15.11.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 15.11.2017
Updated: 17.11.2017

Update

👉 सैंथीया - ते.म.म. द्वारा बाल दिवस पर कार्यक्रम
👉 तुसरा - "निर्माण -एक नन्हा कदम स्वच्छता की और" कार्यक्रम
👉 विशाखापट्टनम - " निर्माण - एक कदम स्वच्छता की ओर"
👉 विशाखापट्टनम - बाल दिवस पर कन्यामण्डल द्वारा सेवा कार्य
👉 सादुलपुर - बाल दिवस पर कार्यशाला का आयोजन
👉 राजगढ़ - बाल दिवस पर कार्यशाला का आयोजन
👉 कांकरोली - साध्वी वृंद का आध्यात्मिक मिलन
👉 विजयनगर (बेंगलोर) - बालदिवस के उपलक्ष में सेवा कार्य
👉 काठमांडू - " निर्माण - एक कदम स्वच्छता की ओर"
👉 राजमहेंद्रवरम - "निर्माण" स्वच्छता अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम
👉 जयपुर - बाल दिवस पर स्टेशनरी किट का वितरण
👉 मुम्बई - बाल दिवस के उपलक्ष में जीवन विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम
👉 चेन्नई: "निर्माण" प्रोजेक्ट के अंतर्गत "सेवा चक्र समयं" अनाथाश्रम में "लाएं: अधरों पर मुस्कान, बने जीवन सार्थक पहचान" कार्यक्रम का आयोजन
👉 कोलकत्ता - पूर्वांचल महिला मंडल द्वारा निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम
👉 उधना, सूरत - कन्या मण्डल द्वारा दिव्यांग बच्चों के साथ कार्यक्रम

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

*16/11/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* के आज्ञानुवर्ति *मुनि श्री सुव्रत कुमार जी ठाणा २*का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*गॉधीनगर बैगलौर*
☎8105066401
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Gherilal Ji Katariya*
Nakoda nivas
Gannagara Street
Pandavpura taluk
Mandya Dist
☎9964524973
,8792614459
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*Jain terapanth bhawan*
Chitappa avenue
Rayapuram extn
*Tirupur -1*
☎ 8107033307,
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*वलाजावाद*
☎9500300212
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Jain terapanth bhawan*
Chitappa avenue
Rayapuram extn
*Tirupur -1*

T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*महावीर जी धोका*
*वसन्तनगर* बैगलौर
☎8890788494,9844375544
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*Amar Chand Ji Chajjer*
Payal palace apartment
Flat no. AB003
Next to total gas station
Opposite bansuri sweets,basveshwar nagar
☎7075252916
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*गोयल फार्म हाऊस के पास*
*यल्लमपेट*
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*समता भवन*
168 G A ROAD Tondiairpet chennai.
☎ 9380752141,9884200325
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*नौरतनमल डागा* का निवास स्थान
४५, वैलायुदम रोड(VSV नगर)
मेहता स्कूल के पास,
*सिवाकासी*
☎91 9443327831
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*हिरियुर*
T++++++++++S+++++++++S
*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*
☎7230910977,8830043723
T++++++++S+++++++++++S
*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*अगड़ीहल्ली*
हासनरोड
☎7798028703
T+++++++++S++++++++++S

*TSS वाट्स अप गुप से जुडने के लिए निचे दिए link पर click करे*
https://chat.whatsapp.com/ApZntfrpqQoI9ryaliWTWJ

प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

WhatsApp Group Invite
Follow this link to join

Update

*अहिंसा यात्रा के बढ़ते कदम*

*बरसात का खलल: विलंब से गतिमान हुए ज्योतिचरण*

*1: 47 बजे आचार्यश्री ने कुलगरिया से किया प्रस्थान*

*गलसी स्थित हाईस्कूल में होगा आज का प्रवास*

दिनांक - 15-11-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

News in Hindi

👉 तिरुपुर: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा रोटरी मैट्रिकुलेशन स्कूल में "निर्माण प्रोजेक्ट" के अंतर्गत “पर्यावरण और मन-मस्तिष्क को स्वच्छ रखे” कार्यक्रम का आयोजन
👉 कालू - बाल दिवस पर स्वच्छ भारत अभियान का कार्यक्रम
👉 राउरकेला - "निर्माण -एक नन्हा कदम स्वच्छता की और" पर कार्यक्रम
👉 जोरहाट - "निर्माण एक नन्हा क़दम स्वच्छता की और" पर कार्यक्रम
👉 बेहाला (कोलकाता) - 'निर्माण' एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर पर कार्यक्रम
👉 उत्तर हावड़ा - "निर्माण" एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर पर कार्यक्रम
👉 नगांव - "निर्माण" एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर पर कार्यक्रम
👉 वापी - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम
👉 वापी - कन्या मण्डल द्वारा सेवा कार्य
👉 जयपुर - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर पर कार्यक्रम
👉 नगांव - "निर्माण" एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर पर कार्यक्रम
👉 कांकरोली - स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत कार्यक्रम
👉 जयपुर - संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन
👉 दक्षिण हावड़ा - निर्माण एक नन्हा कदम स्वचछता की ओर के अंतर्गत कार्यक्रम
👉 श्री डूंगरगढ - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर के अन्तर्गत कार्यक्रम

