28.12.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 28.12.2017
Updated: 29.12.2017

Update

29 दिसंबर का संकल्प

*तिथि:- पौष शुक्ला एकादशी*

राग - द्वेष विजेता जिन है जैन धर्म के प्रवर्तक ।
सुमिरन उनका आध्यात्मिक चेतना का संवधर्क ।।

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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👉 हिसार - "निर्माण" एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम का आयोजन
👉 कालीकट - त्रिदिवसीय संस्कार निर्माण शिविर आयोजित
👉 राजगढ़ - स्वच्छ रहे स्वस्थ रहे पर एक संगोष्ठी का आयोजन
👉 अहमदाबाद - अणुव्रत पर विशेष कार्यक्रम आयोजित
👉 जयपुर - आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर के हेल्थ चेकअप कार्ड की लॉन्चिंग
👉 जयपुर - आचार्य भिक्षु व आचार्य तुलसी को समर्पित अनूप जलोटा नाइट का आयोजन

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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*29/12/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द व समणी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
T+++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*चन्द्रप्रकाश जी दुगड़* के निवास स्थान पर
Flower bazaar opp.Head post office
*Vaniyambadi*
(तमीलनाडु)
☎9003789485,9366111160
9443235611
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Bansilal ji Pitaliya* के निवास स्थान पर
BPL SHOW ROOM
K.R Nager (कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
9886872447,9886872448
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*MP jewellery*
Harishji rajeshji sethiya 32 big street
*Kumbakonam*
(तमिलनाडु* 620017)
☎ 8107033307,9842420774
9443415708
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*ओमजी सिरवी के निवास स्थान पर*
*महाबलीपुरम* (तमिलनाडु)
☎9786805285,9443247152
9566296874
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Sevati Appointment*
Near Jalaram Temple
*Calicut*(केरला)
☎9672039432,9447606040
9847303267
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*KGF* (कर्नाटक)
☎8890788495
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*Kanhaiyalal ji Anil sunil pokharna*
Kanchan nivas
6/18 4th main 9th cross Near Nehru school *chamrajpet* Bangalore 18
☎9341241680
कर्नाटक
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*मदनलाल जी डागा के निवास स्थान*
*No 2 Rajaji Street*
*रेडिल्स*
☎9884200325,9840131331
8428020772,26418440
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*जैन भवन*
114/48, Big Street (Periya Teru),
Vadivishwaram,
*Nagercoil* - 629001.
(तमिलनाडु)
☎9629840537
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*बाबुलाल जी खेटेड के निवास स्थान पर*
*बल्लारी* (कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*बालगंची स्कूल से विहार कर मतिगट्टा स्कूल पधारेंगे*
हिरियूर - मैसूर रोड कर्नाटक
☎9601420513,9845001099
T+++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*धर्मश्री रिसोर्ट से विहार करके बसवेश्वरमठ नेलमंगला पधारेगे*
बैगलौर (कर्नाटक)
☎7798028703
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमणजी* *की सुशिष्या* *समणी निर्देशिका चारित्रप्रज्ञाजी* *एवं सहवर्तिनी समणीवृन्द का प्रवास*
*Shantilalji Deepak ji Dugar*
Jain stores
No.48,bazaar street
*Sholinghur*
☎9444243025,9994738848
T++++++++S+++++++++++S

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प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

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Update

★ पूज्य गुरुदेव की अनुमति से समाधि केन्द्र बीदासर में प्रवासित *शासन श्री साध्वी श्री भाग्यवती जी के 28.12.2017 सुबह 3.47 से तिविहार संथारा चल रहा था। अभी दोपहर 12:35 पर* *"चौविहार संथारा" स्वीकार किया है।*

दि: 28/12/2017
प्रस्तुति: 🙏🏻तेरापंथ *संघ संवाद*🙏🏻

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 228* 📝

*महाप्राज्ञ आचार्य मल्लवादी*

*जीवन-वृत*

गतांक से आगे...

पराभव का बदला लेने के लिए मल्लमुनि ने वहां से प्रस्थान किया और भरुंच पहुंचे। बौद्धभिक्षु नंद के साथ राजसभा में शास्त्रार्थ किया। नयचक्र महाग्रंथ के आधार पर यह शास्त्रार्थ प्रारंभ हुआ और छह महीने तक चलता रहा। अंत में वाक् निपुण मल्लमुनि की विजय हुई। विजयोल्लास के प्रसंग पर शासन देवी ने पुष्प वृष्टी की। राजा ने महोत्सव मनाया और कलानिधि मल्लसूरि को 'वादी' की उपाधि दी। तब से मल्लमुनि मल्लवादी के नाम से प्रसिद्ध हुए। जिनानंदसूरि भी ससंघ वल्लभी से भृगुकच्छ (भरुंच) आए। मल्लवादी ने उनका स्वागत किया। साध्वी दुर्लभदेवी पुत्र की शास्त्रार्थ विजय पर प्रसन्न हुई। जिनानंदसूरि ने उन्हें प्रसन्नतापूर्वक आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर गच्छ का भार जिनानंदसूरि ने मल्लवादी के कंधों पर आरोपित किया। गच्छ नायक के रूप में मल्लवादी हीरकोपम तेजस्वी प्रतीत होने लगे।

'प्रबंध कोश' के अनुसार मल्लवादी का यह शास्त्रार्थ बौद्धों के साथ वल्लभी में राजा शिलादित्य की सभा में हुआ था। जिनानंदसूरि के पराभव की बात मल्लवादी को अपनी जननी के द्वारा ज्ञात हुई और उन्होंने यह भी जाना

*तीर्थं शत्रुञ्जयाह्वं यद्विदितं मोक्षकारणम्।*
*श्वेताम्बराभावतस्तद्बौद्धैर्भूतैरिवाश्रीतम्।।32।।*
*(प्रबंध कोश, पृष्ठ 22)*

