19.02.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 19.02.2018
Updated: 21.02.2018

Update

👉 जाखल मंडी - जैन संस्कार विधि से सामूहिक जन्मोत्सव

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

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👉 बालोतरा - तिविहार संथारा का प्रत्याख्यान

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

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👉 सोलापुर - मुनिश्री जिनेशकुमार जी का मंगल प्रवेश
👉 बारडोली - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण

प्रस्तुति:🌻 *संघ संवाद*🌻

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👉 अहमदाबाद - श्रीमती राजुदेवी सेठिया का संथारा गतिमान

प्रस्तुति:🌻 *संघ संवाद*🌻

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*20/02/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2
का प्रवास
*S.S Jain Sthanak*
Beri Bakkali Street, *VELLORE*
बेगलौर- चेन्नैइ रोड
☎9108075693,9894694199
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*हरीश जी सेठीया के निवास स्थान पर*
*माण्ड्या* (कर्नाटक)
Mysore - Bangalore Road
☎9448385582,9900946634
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*शर्माजी के निवास स्थान पर*
*अचलपक्कम गांव में*
☎8107033307
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Mahalakshmi Pawn Broker*
Opp R.I.Office
*Mugaiyur*
Thirukoilur Main Road
☎9566296874,9597784545
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के*
*सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*आदित्य ग्रेनाईट फैक्ट्री से विहार करके M/S Pareek Tools के निवास स्थान टेक्ली पधारेगें*
भुवनेश्वर -विशाखापट्नम् रोड
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Sree Agastiya Temple*
No ER -391/91
Pudiyagoan
Tirupunitra(केरला) ☎9672039432,7907269421
9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*तेरापंथ भवन यशंवतपुर*
*बेगलौर* (कर्नाटक)
☎7821050720,9558651374
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*माघनूर से 10 km का विहार करके शिक्षा केन्द्र स्कूल*
*पल्लीकोंडा पधारेगे*(तमिलनाडु)
बैगलोर - चेन्नेइ हाईवे
☎8890788494
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*अंचलापल्ली सत्संग भवन से 12.3 km का विहार करके लक्ष्मीनगर स्कूल मे पधारेगे*
विशाखापट्नम् - चेन्नैइ रोड
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*धनराज जी टाटीया के निवास स्थान पर*
*Maloo Apartment*
G-1 *Rajarajeshwarinagar*
Bangalore (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*बालुर से 14 km का विहार करके छत्रपुर पद्यारेगे*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎8917477918
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 19* का प्रवास *कोटम्बाली से 14 कि.मी. का विहार करके नरशंनपेठा मे पधारेंगे*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Binny Mills Villa No 10 North Town*
*Chennai* (तमिलनाडु)
☎8428020772,9444052840
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*Sivan Temple Cherthala se 10 km ka Vihaar kar ke Subramaniyam Swamy Temple Thirur Alleppey Dist. kerala*
कोलम से कायाकुलम रोड
☎8875762662,9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*हंचनाल से 8 km विहार करके येरेगेरे स्कूल में पधारेंगें*
बेलारी- रायचुर रोड
☎9845123211
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*संघ संवाद+संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*पाण्डूपूरा* (कर्नाटक)
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*पारसमल जी गादिया*
No 18 Kamal Kunj
1st main 1st cross
Sri Puram Extn
*Seshadripuram* Bangalore (कर्नाटक)
☎7798028703
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sangh Samvad
News, photos, posts, columns, blogs, audio, videos, magazines, bulletins etc.. regarding Jainism and it's reformist fast developing sect. - "Terapanth".

*सूरत में विराजित चरित्र आत्माओ के सम्भावित विहार/प्रवास सम्बन्धित सूचना -*

*दिनांक 20-02-2018*

*'शासनश्री' साध्वी श्री सरस्वतीजी* आदि ठाणा 4, तेरापंथ भवन, पर्वत पाटिया विराज रहे है।

संपर्क: नारायण क़ासिद 9408835666

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🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
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*मुनिश्री संजय कुमार जी, मुनि श्री प्रसन्न कुमार जी* 103 श्रृंगार रेसीडेसी, आई ब्लॉक, वेसु मे विराज रहे है।

प्रवचन - सुबह 9:00 से 10:00
प्रवचन - रात्रि 9:00 से 10

संपर्क सूत्र - प्रभा जैन 8511877364

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*मुनि श्री कमल कुमार जी* ठाणा 3 तेरापंथ भवन, सिटी लाइट विराज रहे है।

प्रवचन समय - प्रातः 9:00 से 10:00

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*'शासनश्री' साध्वी श्री मधुबालाजी* आदि ठाणा 5 दिनांक 20 फरवरी 18 को प्रातः 8:00 बजे 11 ताप्ती बाग़ सोसाइटी नियर सोमनाथ हॉटेल वराछा मेईन रोड से विहार करके साई मार्बल हाउस, वलक पाटिया, सूरत कामरेज रोड विराजेंगे।

