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#BhagwanRam राम केवल आराध्य नहीं है.. वे हमारे आदर्श भी है। राम नाम हमें सहनशीलता, सहष्णुता, परहित, त्याग, शान्ति, नैतिकता और धर्म रक्षा का पाठ पढ़ाता है।
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"सूरत के उद्योगपति 'महेश भाई सवानी' ने पिता की छत्रछाया गंवा चुकी 251 बेटियों की शादी करके, उन्हें धूमधाम से विदा किया। हर बेटी को करीब 10 लाख रुपए की FD और सभी जरूरी सामान जैसे- फ्रिज, गैस चूल्हा, अलमारी, TV, बर्तन आदि दिए। उन्होंने ऐसा आयोजन तीसरी बार किया है। दिल से सैल्यूट.! 😊
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News in Hindi
कंकर पत्थर धरती अम्बर, देख रहे होकर के मौन!
नही देखता पद छालों को, चले निरंतर पथिक ये कौन
धुप बेचारी बड़ी अचंभित, विस्मयभर बोली कर जोर!
इन सम दूजा नही तपस्वी, घूम आई मै चारों ओर!
भांप सभी की मनोदशा तब, चंद्रगिरि से उठी बयार!
बोली सबको पास बुलाकर, यही हमारे पालनहार
मुक्तिरमा को वरने निकले, सिद्धशिला है जिनका धाम
वर्तमान के महावीर हैं, श्री विद्यासागर जिनका नाम
💐💐💐 -जैन ब्रजेश पाटन
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#आचार्य_श्री_ज्ञानसागर तथा #बाबा_रामदेव
-आपको कोई कहे कि ऐसा व्यक्ति ढूंढकर लाओ जो ज़िन्दगी भर बिजली का उपयोग न करता हो, वाहन में न बैठता हो, स्नान न करता हो, बैंक में जिसका खाता न हो, जिसके पास रहने के लिए घर न हो, गांव में खेत न हो, जो पैसा न कमाता हो, जो विवाह न करता हो, जिसका परिवार न हो, पैर में जुते न पहनता हो, जिसके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस आदि न हो, जिसे पासपोर्ट की जरुरत न हो, जिसे दर्जी, नाई, मोची, सुथार, लुहार, घांची, तेली, वणिक आदि लोगो की जरुरत न पड़े और फिर भी जो सदैव सुखी रहे, तो आपको कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं, जैन साधू के रूप में ऐसे व्यक्ति आपके आस पास विचरण करते हुए नज़र आ जाएंगे ।
भारत का संविधान 1950 में बना था और अब तक 64 सालों में इसमें 100 से अधिक संशोधन हो चुके हैं परंतु एक संविधान आज से 2570 वर्ष पूर्व शासन स्थापना के दिन भगवान महावीर ने साधू के लिए बनाया था जो आज तक एक बार भी परिवर्तित नहीं हुआ । (note: Jain Dharma ki sthapana is avsarpaniya kaal mein Bhagwaan Adinath ne ki thi)
2570 वर्ष पूर्व जैन साधू जो जीवन जीते थे, आज के आधुनिक चकाचौंध भरे युग में भी वैसा ही जीवन जी रहे हैं:)
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