जैनों का प्रमुख तीर्थ स्थान शत्रुंजय था, उस पर भी जैनों का अपना अधिकार नहीं रहा।

जननी से बात सुनकर तेजस्वी मल्लमुनि ने प्रतिज्ञा की

*नोन्मूलयामि चेद्बौद्धान् नदीरय इव द्रुमान्।*
*तदा भवामि सर्वज्ञ-ध्वंस पातकभाजनम्।।35।।*
*(प्रबंध कोश, पृष्ठ 22)*

इस भीषण प्रतिज्ञा के साथ मल्लमुनि ने गिरि गुहाओं में घोर तप किया। तपस्या के प्रभाव से देवी ने प्रकट होकर मल्लमुनि की बुद्धि की परीक्षा ली। परीक्षोत्तीर्ण मल्लमुनि को देवी ने आशीर्वाद देते हुए कहा *'भूयाः परमतापहः'* वत्स तुम परमत विजेता बनो। देवी से इस प्रकार वर प्राप्त कर एवं न्यायविद्या में प्रवीण बनकर मल्लमुनि ने बौद्ध भिक्षु नंद के साथ वल्लभी में शास्त्रार्थ किया एवं विजयलक्ष्मी को वरा था। यह शास्त्रार्थ प्रभावक चरित्र के विजयसूरि प्रबंध के अनुसार वीर निर्वाण 884 (विक्रम सम्वत् 414) में हुआ था।

*आचार्य मल्लवादी द्वारा रचित साहित्य* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 52* 📝

*केसरजी भण्डारी*

*बैठी और खड़ी मूर्तियां*

मुनिश्री हेमराजजी के प्रवास के समय घटित घटना के पश्चात महाराणा के साथ केसरजी का संबंध और भी घनिष्ट हो गया। एक प्रकार से वे उनके अंतरंग व्यक्तियों में हो गए। समय-समय पर महाराणा के साथ धर्म चर्चा तो उनकी चलती रहती थी कभी-कभी हास परिहास भी हो जाता था। वह इतना खुल गए थे कि उनकी कही हुई बात का महाराणा बुरा नहीं मानते। एक बार पारस्परिक बातचीत में महाराणा ने प्रश्न उठाते हुए केसरजी से कहा— 'केसर! हम वैष्णवों के देवों की मूर्तियां बहुधा खड़े आकार में ही होती हैं जबकि जैनों के देवों की मूर्तियां बहुधा बैठे आकार में। इसमें भी कोई कारण है क्या?'

केसरजी तत्काल महाराणा के आदरार्थ खड़े हुए और करबद्ध कहने लगे— 'मूल कारण क्या है यह तो उक्त विषय के विद्वान् ही बता सकते हैं, परंतु एक स्पष्ट कारण जो कि इस समय मेरे ध्यान में आ रहा है, आज्ञा हो तो वह निवेदन कर सकता हूं।'

महाराणा ने उत्सुकता से कहा— 'हां कहो न; वही तो मैं पूछ रहा हूं।'

केसरजी एक क्षण के लिए रुके और गंभीर बनने का प्रयास करते हुए बोले— 'दरबार तो सिंहासन पर विराजमान हैं और जाकर खड़ा हुआ है। तो क्या इसी प्रकार से वहां भी पद का अंतर कारण नहीं बन सकता?'

महाराणा हंस पड़े और कहने लगे— 'मैं तो समझा था कोई गंभीर बात बतलायेगा, पर तू तो बात को मजाक की तरफ ले गया।'

*पासा पलट गया*

केसरजी केवल दृढ़धर्मी ही नहीं, धर्म के मर्मज्ञ भी थे। विद्वान् व्यक्ति भी उन्हें अपनी बातों में उलझाकर भ्रांत नहीं कर सकता था। वे उसे बराबर का उत्तर तो देते ही थे, पर अवसर आने पर छका भी देते थे। एक बार महाराणा भीमसिंहजी किसी कथावाचक से अच्छे प्रभावित हुए। उन्होंने उसमें समझाने तथा युक्ति पूर्वक उत्तर देने की अच्छी योग्यता पाई। दूसरे ही दिन महाराणा ने केसरजी के सम्मुख बात चलाते हुए कथावाचक की प्रशंसा की और कहा— 'वह अच्छे कथावाचक हैं। अपनी बात को तर्कपूर्ण ढंग से समझाने में बड़े कुशल हैं। तू एक बार अपने वहां कथा कराकर देख।'

महाराणा ने कथावाचक को भी पृथक् रूप से प्रेरणा दी कि वह कहे तो आप वहां जाकर अवश्य कथा करना और उसे तार्किक ढंग से समझाना। वह हर बात में तर्क भिड़ाता रहता है। संभवतः उस समय महाराणा के मन में केसरजी को छकाने की भावना रही हो तो आश्चर्य नहीं।

*क्या केसरजी ने महाराणा की बात मानकर अपने यहां कथा करवाई...? आगे और क्या घटित हुआ...?* जानेंगे व प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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👉 बेंगलोर - ज्ञानशाला की गुरू दर्शन यात्रा
👉 चूरू - "जीवन को संवारे-व्यक्तित्व को निखारे" कार्यशाला का आयोजन
👉 छापर - "बालिका शिक्षा की आवश्यकता" विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित
👉 बारडोली - रेल्वे स्टेशन पर सेवा कार्यक्रम

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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News in Hindi

👉 बीदासर - तिविहार संथारे का प्रत्याखान

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

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🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "करंजिया" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - राणी सती मंदिर, करंजिया, जिला - मयूरभंज (ओड़िशा)

दिनांक:28/12/2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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