18.11.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 18.11.2017
Updated: 19.11.2017

Update

*19/11/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2का प्रवास

*मिठालाल जी संचेती*
*मडिवाला*
☎8105066401,
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Gherilal Ji Katariya*
Nakoda nivas
Gannagara Street
Pandavpura taluk
Mandya Dist
☎9964524973
,8792614459
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*Jain terapanth bhawan*
Chitappa avenue
Rayapuram extn
*Tirupur -1*
☎ 8107033307,
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*वलाजावाद*
☎9500300212
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Gayatri mandir to Rangaz mahal*

☎ 7200690967
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*महावीर जी धोका*
*वसन्तनगर* बैगलौर
☎8890788494,9844375544
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*Amar Chand Ji Chajjer*
Payal palace apartment
Flat no. AB003
Next to total gas station
Opposite bansuri sweets,basveshwar nagar
☎7075252916
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*तुपरान हाईस्कूल*
*हैदराबाद- नागपुर रोड*
☎9959037737
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*समता भवन*
168, G. A. ROAD Tondiairpet chennai.
☎ 9380752141,9884200325
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*नौरतनमल डागा*
का निवास स्थान
४५, वैलायुदम रोड(VSV नगर)
मेहता स्कूल के पास,
*सिवाकासी*
☎91 9443327831
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*हिरियुर*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*
☎7230910977,8830043723
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*सोननहल्ली के सरकारी स्कूल से विहार कर हुविनाहल्ली (जिल्ला हासन) के देवेगौड़ा के घर पर विराजेंगे*

☎7798028703
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प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 201* 📝

*भव्यजन दुःख विभञ्जक आचार्य भूतदिन्न*
*आचार्य लोहित्य, आचार्य दूष्यगणी*

भूतदिन्न, लोहित्य, दूष्यगणी तीनों श्रुत संपन्न आचार्य थे। आगम ग्रंथों में तीनों का सम्मान पूर्ण शब्दों में उल्लेख है। वाचन वंश परंपरा में तीनों का गरिमामय स्थान है।

*गुरु-परंपरा*

नंदी स्थविरावली में आगम वाचनाकार नागार्जुन के बाद भूतदिन्न, लोहित्य एवं दूष्यगणी का क्रमशः उल्लेख है। अतः वाचक गुरु-परंपरा के अनुसार नागार्जुन के उत्तरवर्ती वाचनाचार्य भूतदिन्न, उनके उत्तरवर्ती वाचनाचार्य लोहित्य और दूष्यगणी क्रमशः हुए।

*जीवन-वृत्त*

भूतदिन्न, लोहित्य और दूष्यगणी का विशेष जीवन प्रसंग प्राप्त नहीं है। नंदी स्थविरावली में आचार्य देवर्द्धिगणी द्वारा रचित स्तुति पद्यों में इन आचार्यों के विविध गुणों का वर्णन है। इन गुणों के आधार पर तीनों आचार्यों के जीवन का स्वल्प परिचय ज्ञात है।

*आचार्य भूतदिन्न—* आचार्य भूतदिन्न के विषय में नंदी स्थविरावली के स्तुत्यात्मक पद्य इस प्रकार हैं—

*"वरतविय-कणग-चंपग-विमउल- वरकमल-गब्भ-सरिवण्णे।*
*भविय-जण-हियय-दइए, दया-गुण-विसारिए धीरे।।37।।*
*अड्ढ़भरह-प्पहाणे, बहुविह-सज्झायसुमुणिय-पहाणे।*
*अणुओगिय-वरवसभे, नाइल-कुलवंस-नंदिकरे।।38।।*
*भूयहिअ-प्पगब्भे, वंदेहं भूयदिण्णमायरिए।*
*भव-भव वुच्छेयकरे, सीसे नागज्जुणरिसीणं।।39।।*

आचार्य भूतदिन्न आगम वाचनाकार नागार्जुन के शिष्य माने गए हैं। आचार्य भूतदिन्न का वपु आग में तप्त स्वर्ण की भांति कांतिमान था। वे भव्यजनों के हितैषी, करुणार्द्रहृदय तथा नाइल कुलवंश वृद्धिकारक महाप्रभावी आचार्य थे।

