Update
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
*11/02/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*के.वी. कुप्पम*
गुडियातम-वैलुर रोड
☎9003789485
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Government High School*
*हिन्दवाल* (कर्नाटक)
*Mysore -Hunsur Road*
☎9448385582
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*महावीर भवन*
*विलिपुरम*
☎8107033307
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*महावीर भवन*
*विलिपुरम*
☎9566296874
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Sree Agastiya Temple*
No ER -391/91
Pudiyagoan
Tirupunitra(केरला) ☎9672039432,7907269421
9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
तेरापंथ भवन चित्रदुर्गा से 8km का विहार करके
*VRL Transport Check Point* पधारेगे (कर्नाटक)
हुबली - बैगलौर हाईवे
☎7821050720,9558651374
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*बरगुर छत्रम से 10.5 km का विहार करके VELAKALNATHAM Main Road पधारेगे* (तमिलनाडु)
कृष्णगिरी - गुडियातम हाईवे
☎8890788494,9845353039
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*जग्गमपेट से 12.5 km का विहार करके पंचायत भवन गन्डापल्ली पधारेगे*
विशाखापट्नम् - चेन्नैइ रोड
☎7297958479,9025434777
7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 6* का प्रवास
*अर्हम भवन विजयनगर बैगलौर*
(कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*North town*
*Chennai* (तमिलनाडु)
☎9884901680,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4 का प्रवास*
*KOTTIYAM* (विहार 14 km)
*THIRUVANTHAPURAM- COLAM ROAD* (केरला)
☎8875762662
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*संघ संवाद+ संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4 का प्रवास*
*हालहरवी से 11.3 km का विहार करके आल्लुर पधारेगे*
बेलारी- रायचुर रोड
☎9845123211
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*संघ संवाद+संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*लादुलाल जी दक के निवास स्थान पर*
*के आर पेट* (कर्नाटक)
हासन - मैसुर रोड
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*Laduram Ji Dungarwal*
Abhay Niwas
No 68/13 1st Main
Krishnappa Block
Seshadripuram Bangalore (कर्नाटक)
☎7798028703
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Sangh Samvad
News, photos, posts, columns, blogs, audio, videos, magazines, bulletins etc.. regarding Jainism and it's reformist fast developing sect. - "Terapanth".
👉 वापी - महिलामण्डल द्वारा दो सुविधा गृह का उद्घाटन
👉 सचिन, सूरत - प्लास्टिक को कहे ना कार्यक्रम का आयोजन
👉 बेहाला (कोलकाता) - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर के माॅडयूल - 7 का आयोजन
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Plastic free week was organized across India by Akhil Bhartiya Terapanth Mahila Mandal and turned out to be a huge success. Various cities promoted this camp...
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👉 प्लास्टिक फ्री वीक के अंतर्गत देश भर में महिला मंडल द्वारा किये गए कार्यो की झलक
प्रस्तुति - अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल
प्रसारक - 🌻 *संघ संवाद*🌻
*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*
👉 *करें सामायिक की कमाई: आचार्यश्री महाश्रमण*
👉 *अनगुल की सीमा अतिक्रांत कर महातपस्वी अपनी धवल सेना संग संबलपुर जिले में किया पावन प्रवेश*
दिनांक - 10-02-2018
प्रस्तुति - *संघ संवाद*
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👉 इस्लामपूर - प्लास्टिक फ्री वीक सप्ताह का आयोजन
👉 राजमेंहन्द्रवरम - प्लास्टिक फ्री दिवस का आयोजन
👉 कोयंबत्तूर - सुरों के सरताज प्रतियोगिता का आयोजन
👉 लातूर - मुनि श्री जिनेश कुमार जी व अणुव्रत महासमिति पूर्व अध्यक्ष श्री शिवराज पाटिल के बीच अणुव्रत पर सार्थक चर्चा
👉 विजयनगर (बेंगलोर) - "प्लास्टिक मुक्त सप्ताह" पर कार्यक्रम आयोजित
प्रस्तुति: *🌻संघ संवाद 🌻*
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Update
👉 इस्लामपूर - प्लास्टिक फ्री वीक सप्ताह का आयोजन
👉 राजमेंहन्द्रवरम - प्लास्टिक फ्री दिवस का आयोजन
👉 कोयंबत्तूर - सुरों के सरताज प्रतियोगिता का आयोजन
👉 लातूर - मुनि श्री जिनेश कुमार जी व अणुव्रत महासमिति पूर्व अध्यक्ष श्री शिवराज पाटिल के बीच अणुव्रत पर सार्थक चर्चा
👉 विजयनगर (बेंगलोर) - "प्लास्टिक मुक्त सप्ताह" पर कार्यक्रम आयोजित
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News in Hindi
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙
📝 *श्रंखला -- 256* 📝
*जिनागम सिन्धु आचार्य जिनभद्रगणी*
*जीवन-वृत*
आगम के मर्मज्ञ जिनभद्रगणी का जैन साहित्य के इतिहास में गरिमामय स्थान है। भाष्य के रूप में जैन समाज को आचार्य जीनभद्रगणी की महान देन है।
"No more information is available about the life of this great Acharya."
