06.02.2018 ►Acharya Mahashraman Ahimsa Yatra

Published: 06.02.2018
Updated: 08.02.2018

Photos of the Day:

अहिंसा यात्रा प्रेस विज्ञप्ति
महातपस्वी महाश्रमण ने सुन्दर वाणी के बताए चार मंत्र
-आरडी नोडल हाइस्कूल के विद्यार्थियों को आचार्यश्री ने बताया भाषा का महत्त्व
06.02.2018 बोइन्दा, अंगुल (ओड़िशा)ः जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता अपनी अहिंसा यात्रा संग भारत के बारहवें राज्य के रूप में ओड़िशा की धरती को पावन बनाते हुए मंगलवार को जारपाड़ा से लगभग सतरह किलोमीटर का प्रलंब विहार कर किशोरगंज बोइन्दा स्थित आरडी नोडल हाइस्कूल में पधारे।
    ओड़िशा के लोगों के मानस में मानवता का बीज वपन करने को निकले महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणी अपनी धवल सेना के साथ निरंतर गतिमान हैं। अपने मंगल प्रवचनों से लोगों के मानस को परिवर्तित करने और लोगों के हृदय से गायब होती मानवता को पुनः स्थापित करने की निरंतर प्रेरणा भी प्रदान कर रहे हैं।
    मंगलवार को आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ ओड़िशा के अंगुल जिले के जारपाड़ा से प्रातः निर्धारित समय पर विहार कर लगभग सतरह किलोमीटर की दूरी परिसम्पन्न कर आचार्यश्री किशोरगंज-बोइन्दा स्थित आरडी नोडल हाइस्कूल में पहुंचे तो विद्यालय के विद्यार्थियों व ग्रामीणजनों ने आचार्यश्री का भावभीना स्वागत किया। आचार्यश्री सभी पर आशीषवृष्टि की।
    विद्यालय परिसर में बने प्रवचन पंडाल में उपस्थित, विद्यार्थियों, ग्रामीणों, शिक्षकों व अन्य जैन-जैनेतर श्रद्धालुओं को आचार्यश्री ने भाषा का महत्त्व बताते हुए कहा कि आदमी के जीवन में भाषा की बहुत उपयोगिता है। विचारों के आदान-प्रदान का भाषा एक सशक्त माध्यम है। यह दुनिया में कुछ लोगांे को प्राप्त हो पाती है। भाषा के बिना एक-दूसरे के विचारों को जानने-जताने में मुश्किल हो सकता है। इसलिए लिए भाषा का कितना अच्छा उपयोग हो सके, इसका प्रयास करना चाहिए। भाषा को अच्छा बनाने के लिए चारों बातों पर ध्यान देने का प्रयास करना चाहिए।
    पहली बात होती है- मितभाषिता। आदमी को अनपेक्षित बोलने से बचने का प्रयास करना चाहिए। हो सके तो आदमी को मौन कुछ समय मौन भी करने का प्रयास करना चाहिए। यह एक वाणी की साधना है, किन्तु इससे भी अच्छा हो जाए कि आदमी अनावश्यक न बोलने का संकल्प कर ले। आदमी को अनावश्यक बोलने से बचने का प्रयास करना चाहिए। मुखरता और वाचालता आदमी को छोटा बनाने वाली होती है और मौन तथा विवेकपूर्ण भाषा आदमी को उन्नति की ओर ले जाने वाली बन सकती है। जिस प्रकार बोलने वाली नुपूर का स्थान पैरों में होता है और शांत रहने वाले हार का स्थान गले में होता है। आदमी को मितभाषी बनने का प्रयास करना चाहिए।
    भाषा को अच्छा बनाने के लिए आदमी को मिष्टभाषी होने का प्रयास करना चाहिए। आदमी को मीठा बोलने का प्रयास करना चाहिए। मीठी भाषा को मानों एक वशीकरण मंत्र के समान होता है, जो पूरे जग को अपने वश में करने की क्षमता रखती है। शब्दों का प्रयोग मीठा हो तो भाषा सुन्दर हो सकती है। तीसरी बात बताई गई कि आदमी को यथार्थ बोलने का प्रयास करना चाहिए। आदमी मीठा बोले और झूठ बोले तो वैसी वाणी का भला क्या लाभ। आदमी को यथार्थ बोलने का प्रयास करना चाहिए। आदमी के कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए। भाषा को अच्छा बनाने के लिए चैथी बात बताई गई कि आदमी को बोलने से पहले सोचना चाहिए। पहले तोलो फिर बोलो के सिद्धांत पर आदमी को चलने का प्रयास करना चाहिए। उक्त चारों बातों अपनी भाषा में उतार ले तो वाणी अच्छी हो सकती है।
    आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन के उपरान्त उपस्थित जनता से अहिंसा यात्रा के तीनों संकल्पों को स्वीकार करने का आह्वान किया तो उपस्थित सभी लोगों ने आचार्यश्री के श्रीमुख से अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी स्वीकार की। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती मनोरमा साहू ने अपनी हर्षाभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

Location Today:

Sources

I Support Ahimsa Yatra
I Support Ahimsa Yatra

Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • HereNow4U
    • HN4U Team
      • Share this page on:
        Page glossary
        Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
        1. महावीर
        Page statistics
        This page has been viewed 195 times.
        © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
        Home
        About
        Contact us
        Disclaimer
        Social Networking

        HN4U Deutsche Version
        Today's Counter: