21.11.2017 ►TMC ►Terapanth Center News

Published: 21.11.2017
Updated: 23.11.2017

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📣 #अहिंसा_यात्रा: - गतिमान चरण

#शांतिदूत परमपूज्य #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी आज लगभग 10 किमी. विहार करके रानीगंज पधारे। #गुरुवर की मंगल सन्निधि से #विहार की मनोरम झलकियां एवं #प्रेरणा पाथेय।

21.11.2017
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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श्री #अमृत #आश्रम से #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी ने की अमृतवाणी की बरसात

-#अमृतवाणी का श्रवण कर कृतार्थ हुए रानीगंजवासी, मानों प्राप्त कर लिया जीवन की #अमूल्य निधि

-#काजोरा स्थित #आर्ट_आॅफ_लिविंग आश्रम से दस किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री पहुंचे रानीगंज

-प्रवर्धमान आचार्यश्री महाश्रमण अहिंसा यात्रा के साथ आसनसोल जिले की सीमा में किया पावन प्रवेश

-रानीगंज के अमृत आश्रम में #आचार्यश्री का हुआ पावन प्रवास

- #रानीगंज वासियों ने अपने आराध्य के समक्ष दी अपनी हर्षित भावाभिव्यक्ति

21.11.2017 रानीगंज, आसनसोल (पश्चिम बंगाल):- कोलकाता चतुर्मास की सुसम्पन्नता के उपरान्त पश्चिम बंगाल के हुगली, पूर्वी वर्धमान तथा पश्चिमी वर्धमान को पावन अपने चरणरज से पावन करते जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य के आसनसोल जिले की सीमा में पावन प्रवेश किया। आचार्यश्री अहिंसा यात्रा संग आसनसोल के रानीगंज स्थित अमृत आश्रम में पधारे। जहां आश्रम से जुड़े लोग और रानीगंज के श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री का हार्दिक स्वागत-अभिनन्दन किया। आचार्यश्री ने आश्रम के भूतल पर बने हाॅल से पावन पाथेय प्रदान किया तो हर्षित श्रद्धालुओं और आश्रम से संबद्ध लोगों ने अपनी श्रद्धासिक्त भावाभिव्यक्ति दी।

मंगलवार को श्री श्री रविशंकरजी से जुड़े काजोरा स्थित आर्ट आॅफ लिविंग आश्रम से आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मंगल प्रस्थान किया तो सामने से सूर्य मानों अपनी रश्मियों संग कई दिनों की अनुपस्थिति के बाद श्रीचरणों की वंदना कर गतिमान होने को तत्पर था। आसमान बिल्कुल साफ था, किन्तु बरसात के बाद खुले मौसम में सुबह से ही चल रही तेज हवाएं लोगों को सर्दी का अहसास करा रही थीं। ये हवाएं उस दिशा से आ रही रही थीं, जिस दिशा की ओर आचार्यश्री को प्रस्थान करना था। अखंड परिव्राजक और दृढ़ संकल्पी आचार्यश्री के ज्योतिचरण सर्द हवाओं को चीरते हुए गतिमान हो चले। कुछ किलोमीटर की यात्रा के साथ ही पश्चिम वर्धमान जिले की सीमा ने आचार्यश्री के चरणों की वंदना कर विदा हुई तो आचार्यश्री के चरणरज को प्राप्त कर हर्षित आसनसोल जिले की सीमा ने मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के चरणवंदना कर अपने सीमा क्षेत्र में मंगल स्वागत किया। लगभग दस किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री रानीगंज स्थित श्री अमृत आश्रम में पधारे।

आचार्यश्री ने श्री अमृत आश्रम के भूतल पर बने हाॅल में उपस्थित श्रद्धालुओं पर अमृतवाणी की बरसात करते हुए कहा कि आदमी को अपने जीवन में एक महत्त्वपूर्ण बात यह रखने का प्रयास करना चाहिए कि उसका दृष्टिकोण सम्यक् हो जाए। आदमी को यथार्थ का बोध करने का प्रयास करना चाहिए। यथार्थ दृष्टि सम्यक् दर्शन है और यथार्थ बोध सम्यक् ज्ञान होता है। जैन धर्म में नौ तत्वों के माध्यम से यथार्थ को जाना जा सकता है। आदमी को पहले स्वयं को जानने का प्रयास करना चाहिए। आदमी स्वयं में जीव है। शरीर तो हमारी निर्जीव है। पुण्य-पाप के कारण शरीर और आत्मा का साहचर्य हो जाता है। आदमी के द्वारा होने वाले अच्छे और बुरे कर्म के कारण पुण्य और पाप का बंध हो जाता है। आदमी को संवर और निर्जरा के माध्यम से अपने कर्मों का क्षय कर मोक्ष प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकता है। आदमी को रूढ़ी को छोड़ सच्चाई को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। सच्चाई जहां से भी प्राप्त हो उसे ग्रहण करने का प्रयास करना चाहिए।

आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त मुनि गौरवकुमारजी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आश्रमी की ओर से श्री मुरारीलालजी ने आचार्यश्री का स्वागत करते हुए कहा कि आपश्री के आगमन से हम सभी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आपके आगमन से हम धन्य हो गए। श्री नवरतनमल बैद ने अपनी हर्षाभिव्यक्ति दी। कोठारी परिवार की महिलाओं तथा इस आश्रम से संबद्ध महिलाओं के आचार्यश्री के स्वागत में गीत का संगान कर अपने भावसुमन श्रीचरणों में अर्पित किए तथा आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

21.11.2017
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
#Jain #AcharyaMahashraman #Ahimsayatra #terapanth #tmc #news #pravachan #vihar

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News in Hindi

🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏

दिनांक- 21-11-2017
तिथि: - #माघशीर्ष सुदी #तीज (03)

#मंगलवार त्याग/#पचखाण

★आज #कचोरी खाने का त्याग करे।

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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
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🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏

🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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