24.11.2017 ►TMC ►Terapanth Center News

Published: 24.11.2017
Updated: 26.11.2017

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📣 #अहिंसा_यात्रा: -झारखंड में प्रवेश

#शांतिदूत #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी का धवल सेना के साथ झारखंड #सीमा में मंगल #प्रवेश हुआ। गुरुदेव लगभग #12_किमी. विहार करके डीवीसी उच्च विद्यालय पधारे। इस अवसर पर #झारखंड सरकार के मंत्री, एमपी व विधायकों ने गुरुदेव का #स्वागत किया।

24.11.2017
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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#ज्योतिचरण का स्पर्श पाकर #ज्योतित हो उठा #खनिज_संपदाओं से भरा #झारखंड

-#बंग_धरा ने #अहिंसा_यात्रा से ली विदाई तो झारखंड राज्य ने अहिंसा यात्रा का किया #वेलकम

-#बराकर #नदी पर बने पुल को पार करते ही आचार्यश्री ने झारखंड राज्य की #सीमा में किया मंगल #प्रवेश

-अपने #राजकीय_अतिथि के स्वागत को पहुंचे झारखंड #सरकार के #मंत्री, #एमपी व #विधायक सहित अन्य गणमान्य

-#आचार्य_श्री_महाश्रमण जी लगभग 12 किलोमीटर का विहार कर पहुंचे डीवीसी उच्च विद्यालय

-जीवन में दयाअनुकंपा रखने की दी आचार्यश्री ने दी पावन प्रेरणा

-जन प्रतिनिधियों सहित हर्षित #झारखंडवासियों ने अपने आराध्य के समक्ष अर्पित किए अपने भावनाओं के सुमन

24.11.2017 मैथन, #धनबाद (झारखंड):- वर्ष 2017 का कोलकाता की धरती पर ऐतिहासिक चतुर्मास सुसम्पन्न कर व पश्चिम बंगाल के कई जिलों को अपने चरणरज से पावन बनाते हुए जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता, शांतिदूत, महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की धरा को छोड़ खनिज पदार्थों से सम्पन्न झारखंड राज्य को आध्यात्मिकता, भाईचारे, नैतिकता, प्रमाणिकता से भी सुसम्पन्न बनाने के लिए शुक्रवार को मंगल प्रवेश किया। एक तरह महीनों तक महातपस्वी की चरणरज से पावन होती बंग धारा अब महातपस्वी से आशीष से विदा हो रही थी तो दूसरी ओर 20 तीर्थंकरों के निर्वाण भूमि के नाम से भी प्रसिद्ध झारखंड नगरी तीर्थंकर के प्रतिनिधि का स्वागत कर रही थी। राजकीय अतिथि का सम्मान देने वाली झारखंड सरकार के पर्यटन व खेलकूद मंत्री श्री अमर बावरी, पूर्व सांसद श्री चंद्रशेखर दुबे, निरसा विधायक श्री अरुप चटर्जी, धनबाद मेयर श्री चन्द्रशेखर अग्रवाल सहित कई गणमान्य सहित झारखंडवासियों ने अपने आराध्य का भावभीना स्वागत किया तो सजल नयन से कोलकातावासियों ने अपने आराध्य को अपनी धरा से विदाई दी। समताधारी आचार्यश्री ने सभी पर समान रूप से आशीष वृष्टि कर उन्हें आध्यात्मिक शक्ति प्रदान की।

महीनों तक पश्चिम बंगाल की धरा को अपने पावन चरणरज से पवित्र बनाते और अपनी अमृतवाणी से पश्चिम बंगालवासियों को मानवता का संदेश देते हुए आचार्यश्री महाश्रमणजी ने वर्ष 2017 का ऐतिहासिक चतुर्मास कोलकाता में सम्पन्न कर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल राज्य के पश्चिम वर्धमान जिले के चलबलपुर से प्रातः विहार किया। लगभग छह किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बराकर नदी पर बने पुल पर जब आचार्यश्री पहुंचे। पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य के बीच की भेदरेखा बनी इस नदी के पुल को आचार्यश्री ने जैसे ही पार किया वैसे ही बंग धरा पीछे छूट गई और अहिंसा यात्रा के साथ झारखंड राज्य की सीमा जुड़ गई। आचार्यश्री आज कुल लगभग 12 किलोमीटर का विहार कर धनबाद जिले के मैथन स्थित डीवीसी उच्च विद्यालय प्रांगण पहुंचे।

विद्यालय परिसर में बने हाॅल में आचार्यश्री ने झारखंड के इस धरा पर अपना प्रथम प्रवचन करते हुए कहा कि हमारी दुनिया में हिंसा भी चलती है तो अहिंसा भी विद्यमान है। निष्ठुरता और घृणा है तो दया का भाव भी देखने को मिलता है। आदमी के जीवन का एक गुण होता है दया-अनुकंपा। जिस आदमी में दया, करुण, अनुकंपा होती है, वह व्यक्ति अनेक पापों से बच सकता है। दयावान व्यक्ति का चित्त पवित्र होता है। आदमी की दया अनेक प्राणियों को मरने से बचा देती है। आदमी दया के द्वारा इस संसार सागर को तरने का प्रयास करे, यह खास बात होती है। आदमी जहां तक हो दूसरों को दुःख से उबारने, किसी को चित्त समाधि, शांति प्रदान करने का प्रयास करे। आदमी किसी को दुःख देने, किसी को मारने आदि से बचने का प्रयास करना चाहिए। दूसरों को कष्ट देना अपने को कष्ट देने जैसा होता है। आदमी को दया-अनुकंपा रखने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन के उपरान्त झारखंड की सीमा में दूसरी पर प्रवेश पर करते हुए कहा कि 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि पर एक वर्ष में दूसरी बार आगमन हो गया है। आचार्यश्री ने उपस्थित लोगों को अहिंसा यात्रा के विषय में अगवति प्रदान कर लोगों को इनके द्वारा अपने जीवन को सफल बनाने की पावन प्रेरणा प्रदान की।

अपने आराध्य को अपनी धरा पर पाकर झारखंडवासी अतिशय हर्षित थे। आचार्यश्री का मंगल प्रवचन श्रवण करने के उपरान्त पूर्व सांसद व इंटक के अध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर दुबे ने आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति देते हुए कहा कि मैं झारखंड की इस धरा पर आचार्यश्री का हार्दिक स्वागत-अभिनन्दन करता हूं और इस मौके पर जितना कहूंगा, वह कम होगा। क्योंकि ऐसे शब्द नहीं जो ऐसे महातपस्वी संत के स्वागत में प्रस्तुत किया जाए सके। हम सभी झारखंड की धरती पर आपका स्वागत करते हैं। आपकी अहिंसा यात्रा के तीनों सूत्र जीवन बदलने वाले हैं, इनके बारे में कहने को कोई शब्द नहीं है। हम उन्हें अपने जीवन में पूरी तरह उतारने का प्रयास करेंगे। हम सभी आपके विचारों से बहुत प्रभावित हैं। आप अहिंसा के पुजारी हैं। आपके कार्यों के जानकर आपके प्रति बहुत श्रद्धा जागृत हुई है। मैं सोचता हूं कि भगवान ने आप जैसे महापुरुष को धरती पर हम सभी का कल्याण करने के लिए भेजा है।

निरसा विधायक श्री अरुप चटर्जी ने कहा कि हम महातपस्वी आचार्यश्री का अपनी धरती पर बहुत-बहुत स्वागत-अभिनन्दन करते हैं। आपके चरणरज से हमारे क्षेत्र की मिट्टी पवित्र हो गई है। आपकी वाणी से लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। मैं आशा करता हूं कि आपकी यात्रा सुखद रहे। आपके संदेशों से पूरे देश में सद्भावना और नैतिकता जागृत हो सके। आपकी वाणी से पूरे देश का भला होगा।

डीवीसी विद्यालय के प्रधानध्यापक डाॅक्टर विनय कुमार ने आचार्यश्री का अपने विद्यालय में आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि यह हम सभी का यह परम सौभाग्य कि आपके चरणरज हमारे इस विद्यालय में पड़े। यह विद्यालय जो अब तक विद्या मंदिर के रूप में था आज आपके चरणरज को प्राप्त कर एक तीर्थ बन गया है। हम अपने आपको बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं कि आपके दर्शन का हम सभी को सुअवसर प्राप्त हुआ। आपकी ज्ञानवर्धक अमृतवाणी हम सभी ने सुना है, उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे।

आचार्यश्री के आगमन से अतिशय हर्षित चास-बोकारो के श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य का अपनी धरा पर वंदन किया। श्री धर्मेन्द्र चोरड़िया ने अपने विचार अभिव्यक्त किए तो चास-बोकारो तेरापंथ महिला मंडल तथा तेरापंथ युवक परिषद के सदस्यों द्वारा पृथक-पृथक स्वागत गीत का संगान किया गया।

24.11.2017
प्रेषक > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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News in Hindi

🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏

दिनांक- 24-11-2017
तिथि: - #माघशीर्ष सुदी #छठ (06)

#शुक्रवार त्याग/#पचखाण

★आज #ढोकला खाने का त्याग करे।

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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
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🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏

🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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