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 198* 📝

*विमल विचारक आचार्य विमल*

*साहित्य*

आचार्य विमल प्राकृत भाषा के विद्वान् थे। उन्होंने जो भी लिखा प्राकृत में लिखा। वर्तमान में उनकी दो रचनाएं हैं। पउमचरिय और हरिवंसचरिय। ग्रंथ परिचय इस प्रकार है—

*पउमचरिय—* यह महाराष्ट्री प्राकृत का उत्तम ग्रंथ है। जैन पुराण साहित्य में यह सर्वाधिक प्राचीन है। चरित्र काव्य में भारतीय वाङ्गमय का यह प्राकृत भाषा में रचित सर्वप्रथम चरित महाकाव्य है। इसके 118 पर्व और 7 सर्ग हैं। पद्य संख्या 8651 है। राम का आद्योपांत जीवन चरित इन सात सर्गों में कुशलता के साथ निबद्ध किया गया है। जैन मान्यतानुसार रामकथा को प्रस्तुत करना कथाकार का मुख्य उद्देश्य प्रतीत होता है। राम का एक नाम पद्म भी है। पद्म नाम के आधार पर इस कृति का नाम पउमचरिय रखा गया है।

शलाका पुरुष का जीवन चरित प्रतिपादित होने के कारण यह जैन पुराण ग्रंथ है। इसके बीसवें पर्व में जैन सम्मत 63 शलाका पुरुषों के नाम की सूचर है। पुराण साहित्य के अन्वय आदि आठों अंगों का इस ग्रंथ में पर्याप्त विवेचन है। सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश आदि पुराण के पांचों लक्षण इस पुराण में है।

शैली के आधार पर यह ग्रंथ काव्य गुणों को प्रकट करता है। भाषा में प्रवाह है, सरसता है। उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा आदि विविध अलंकारों का पर्याप्त प्रयोग है। रसों की अभिव्यक्ति, भयानक रौद्र रस आदि का सोदाहरण प्रस्तुतीकरण एवं प्रकृति के सांगोपांग विवेचन से यह ग्रंथ महाकाव्य है। अर्थ व्यञ्जना अत्यंत मर्मस्पर्शी है। शिक्षात्मक सुक्तों से कथानक सरस है। ग्रंथ की भाषा ओज, माधुर्य और प्रसाद गुण मंडित है। देशी शब्दों के प्रयोग भी हैं। पात्रों के चरित्र चित्रण में उदात्त भूमिका है। स्त्री पात्रों को भी उदात्तीकरण के साथ प्रस्तुत किया गया है। ऐतिहासिक सामग्री की दृष्टि से यह ग्रंथ विशेष पठनीय और मननीय है।

ग्रंथ मुख्यतः मात्रिक गाथा छंद में निबद्ध है। उपजाति, इंद्रवज्रा, उपेंद्रवज्रा आदि संस्कृत छंदों का उपयोग किया गया है। यह पूरा काव्य ग्रंथ कथाओं, उपकथाओं, नवीन कथाओं, पारंपरिक कथाओं का भंडार है।

इस ग्रंथ में राम के जीवन चरित् के साथ तीर्थंकर, चक्रवर्ती आदि शलाका पुरुषों के संबंध की विविध सामग्री है। ब्राह्मण साहित्य में जो महत्त्व वाल्मीकि रामायण का है, जैन साहित्य में वही महत्त्व पउमचरिय का है।

रविषेण का 'पद्मचरित' ग्रंथ पउमचरिय का ही रूपांतरण है। विद्वान् रविषेण लक्ष्मणसेन के शिष्य और अर्हन् मुनि के प्रशिष्य थे। उद्द्योतनसूरि की कुवलय माला में पउमचरिय ग्रंथ की भांति इस ग्रंथ का उल्लेख है। पउमचरिय ग्रंथ की रचना गाथा छंद में हुई है और पद्मचरित ग्रंथ की रचना अनुष्टुप् छंद में हुई है। पद्मचरित, पउमचरिय का छायानुवाद होते हुए भी पद्य परिमाण में पर्याप्त अंतर है। पउमचरिय 10 हजार श्लोक परिमाण है और पद्मचरित 18 हजार श्लोक परिमाण है। काव्यगत गंभीरता जो पउमचरिय में है वह पद्मचरित में नहीं।

*हरिवंसचरिय—* रामकथा का जैन रूप पउमचरिय ग्रंथ में और कृष्ण कथा का जैन रूप हरिवंसचरिय ग्रंथ में काव्यकार ने निबद्ध किया। हरिवंसचरिय को विमलसूरि की रचना मानने में मूल आधार कुवलय माला का यह पद्य है—

*बहुयणसहस्सदयियं हरिवंसुपत्तिकारयं पढमं।*
*वंदामि वंदयंपि हु हरिवरिसं चेय विमलपयं।।*