संपर्क: क़ासिद जगदीश 81284 81090

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*'शासनश्री' साध्वी श्री पदमावतीजी* आदि ठाणा-4 श्री दिलबागरॉय जैन सी-104 आशीर्वाद पैलेस, भटार के यहा विराजेंगे।

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प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

Update

👉 विजयनगर - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 दलखोला - संगठन यात्रा
👉 हैदराबाद - जैन संस्कार विधि के बढते चरण
👉 जयपुर - शासन स्तंभ श्रद्धेय मंत्री मुनि श्री के दर्शनार्थ संस्था शिरोमणि तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 262* 📝

*जिनागम सिन्धु आचार्य जिनभद्रगणी*

*साहित्य*

गतांक से आगे...

*विशेषणवती* इस ग्रंथ में आगम मान्यताओं को परिपुष्ट किया गया है। इसलिए विशेषणवती नाम सार्थक है। जैन सिद्धांत सम्मत विषयों का वर्णन और असंगतियों का निराकरण इस ग्रंथ में है। जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण के अनुसार आगम और हेतुवाद में आगम प्रमुख है। आगम सर्वज्ञ की वाणी है, अतः आगम का स्थान सर्वोपरि है। हेतु और युक्तियों में आगम वाणी का निरसन करने का सामर्थ्य नहीं है। यह बात इस ग्रंथ में बलपूर्वक कही गई है।

यह विशेषणवती ग्रंथ 40 पद्य परिमाण का है। इसमें वनस्पति अवगाहन आदि विविध विषयों का वर्णन है। जैन कथा साहित्य के सुप्रसिद्ध प्राचीनतम कथा ग्रंथ वसुदेवहिण्डी का इस ग्रंथ में उल्लेख है। वसुदेवहिण्डी गद्यात्मक एवं समासांत पदावली में रचित एक विशिष्ट कृति है। ऐतिहासिक कथानकों का वह स्रोत है। जर्मन विद्वानों ने इसकी तुलना गुणाढ्य की वृहत्कथा से की है। परिशिष्ट पर्व की कथाओं का मूल स्रोत वसुदेवहिण्डी है। विशेषणवती ग्रंथ में वसुदेवहिण्डी का उल्लेख होने के कारण उसकी (विशेषणवती) प्राचीनता स्वतः सिद्ध हो जाती है। केवलज्ञान और केवलदर्शन का युगपद् उपयोग करने वाले सिद्धसेन दिवाकर कि उक्त मान्यता का विशेषणवती ग्रंथ में खंडन किया है।

*अनुयोग चूर्णि* जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण ने अनुयोग चूर्णि की रचना अनुयोग सूत्र के अंगुल पद के आधार पर की थी। वर्तमान में यह चूर्णि जिनदास महत्तर कि अनुयोग चूर्णि में एवं आचार्य हरिभद्र की अनुयोग टीका में उद्धृत है। स्वतंत्र रूप से यह ग्रंथ अनुपलब्ध है।

*विशेषावश्यक भाष्य स्वोपज्ञ वृत्ति* आगम के विशिष्ट भाष्यकार आचार्य जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण की अंतिम कृति विशेषावश्यक भाष्य की स्वोपज्ञ टीका है। विशेषावश्यक भाष्य आचार्य जिनभद्रगणी की प्राकृत रचना है। संस्कृत विज्ञ पाठकों के लिए इस प्राकृत ग्रंथ पर संस्कृत टीका का निर्माण उन्होंने प्रारंभ किया। षष्ठ गणधर व्यक्त तक टीका रचना के बाद भाष्यकार जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण का स्वर्गवास हो गया था। अतः कोट्याचार्य ने अवशिष्ट टीका रचना को 13700 श्लोक परिमाण में पूर्ण किया।

भाष्यकार की स्वोपज्ञ टीका का सरल एवं विविध सामग्री से परिपूर्ण है। टीका का प्रारंभ भाष्य गाथाओं से हुआ है। जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण की भांति इस भाष्य के अवशिष्ट भाष्य पर कोट्याचार्य की टीका भी सरस एवं प्रसाद गुण संपन्न है।

*आगमवाणी का मूर्त्त रूप* जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण आगमवाणी के मूर्त्त रूप थे। उनका जीवन आगममय ही था। उनका हर वाक्य आगम की कसौटी पर कसा हुआ होता था। उनके चिंतन का हर पहलू आगमवाणी का अभिन्न अंग होता था। जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण ने भाष्यों की रचना की एवं आगमिक परंपरा को सुरक्षित रखा। आगम वादी आचार्यों में उन्होंने महत्त्वपूर्ण स्थान पाया है।

*आचार्य जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण के आचार्य काल के समय-संकेत* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 86* 📝

*किशनलालजी पाटणी*

*गुरु धारणा*

जयपुर निवासी किशनलालजी पाटणी गोत्र के खंडेलवाल थे। वे पहले दिगंबर आम्राय को मानने वाले थे। जयाचार्य के समय में वे समझे और फिर सुदृढ़ श्रावक बन गए। पहले पहल जयाचार्य का नाम सुनकर वे सहज रूप से व्याख्यान सुनने के लिए ही आए थे। एक बार व्याख्यान सुना तो उन्हें वह बहुत पसंद आया। फिर तो ऐसा क्रम चला उस चातुर्मास में वे एक दिन के लिए भी नहीं चूके। धीरे-धीरे परिचय बढ़ा, धर्म चर्चाएं हुईं और तेरापंथ के प्रति उनकी अभिरुचि अधिकाधिक गहरी होती चली गई। जयाचार्य ने तब उनका रुख़ तत्त्व की ओर मोड़ दिया। उन्होंने परिश्रम पूर्वक तत्त्वज्ञान सीखा, समझा और फिर विधिवत् गुरु धारणा कर वे पक्के श्रावक बन गए।

*मीठा प्रयास*

सारे परिजन दिगंबर आम्राय के थे। अकेले वे ही श्वेतांबर आम्राय को मानने लगे थे। अतः उन्हें सभी के व्यंग्यों और तानों का लक्ष्य बनना पड़ता था। परंतु वे कभी उन बातों से न घबराते और न उनका कोई विशेष प्रतिकार ही करते। अंदर ही अंदर उनका मीठा प्रयास अवश्य चलता रहता था कि जिस तत्त्व को उन्होंने समझा है उसे उनके अन्य पारिवारिक जन भी समझें। कालांतर में शीघ्र ही वह दिन आ गया जब परिवार वालों के सारे व्यंग और ताने तो हार कर चुप हो गए किंतु उनका वह मीठा प्रयास जीत गया। उन्होंने अपने सारे परिवार को तेरापंथी बना लिया।

*नीतिमान् व्यवसायी*

वे एक धर्म भीरू व्यक्ति थे। अतः उनका हर प्रयास पाप से बचने का रहा करता था। दुकानदारी में जहां अनेक लोग मायाचार को प्राथमिकता देते हैं वहां वे पूर्ण नैतिकता के साथ अपना व्यवसाय बनाने को कृत संकल्प थे। मुंह देखकर टीका निकालने की पद्धति उन्हें पसंद नहीं थी। दुकान पर क्रय के लिए बड़ा या छोटा कोई भी व्यक्ति क्यों ना आया होता वे सबको एक भाव और एक प्रकार से ही माल दिया करते थे।

व्यवसाय उनके जीवन का लक्ष्य नहीं था। वह तो आजीविका का एक साधन मात्र था। इसलिए अन्य साधारण व्यक्तियों की तरह वे अपना सारा समय उसी में व्यय नहीं करके धर्म-ध्यान की अन्य वृत्तियों के लिए आवश्यक समय सुनिर्धारित किया करते थे। दिन दिन में जितना माल बिक जाता उसी के उपयुक्त लाभ में संतोष कर लेते। रात को न माल बेचते और न दुकान पर बैठते। रात का समय बहुधा संतो के पास तत्त्व चर्चा में लगाया करते। यदि संतजन वहां नहीं होते तब सामायिक तथा स्वाध्याय में अपना समय बिताते। अनावश्यक किसी के यहां जाना तथा गप्पबाजी लड़ाना उन्हें पसंद नहीं था।

*विरागी श्रावक किशनलालजी पाटणी को नया गोत्र क्यों मिला...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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News in Hindi

♦ *आचार्यश्री महाश्रमणजी एवं तेरापंथ धर्मसंघ आदि के नवीनतम समाचार घर बैठे पाने के लिए--*

*1. जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के WhatsApp नंबर 7044774444 को अपने मोबाइल में सेव करें।*

*2. इस नंबर पर Join एवं अपने शहर का नाम लिखकर WhatsApp करें।*

आपको व्यक्तिगत रुप में Broadcast List में जोड़कर समाचार प्रेषित किया जा सकेगा।

तो फिर देर किस बात की।
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*आप इस मैसेज को सभी तेरापंथी व्यक्तियों को Forward करें।*

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "माल मुंडा " पधारेंगे

👉 आज का प्रवास: प्राइमरी स्कूल, माल मुंडा जिला - सुवर्णपुर (ओड़िशा)

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

Sangh Samvad
SS
Sangh Samvad

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  2. Jainism
  3. Mysore
  4. Sangh
  5. Sangh Samvad
  6. Terapanth
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  8. आचार्य महाप्रज्ञ
  9. केवलज्ञान
  10. दर्शन
  11. भाव
  12. सोलापुर
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