगणी*

*समय-संकेत*

जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण गंभीर ग्रंथकार एवं श्रेष्ठ भाष्यकार थे। वर्तमान में उनकी 9 रचनाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने अपने ग्रंथों में कहीं रचनाकाल सूचक सम्वत् संकेत नहीं किया है। जैसलमेर भंडार से प्राप्त विशेषावश्यक भाष्य की प्रति के अंत में दो गाथाएं दी गई हैं। वे इस प्रकार हैं—

*"पंचसता इगतीसा सगणिवकालस्स वट्टमाणस्स।*
*तो चेत्तपुण्णिमाए बुद्धिदिण सातिंमि णक्खत्ते।।*
*रज्जे णु पालणपरे सी (लाइ) च्चम्मि णरवरिन्दम्मि।*
*वलभीणगरीए इमं महवि.….. मि जिणभवणे।।"*

पुरातत्त्ववेत्ता मुनिश्री जिनविजयजी के अभिमत से इन गाथाओं का तात्पर्य इस प्रकार है—

विशेषावश्यक भाष्य की रचना शक संवत् 531 (विक्रम संवत् 666) चैत्र शुक्ल पूर्णिमा बुधवार स्वाति नक्षत्र में पूर्ण हुई थी। उस समय वल्लभी में शिलादित्य का राज्य था।

इन गाथाओं के आधार पर मुनि जिनविजयजी ने विशेषावश्यक भाष्य का रचनाकाल शक संवत् 531 (विक्रम संवत् 666) मान्य किया है।

कई शोध विद्वान् मुनि जिनविजयजी के इस अभिमत से सहमत नहीं हैं। उनकी दृष्टि में इन गाथाओं का संबंध ग्रंथ रचना से नहीं ग्रंथ के लेखन से है।

ये दोनों गाथाएं जैसलमेर से प्राप्त विशेषावश्यक भाष्य की प्रति के अतिरिक्त अन्य किसी विशेषावश्यक भाष्य की प्रति में उपलब्ध नहीं हैं।

कोट्याचार्य एवं मलधारी हेमचंद्र ने इस भाष्य पर टिकाएं रची हैं। इन टीकाओं में भी उक्त दोनों गाथाओं का उल्लेख नहीं है और इन पर टीका रचना का कार्य भी नहीं हुआ है। रचनाकार से इन गाथाओं का संबंध होता तो ये गाथाएं अवश्य ही विशेषावश्यक भाष्य की प्रत्येक प्रति में मिलनी चाहिए एवं इन पर टीका रचना का कार्य भी होना चाहिए था।

कोट्याचार्य और मलधारी हेमचंद्र विशेषावश्यक भाष्य पर टीका रचना करते समय रचनाकार की इन गाथाओं को क्यों छोड़ते? इससे स्पष्ट है ये गाथाएं रचनाकार की नहीं हैं। इन गाथाओं में खंडित अक्षरों के स्थान पर मंदिर शब्द मान लिया जाए तो इनका यह अर्थ भी संभव है विशेषावश्यक भाष्य की प्रतिलिपि तैयार कर शक संवत् 531 (विक्रम संवत् 666) में जैसलमेर के मंदिर में भेंट की गई है।

विशेषावश्यक भाष्य के लेखन का समय वीर निर्वाण 1130 (विक्रम संवत् 666) स्वीकार कर लेने पर रचनाकार जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण विक्रम सम्वत् 666 से आगे किसी प्रकार संभव नहीं हैं।

जिनभद्रगणी ने विशेषावश्यक भाष्य की रचना करने के बाद उस पर टीका रचने का कार्य भी प्रारंभ किया था, किंतु टीका रचने का कार्य पूर्ण होने से पहले ही जिनभद्रगणी का स्वर्गवास हो गया था। टीका रचने के इस अपूर्ण कार्य को कोट्याचार्य ने पूर्ण किया था। इससे कई शोध विद्वानों का अनुमान है जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण का उत्तरकाल विक्रम संवत् 650 तक संभव है।

*पुण्यश्लोक आचार्य पात्रकेशरी (पात्रस्वामी) के प्रभावक चरित्र* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 87* 📝

*किशनलालजी पाटणी*

*नया गोत्र*

कहा जाता है कि दुकान पर भी वे किसी के साथ खुले मुंह नहीं बोला करते थे। बहुधा मुखवस्त्रिका बांधे रहा करते थे। इसीलिए लोग उन्हें 'ढूंढिया' कहने लगे। उनके घर तथा दुकान पर गोचरी आदि के लिए संतों का अनेक बार आवागमन होता रहता था। इसलिए भी 'ढूंढिया' शब्द उनसे विशेष रूप से संबद्ध हो गया। यद्यपि प्राचीन परंपरा के क्रम से 'ढूंढिया' शब्द स्थानकवासी साधुओं के लिए ही प्रयुक्त होता रहा है। परंतु सामान्यजन नहीं जानने के कारण स्थूल रूप में मुखवस्त्रिका वाले सभी साधुओं को 'ढूंढिया' कह देते हैं। तेरापंथी बनने वाले श्रावक के साथ उस शब्द का संबंध उक्त कारण से ही होने लगा था। उस समय की स्थिति से उसके साथ जुड़ा हुआ वह शब्द कालांतर में इतना रूढ़ और पक्का हो गया कि आज भी उनके परिवार वालों को ढूंढिया कहा जाता है। वह उनका एक नया गोत्र जैसा ही बन गया।

*विरागी श्रावक*

किशनलालजी प्रकृति से बड़े भद्र व्यक्ति थे। किसी के साथ कठोर व्यवहार करना तथा कटु बोलना उनके स्वभाव में नहीं था। मीठा व्यवहार और मीठे बोल उनके जीवन के अभिन्न अंग बन चुके थे। बाल, युवा और वृद्ध सभी के साथ उनका व्यवहार सम्मानपूर्ण रहा करता था। वे एक विराग वृत्ति वाले श्रावक थे। प्रत्याख्यान आदि में भी उनकी अच्छी रुचि थी। उनके अनेक प्रत्याख्यान यावज्जीवन के थे तो अनेक कुछ समय के भी। प्रतिदिन जब जितना अवसर होता वे दैनिक प्रत्याख्यान भी करते रहते थे। आजीवन उन्होंने वर्धमान परिणामों के साथ अपने श्रावकत्व को निभाया।

*कुसंगत में फंसे श्रावक पनराजजी लूणिया को जयाचार्य ने कैसे उबारा...? जानने और प्रेरणा पाने के लिए पढ़ेंगे पनराजजी लूणिया का प्रेरणादायी जीवन-वृत्त*... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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https://goo.gl/maps/T3WWSzVfEhC2

👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "बलांगीर " पधारेंगे

👉 आज का प्रवास: तेरापंथ भवन, बलांगीर(ओड़िशा)

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

Sangh Samvad
SS
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  1. Bangalore
  2. Jainism
  3. Kerala
  4. Kochi
  5. Mysore
  6. Sangh
  7. Sangh Samvad
  8. Terapanth
  9. आचार्य
  10. आचार्य महाप्रज्ञ
  11. दर्शन
  12. भाव
  13. राम
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