वर्तमान में हरिवंसचरिय अनुपलब्ध है। कई विद्वान् इसे विमल सूरि की रचना नहीं मानते।

आचार्य विमल के विचार विमल और प्रज्ञा निर्मल थी। पउमचरिय जैसी उत्तम कृति की रचना कर उन्होंने प्राज्ञ जनों में आदरास्पद स्थान प्राप्त किया है।

*आचार्य विमल के आचार्य-काल के समय-संकेत* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 22* 📝

*विजयचंदजी पटवा*

*घी का लोटा*

पटवाजी का तेरापंथी बनना कुछ लोगों को वज्राघात सा लगा। एक सुप्रतिष्ठित और धनी मानी व्यक्ति को खो देना उनके लिए असह्य पीड़ा से कम नहीं था। पटवाजी अत्यंत समर्थ व्यक्ति थे, अतः उनका सामाजिक बहिष्कार आदि करने का साहस तो किसी को नहीं हुआ, फिर भी अफवाह फैलाकर या उनकी न्यूनता दिखाई दे वैसी स्थितियां बनाने में वे लोग सदा तत्पर रहे। पटवाजी चतुर व्यक्ति थे। वे उनकी कार्य विधियों से पूर्णतः सावधान थे। अपनी पत्नी को भी उन्होंने इस विषय में अच्छी तरह से समझा रखा था। जिस समाज के वर्षों तक मुखिया बनकर रह चुके थे, उसकी प्रकृति से ये पूर्णरूप से अभिज्ञ थे।

एक दिन कुछ व्यक्तियों ने एक 'सेवग' को सिखा-पढ़ाकर पटवाजी के घर भेजा। उन्होंने उसे बतलाया कि तेरापंथी बनने से पहले वे बहुत बड़े दानी थे, परंतु अब तो उनके घर से किसी को प्यास बुझाने के लिए लोटा भर पानी भी नहीं मिल सकता। तुम एक बार अंदर जाकर परीक्षा तो करो कि सेठानी पानी पिलाती है या नहीं। सेवग वहां गया और सेठानी से पीने के लिए पानी मांगा। सेठानी ने जब उसका लोटा पानी से भरा तो वह एक सुखद मुस्कुराहट के साथ उनकी ओर देखने लगा। सेठानी ने उसके हंसने का कारण पूछा तो वह अपने को रोक नहीं सका और सारी बात कह डाली। सेठानी ने तब उसके लोटे को घी से भर दिया और कहा— 'उनके स्वाभावानुसार वे करते रहेंगे और अपने स्वाभावानुसार हम करते रहेंगे।'

सेवग बड़ा प्रसन्न हुआ और घी से भरा हुआ लोटा लेकर आया जहां उसे सिखाने वाले तथा उस कार्य की प्रतिक्रिया को देखने के लिए लालायित व्यक्ति बैठे हुए थे। उसने सब के सम्मुख वह लोटा दिखाते हुए कहा— 'तुम तो पानी की बात कह रहे थे, पर मांजी ने तो मेरा लोटा घी से भर दिया है। तुम लोग उनकी क्या बराबरी कर सकोगे?'

*किसका मार्ग अच्छा*

पटवाजी किसी कार्यवश कचहरी में गए। न्यायाधीश जैन थे। उनके मन में भी उनका तेरापंथी बनना अखरता था। बातों ही बातों में उन्होंने पटवाजी का मन लेते हुए पूछा— 'पटवाजी! हमें यह तो बताओ कि आखिर यति, संवेगी, बाइसटोला और तेरापंथियों में से किसका मार्ग अच्छा माना जाए और किसका बुरा?'

पटवाजी समयज्ञ व्यक्ति थे। वे न तो न्यायाधीश को अप्रसन्न करना चाहते थे और न सत्य परित्याग ही। उन्होंने गंभीर होते हुए कहा— 'निर्णय देना तो आप जैसे बुद्धिमान लोगों का कार्य है। मेरे जैसा व्यक्ति तो इस विषय में इतना ही कह सकता है कि जिनमें अखंड साधुता के गुण हों उन्ही का मार्ग सर्वोत्तम है।'

*तेरापंथी बनने के बाद विजयचंदजी पटवा को विरोधी लोगों की और किन-किन बातों को सहना पड़ा...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

*प्रेक्षाध्यान जिज्ञासा समाधान श्रृंखला*

उद्देश्य - साधकों के मन में उठने वाली जिज्ञासाओं का समाधान ।

*स्वयं प्रेक्षा ध्यान प्रयोग से लाभान्वित हो व अन्यो को भी लाभान्वित करे ।*

🙏🏼
*प्रेक्षा फाउंडेशन*

प्रसारक - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. Chennai
  2. Mandya
  3. Nakoda
  4. Terapanth
  5. आचार्य
  6. आचार्य महाप्रज्ञ
  7. कृष्ण
  8. तीर्थंकर
  9. दर्शन
  10. भाव
  11. राम
  12. लक्षण
Page statistics
This page has been viewed 889 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: