04.01.2018 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 04.01.2018
Updated: 06.01.2018

Update

👉 वाराणसी - भगवान पाश्र्वनाथ के जन्म स्थली पर नव वर्ष का कार्यक्रम
प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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Update

👉 हिरियूर: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा “आओ चले गाँव की ओर - एक कदम स्वछता के निर्माण की ओर” कार्यक्रम का आयोजन
👉 फरीदाबाद -मासिक तेरस पर भिक्षु धम्म जागरण का आयोजन
👉 ब्यावर - मंगल भावना समारोह
👉 सुजानगढ़: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा "नये साल में बढ़ाएं कदम" कार्यशाला का आयोजन
👉 जलगांव - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की और कार्यक्रम
👉 कालीकट: "प्रेक्षा ध्यान - हास्य योग" कार्यशाला का आयोजन
👉 हुबली: तेमम द्वारा “निर्माण - एक नन्हा कदम स्वछता की ओर” के दूसरे चरण का कार्यक्रम आयोजित
प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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*05/01/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द व समणी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*Sugar Mill से 9 km का विहार करके Madhanoor पधारेगे*
वैलुर नेशनलहाईवे
(तमीलनाडु)
☎9003789485,9366111160
9443235611
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Bansilal ji Pitaliya* के निवास स्थान पर
BPL SHOW ROOM
K.R Nager (कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
9886872447,9886872448
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*श्रीचंदजी छलानी*
#37चंचल निवास मयूर नादर,मेलहविदी, (मेयकंडनार I T I के सामने) *मायावरम*
☎9443559247,9443267664
04364-222191,8107033307
(तमिलनाडु)
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
सुबह का प्रवास
*शान्तीलाल जी जैन के निवास स्थान पर*
*करूंगुली*
शाम का प्रवास
*जैन स्थानक*
*मदुरान्दगम* (तमिलनाडु)
☎9786805285,9566296874
7200000096,044-27552114
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*SNDP Union Office*
Ayinikkal House
Thozhuvannor *Vallancherry* (केरला)
☎9672039432,8606150100
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*KGF* (कर्नाटक)
☎8890788495
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*प्रकाशचन्द जी बाफना*
39/2 k p Puttanna Chetty Road
5 th Main (Near Uma Talkies) *chamrajpet* Bangalore
Opp parvttama choutry
☎9448385652,9663385882
9449017771
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Shantilal Bothra*
No 31, 5th cross
MKB nagar Chennai 39
☎9840085122,9840885586
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*जैन भवन*
114/48, Big Street (Periya Teru),
Vadivishwaram,
*Nagercoil* - 629001.
(तमिलनाडु)
☎9629840537
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*बल्लारी* (कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*दंडगेनहल्ली से विहार कर शांतिग्राम कॉलेज पधारेंगे*
चन्नारायपटना-हासन रोड
कर्नाटक
☎9601420513,9845001099
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*तेरापंथ भवन टी. दासरहल्ली*
बैगलौर (कर्नाटक)
☎7798028703,9845092804
9886184172
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*आचार्य श्री महाश्रमणजी* *की सुशिष्या* *समणी निर्देशिका चारित्रप्रज्ञाजी* *एवं सहवर्तिनी समणीवृन्द का प्रवास
*Sri jain swetamber terapanth trust*
S H G terapanth bhawan
38/new no 50 singarachari street
Near krishna sweets *Triplicane*
Chennai -5 Tamilnadu
☎9840142333
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प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

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Update

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 229* 📝

*महाप्राज्ञ आचार्य मल्लवादी*

*साहित्य*

आचार्य मल्लवादी वादकुशल एवं समर्थ साहित्यकार थे। उनके द्वारा रचित तीन ग्रंथों की सूचना मिलती है। *(1)* द्वादशार नयचक्र *(2)* पद्मचरित्र (रामायण) *(3)* सन्मतितर्क टीका।
इन तीनों का परिचय इस प्रकार है—

*(1) द्वादशार नयचक्र* यह न्याय का उत्तम ग्रंथ था। इस ग्रंथ में चक्र के बारह अरों के समान बारह अध्याय थे। इन बारह अध्यायों में नयों का विशद विवेचन किया है। कृति के तेरहवें अध्याय में बारह अध्यायों में वर्णित नयों का संयोजन हुआ। आचार्य मल्लवादी ने अपने समय तक प्रचलित दार्शनिक मान्यताओं का तलस्पर्शी विवेचन तथा समालोचना इस कृति में की। नय और अनेकांत दर्शन का विवेचन करने वाला संस्कृत भाषा का यह अद्वितीय ग्रंथ था।

वर्तमान में यह ग्रंथ मूल रूप में उपलब्ध नहीं है। आचार्य प्रद्युम्न सूरि के पट्टधर आचार्य चंद्रसेनसूरि एवं मलधारी हेमचंद्र के समय तक यह ग्रंथ विद्यमान था। प्रद्युम्नसूरि कलिकाल सर्वज्ञ आचार्य हेमचंद्रसूरि के गुरुभ्राता थे। आचार्य मल्लवादी का यह ग्रंथ विक्रम सम्वत् 1334 से पहले विलुप्त हो गया था। वर्तमान में इस ग्रंथ पर आचार्य सिंहगणि क्षमाश्रमणकृत 'न्यायमार्गानुसारिणी' नामक अठारह हजार श्लोक परिमाण संस्कृत टीका उपलब्ध है और यशोविजयकृत आदर्श पाठ भी इस ग्रंथ पर उपलब्ध है। इन व्याख्या ग्रंथों के आधार पर प्रतीत होता है आचार्य मल्लवादी की यह कृति उच्चकोटि की थी। प्रभावक चरित्र में प्राप्त उल्लेखानुसार आचार्य मल्लवादी ने प्रतिवाद रूपी गज कुम्भ को भेदने में केसरी तुल्य इस ग्रंथ का वाचन अपने शिष्य समुदाय के सम्मुख किया और तर्कशास्त्र का गंभीर बोध उन्हें प्रदान किया। यह ग्रंथ यथार्थ में अज्ञानतम को हरण करने वाला था।

*(2) श्रीपद्मचरित्र (रामायण)* श्री पद्मचरित्र नामक रामायण की रचना 24 सहस्र परिमाण पद्यों में मल्लवादी ने की। यह ग्रंथ अभी वर्तमान में अप्राप्य है।

*(3) सन्मतितर्क टीका* सन्मतितर्क टीका आचार्य सिद्धसेन दिवाकर के सन्मतितर्क ग्रंथ पर मल्लवादी की रचना थी। वह भी आज प्राप्त नहीं है। इस टीका के अवतरण आचार्य हरिभद्र की अनेकांत जयपताका आदि ग्रंथों में कहीं-कहीं उपलब्ध हैं। वे अवतरण ही आचार्य मल्लवादी के तार्किक ज्ञान की सूचना देते हैं।

आचार्य मल्लवादी के ज्येष्ठ भ्राता अजितयश ने अल्ल भूप की सभा के वादी श्रीनंद की प्रेरणा से 'प्रमाण' ग्रंथ रचा एवं यक्षमुनि ने 'अष्टांग निमित्त बोधनी' संहिता का निर्माण किया था। दीपमालिका के तुल्य सकलार्थ प्रकाशिनी यह संहिता थी। वर्तमान में यह ग्रंथ अप्राप्य है।

*आचार्य मल्लवादी के आचार्य काल के समय-संकेत* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 53* 📝

*केसरजी भण्डारी*

*पासा पलट गया*

केसर जी ने महाराणा की प्रेरणा को शिरोधार्य किया और एक दिन अपने घर पर पंडितजी को बुलाकर कथा करवाई। उनके भोजन की व्यवस्था भी वहीं की गई। व्यवहार कुशल होने के नाते केसरजी ने पंडितजी का सब प्रकार से आदर-सत्कार किया। अपने परिवार के सभी व्यक्तियों को तो उनहोने बुलाया ही, जान-पहचान के अन्य व्यक्तियों को भी निमंत्रित किया। यथासमय पंडितजी आसन पर विराजमान हुए। समागत सभी व्यक्ति उनके सम्मुख बैठ गए। कथा प्रारंभ होने से पूर्व केसरजी ने नम्रतापूर्वक अपनी भावना व्यक्त करते हुए स्वरचित दोहा सुनाया। शायद वे महाराणा की भावना को ताड़ गए थे, अतः पंडितजी को सावधान कर देना चाहते थे। उन्होंने कहा—

"वनपत वडहन नाम है, राय खजानै जात।
कथा जुगत सूं वांचियों नमूं जोड़ जुग हाथ।।"

अर्थात् वनपति में जो सबसे बड़ा या श्रेष्ठ गिना जाता है वही (केसरी सिंह) मेरा नाम है, राजा के खजाने (भंडार) पर मेरी जाति का नाम (भंडारी) आधारित है। आप युक्तिपूर्ण ढंग से कथा करें। मैं दोनों हाथ जोड़कर आपके चरणो में नमस्कार करता हूं।

कथावाचक स्वयं एक विद्वान् और निपुण व्यक्ति थे। फिर महाराणा के द्वारा भंडारीजी के विषय में उन्हें संकेत मिल चुका था, अतः वे अच्छी तैयारी से आए थे। बड़े मनोयोग से उन्होंने वहां धर्म कथा की। अपने सैद्धांतिक पक्ष को बड़ी निपुणता के साथ सबके सामने रखते हुए उन्होंने कहा— "इस संपूर्ण जगत् का निर्माता ईश्वर है। निर्माता के बिना एक घड़ा भी नहीं बन सकता तो फिर तो इतनी विशाल यह सृष्टि तो स्वयं बनती ही कैसे? ईश्वर इस सृष्टि का संचालक भी है। उसकी इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल पाता। वह न्याय कर्त्ता भी है। सत् कार्य करने वाले को स्वर्ग और असत् कार्य करने वाले को नरक में भेजता है। वह सर्वशक्तिमान है। जो पूर्ण समर्पित होकर उसकी भक्ति करता है, उसके सब पाप माफ कर दिए जाते हैं। इस संसार को एक बहुत बड़ा रंगमंच समझना चाहिए। भगवान् ने हम सबको अपना-अपना पार्ट अदा करने के लिए यहां भेजा है।" इस प्रकार पंडितजी ने काफी वर्णन एवं विवेचन पूर्वक ईश्वर के विषय में अपना मंतव्य सबको समझाने का प्रयास किया।

*क्या केसरजी भण्डारी पंडितजी के इस प्रवचन पर सहमत हुए...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "रामचन्द्रपुरा" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - एल.एन. हाईस्कूल, रामचन्द्रपुरा, जिला - क्योंझर (ओड़िशा)

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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