*आचार्य लोहित्य—* लोहित्याचार्य के संबंध में नंदी का उल्लेख है—

*सुमुणिय-णिच्चाणिच्चं, सुमुणिय-सुत्तत्थ-धारयं निच्चं।*
*वंदेहं लोहिच्चं, सब्भावुब्भावणा-तच्चं।।40।।*

लोहित्याचार्य सूत्रार्थ के सम्यग् धारक, पदार्थस्थ नित्यानित्य स्वरूप के विवेचक एवं शोभन भाव में स्थित थे।

*आचार्य दूष्यगणी के जीवन-वृत्त व तीनों आचार्यों के आचार्य-काल के समय-संकेत* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 25* 📝

*विजयचंदजी पटवा*

*क्षायक सम्यक्त्वी*

एक बार आसकरणजी दांती ने पटवाजी से कहा— 'भीखणजी औरों को तो किवाड़ खोलने का दोष बतलाते हैं, परंतु स्वयं अमुक गांव में किवाड़ खोलकर ठहरे थे।'
पटवाजी ने कहा— 'वह ऐसा नहीं करते।'
आसकरणजी ने अपनी बात पर बल देते हुए कहा— 'नहीं क्या करते, उन्होंने ऐसा किया है। तुम मेरा विश्वास करो, मैं बिल्कुल सत्य कह रहा हूं।'
पटवाजी बोले— 'मुझे तुम पर विश्वास है कि तुम इस विषय में कभी सत्य नहीं बोलते।' उनका यह दो टूक उत्तर सुनकर बेचारे दांतीजी चुपचाप अपने घर चले गए।

स्वामीजी ने यह घटना सुनी तो उनकी अप्रतिम निष्ठा की प्रशंसा करते हुए कहा— 'पटवाजी को संतों से विमुख करने का प्रयास करते हुए न जाने कितने लोग उल्टी सीधी बातें कहते रहते हैं, परंतु वह इतने दृढ़ विश्वासी हैं कि मानो क्षायक सम्यक्त्वी हों।'

*एक उपालंभ*

पटवाजी जितने तत्त्वनिष्ठ और श्रद्धालु थे, उतने ही विनम्र भी थे। एक बार सांयकाल में सामायिक और प्रतिक्रमण करने के लिए वे स्थान पर आए। वे स्वामीजी की सेवा में बैठे थे। बादलों के कारण कुछ अंधेरा सा होने लग गया था, अतः उन्होंने स्वामीजी से प्रार्थना की कि अब सूर्यास्त का समय हो गया है, अतः पानी चुका दें। स्वामीजी ने पानी चुका दिया। कुछ ही क्षणों में बादल हट गए और धूप निकल आई। स्वामीजी ने तथा साथ ही पटवाजी ने देखा कि अभी तो सूर्य काफी ऊंचा है।

स्वामीजी ने तब पटवाजी को उपालंभ देते हुए कहा— 'संतो को रात में पानी पीना नहीं कल्पता, अतः उन्हें प्यास का परिषह सहना पड़ता है। तुम गृहस्थों को रात्रि का परित्याग नहीं है, अतः जब प्यास लगे तभी पानी पी लेते हो। सूर्यास्त आदि का समय पूरा ध्यान में न हो तो उसके लिए अपनी ओर से निर्णय क्यों देना चाहिए।'

पटवाजी को बड़ा दुःख हुआ कि उनकी भूल से स्वामीजी को प्यासा रहना पड़ा। उन्होंने नतमस्तक होते हुए अपनी भूल के लिए स्वामीजी से क्षमा याचना की और यह शिक्षा ग्रहण की कि किसी बात का निर्णीत पता हुए बिना उसके विषय में अपनी ओर से कोई निर्णय नहीं देना चाहिए। स्वामीजी के उस सामयिक उपालंभ ने उन्हें सदा के लिए सजग बना दिया।

*सामायिक और रुपया*

पटवाजी एक बार दुकान से उठकर सामायिक करने के लिए स्वामीजी की सेवा में पहुंचे। वह बहुधा व्याख्यान के समय दो सामायिक किया करते थे। प्रतिदिन के क्रम से उन्होंने ज्यों ही सामायिक का प्रत्याख्यान किया, त्यों ही कुछ क्षण पश्चात् उन्हें याद आया कि दुकान पर जो दो हजार रुपए बाहर से आए थे, वह थैला दुकान बढ़ाते समय अंदर रखना भूल गया हूं। उन्होंने अपनी समस्या स्वामीजी के सम्मुख रखते हुए कहा— 'आज तो सामायिक में आर्त्तध्यान का कारण उपस्थित हो गया है।' स्वामीजी ने कहा— 'सामायिक में समता भाव ही रखना चाहिए। शुद्ध सामायिक की तुलना में दो हजार रुपयों का कोई मूल्य नहीं है।'

स्वामीजी के इन शब्दों से पटवाजी का आत्मविश्वास जागा और वे अपने मन को स्थिर करते हुए सोचने लगे मेरे भोग में आने की वस्तु होगी तो कहीं जाएगी नहीं और यदि जाने ही वाली होगी तो हजार सुरक्षा करने पर भी रहेगी नहीं, तो फिर सामायिक में मुझे क्यों अस्थिरता लानी चाहिए? उन्होंने इस प्रकार अपने मन को सुस्थिर कर लिया।

सामायिक का काल पूर्ण होने के पश्चात् जब पटवाजी दुकान पर गए तो यह देखकर चकित रह गए कि एक बकरा उस थैले से सटकर इस प्रकार बैठा है मानो किसी दुष्ट व्यक्ति की दृष्टि से बचाने का उसका उद्देश्य हो।

*पटवाजी की व्यवहार पटुता* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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Video

Source: © Facebook

https://youtu.be/rDkpnqYDq0I

दिनांक 18-11-2017 का पूज्य प्रवर के आज के विहार और प्रवचन का संक्षिप्त विडियो..

प्रस्तुति - अमृतवाणी

सम्प्रेषण -👇
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 *शांतिदूत की अमृतवाणी से पावन हो गया अमृता विद्यालयम*

👉 *-पश्चिम वर्धमान जिले का दुर्गापुर आचार्यश्री के चरणरज से हुआ पावन*

👉 *-पानागढ़ से लगभग पन्द्रह किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री पधारे दुर्गापुर के विधाननगर*

👉 *-विधाननगर स्थित अमृता विद्यालयम् आचार्यश्री के मंगल प्रवास से हुआ पावन*

👉 *-अमृता विद्यालयम में आचार्यश्री की अमृतवाणी का श्रद्धालुओं ने किया रसपान*

दिनांक - 18-11-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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👉 फारबिसगंज - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम
👉 तिरुप्पुर: क्षेत्र में पहली बार 155 जनों ने किया सामूहिक रूप से एकासन तप
👉 रायबरेली - महासभा उत्तरप्रदेश संगठन यात्रा
👉 कानपुर- महासभा उत्तरप्रदेश संगठन यात्रा
👉 पुणे - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम
👉 न्यू अलीपुर (कोलकाता) - "निर्माण" नन्हा कदम स्वछता‍‌ की ओर
👉 साउथ कोलकाता - "ENTER TO THE NEW ERA" "जगाएं भीतर में नवोन्मेष, नए युग में करें प्रवेश" कार्यशाला का आयोजन
👉 टिटिलागढ़ - 'निर्माण' एक नन्हां कदम स्वच्छता की और
👉 आमेट - - "ENTER TO THE NEW ERA" नये युग में करें प्रवेश कार्यशाला आयोजित

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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News in Hindi

*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 *...और महातपस्वी महाश्रमण ने ली साधुओं की हाजरी, दिखी उपाध्याय की झलक*

👉 *-साधु-साध्वियों को गोचरी-पानी से लेकर विहार के नियमों के प्रति जागरूक रहने की दी प्रेरणा*

👉 *-दुनिया में उत्कृष्ट मंगल धर्म, अहिंसा संयम और तप की साधना से धर्म की हो सकती है प्रभावना: आचार्यश्री*

👉 *-बुदबुद से लगभग बारह किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री धवल सेना संग पहुंचे पानागढ़*

👉 *-पानागढ़ बाजार हिन्दी हाईस्कूल हुआ महातपस्वी के चरणरज से पावन*

👉 *-आसमान में छाए रहे बादल, रिमझिम गिरती बूंदों ने शुक्रवार को लिया विश्राम*

दिनांक - 17-11-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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👉 अहिंसा यात्रा के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "बिधाननगर (दुर्गापुर)" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - बिधाननगर (दुर्गापुर)

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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