प्राचीन जैन ग्रंथों में महान् आचार्य जिनभद्रगणी के जीवन की अधिक सामग्री उपलब्ध नहीं है और न ही उनके जन्म, माता-पिता, परिवार आदि की सूचना है। प्राचीन पट्टावलियों में उनका नाम भी नहीं है। विविध तीर्थ कल्प के 19वें पृष्ठ पर जिनभद्रगणी से संबंधित एक उल्लेख है, वह इस प्रकार है—
*"इत्थं देवनिम्मिअथूभे पक्खक्खमणेण देवयं आराहित्ता जिणभद्दखमासमणेणहिं उद्देहिया भक्खिय पुत्थय पत्तणेण तुट्टं भग्गं महानिसीहं संधिअं।"*
इस उल्लेखानुसार 15 दिन की दीर्घ तपःसाधना के द्वारा जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण ने मथुरा में देवनिर्मित स्तूप के अधिष्ठित देव की आराधना की। इसी देव की सहायता से उन्होंने कीटों द्वारा नष्टप्रायः महानिशीथ सूत्र का उद्धार किया। यह घटना मथुरा से जिनभद्रगणी का संबंध सूचित करता है।
वल्लभी के जैन भंडार में विशेषावश्यकभाष्य की एक प्रति है। वह शक संवत् 531 में लिखी गई थी। इससे जिनभद्रगणी का वल्लभी के साथ किसी न किसी प्रकार का संबंध अनुमानित होता है।
चूर्णिकार सिद्धसेनगणी ने जीतकल्प की चूर्णि में के छह पद्यों (गाथा 5-10) के द्वारा जिनभद्रगणी के गुणों का भावपूर्ण शब्दों में व्याख्यान किया है। उसका सार संक्षेप इस प्रकार है—
जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण अर्थागम के धारक थे। वे युगप्रधान, ज्ञानी जनों में प्रमुख, श्रुतज्ञान में दक्ष तथा दर्शनोपयोग और ज्ञानोपयोग के विशिष्ट ज्ञाता थे। सुवास से आकृष्ट भ्रमर जैसे कमलों की उपासना करता है, उसी प्रकार ज्ञान मरकंद के पिपासु मुनि जिनभद्रगणी के मुख से निःसृत ज्ञानामृत का पान करने के लिए उत्सुक रहते थे। स्वसमय-परसमय से संबंधित आगम, लिपि गणित, छंद और शब्दशास्त्र के विषयों पर प्रदत्त व्याख्यानों से उनका यश दसों दिशाओं में व्याप्त हो गया। उन्होंने अपने बुद्धि बल से आगमों का सार विशेषावश्यकभाष्य में निबद्ध किया। उन्होंने छेद सूत्रों के आधार पर प्रायश्चित्त के विधि-विधानों से संबंधित जीतकल्प सूत्र की रचना की। इस प्रकार अनेक विशेषताओं के धनी, आगमवेत्ता, पर-समय-निपुण, संयमशील, श्रमणों के पथ का अनुगमन करने वाले क्षमाश्रमणों में अग्रणी जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण को मैं नमस्कार करता हूं। सिद्धसेनगणी के इस वर्णन से जिनभद्रगणी के विशिष्ट व्यक्तित्व का परिचय मिलता है।
*क्षमाश्रमणजी के गुणानुवाद में सिद्धसेन की जीतकल्प चूर्णि के कुछ चयनित पद्यों* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।
📙 *'नींव के पत्थर'* 📙
📝 *श्रंखला -- 80* 📝
*शोभाचंदजी बैंगानी (प्रथम)*
*नरेश को सहायता*
शोभाचंदजी एक सुदृढ़ श्रावक तो थे ही, एक सुदृढ़ गृहस्थ और व्यवसायी भी थे। ऊंचा रहन-सहन और ऊंचे व्यक्तियों से संपर्क रखना उन्हें बहुत प्रिय था। तत्कालीन बीकानेर नरेश के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे। वह संबंध एक विशिष्ट अवसर पर बना था। घटना इस प्रकार है— बीकानेर नरेश सूरतसिंहजी की चूरू के ठाकुर शिवसिंहजी से कुछ तनातनी चल रही थी। यद्यपि चूरू का ठिकाना बीकानेर के अधीन था परंतु तत्कालीन ठाकुर उन संबंधों की अवज्ञा करते रहते थे। वे स्वतंत्र रहना चाहते थे। फलतः बीकानेर नरेश ने विक्रम