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जन्म अयोध्या में प्रभु लीना, नाभिराए घर आये, मरूदेवी के उर से जन्मे, वृषभदेव कहलाये!
वृषभदेव सा राजा पाकर, धन्य हुआ ये देश, राजनीति और न्यायनीति से बदला था परिवेश!
नृत्य करण को आई अप्सरा, अंजन खूब लगाया, नीलांजना की मृत्यु देखि, मन वैराग्य जगाया!
त्याग दिया घर-बार प्रभु ने, चले शिखर कैलाश, अष्टापद तेरे चरण कमल का, अब तक वहा प्रकाश!
प्रथम पूज्य है आदि जिनेश्वर, तीर्थंकर बन आये, मोक्ष परम पद प्राप्त किया प्रभु, मोक्ष मार्ग खुलवाये!
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#Location_Update आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज (ससंघ) भिलाई (छत्तीसगढ़) में विराजमान हैं, तथा आचार्यश्री के सान्निध्य में 22 से 28 जनवरी तक पंचकल्याणक होने जा रहे हैं। राजनांदगांव से भिलाई की दूरी 39 किलोमीटर है। भिलाई का रेलवे कोड BIA है।
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राजेश जैन: +91-9893726489
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