संवत् 1781 के भाद्र मास में चूरू पर आक्रमण कर दिया। ठाकुर उस स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही तैयार थे। दोनों ओर से डटकर युद्ध हुआ। परंतु अंत में ठाकुर को पराजित होना पड़ा। कहा जाता है कि उनकी यह पराजय सैनिक शक्ति से उतनी संबंध नहीं थी जितनी अपने आंतरिक असंगठन से। चूरू ठिकाने के राजपूतों में एक लंबे समय से ठाकुर के प्रति असंतोष चल रहा था। ठाकुर चिकनी-चुपड़ी बात बनाने वाले चापलूस दरोगों से घिरे रहते थे और उन्हीं के परामर्श को महत्त्व देते। उससे राजपूत अपने को अपमानित अनुभव करते रहते। अपमानित व्यक्ति अपमान करने वाले के प्रति अपने मन में जाने-अनजाने घृणा पाल ही लेता है। राजपूत लोग ठाकुर से घृणा करने लगे थे। युद्ध के समय वही घृणा असहयोग या उदासीनता में बदल गई। राजपूतों का वही रुख राजपूतों की पराजय का मुख्य कारण बना। राजपूतों के प्रति ठाकुर के व्यवहार और उससे फलीभूत पराजय को व्यक्त करने वाला एक दोहा काफी प्रचलित है—
कांदा खाया कमधजां, घी खायो गोलां
चूरू चाली ठाकरां, बाजंतै ढोलां
उस युद्ध में बीकानेर नरेश को विजय तो प्राप्त हुई, परंतु वह बहुत महंगी थी। राज्य का खजाना प्रायः खाली हो चुका था। युद्ध के दौरान एक अवसर ऐसा भी आया कि सैनिकों को वेतन देने योग्य धन भी राज्य के पास नहीं रहा। इस अवसर पर नरेश ने शोभाचंद जी बैंगानी से आर्थिक सहयोग मांगा। वे उस समय एक धनी व्यापारी गिने जाते थे। नरेश की तात्कालिक आर्थिक समस्या का हल करना अत्यंत आवश्यक था। उन्होंने तब मुक्त हस्त सहायता की। चूरू अभियान की बीच में रुकी हुई गाड़ी तब कहीं आगे सरकी और नरेश को पूर्ण विजय प्राप्त हुई।
शोभाचंदजी के उस सामयिक सहयोग का आभार बीकानेर नरेश आजीवन मानते रहे। समय-समय पर उन्होंने उनके सम्मानार्थ अनेक रुक्के लिखकर प्रदान किए। सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि नरेश ने उनको अपने देश के एक सम्मानित नागरिक से कहीं अधिक देश का एक हितैषी व एक मित्र माना।
*श्रावक शोभाचंदजी बैंगानी के प्रेरणादायी जीवन-वृत्त* में और भी बहुत कुछ जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺
🏵 🎖 *अणुव्रत* 🎖 🏵
🏮 *संपादक* 🏮
*श्री अशोक संचेती*
💎 *फरवरी अंक* 💎
का
🌸 आकर्षण 🌸
‼पढिये‼
*श्री अशोक संचेती*
का
मर्मस्पर्शी सम्पादकीय
*तोड़ें रूढ़ियों के बंधन*
🔅🔅🔅
🎈 प्रेषक 🎈
*अणुव्रत सोशल मीडिया*
🌸 संप्रसारक 🌸
🌻 *संघ संवाद* 🌻
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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:
👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*
*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
संप्रेषक: 🌻 *संघ संवाद* 🌻
👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 *संघ संवाद* 🌻
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https://goo.gl/maps/83XG1xcnTbt
👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम
👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "लुहापंक" पधारेंगे
👉 आज का प्रवास - स्वामी हरीहरानंद हाइस्कूल, लुहापंक, जिला - संबलपुर (ओड़िशा)
प्रस्तुति - *संघ संवाद*
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