30.09.2017 ►TMC ►Terapanth Center News

Published: 01.10.2017
Updated: 03.10.2017

News in Hindi

#अहिंसा_यात्रा #प्रेस_विज्ञप्ति

अपरिमेय व शुद्ध मति दूसरों का भी कर सकती है कल्याण: आचार्यश्री

-मति (बुद्धि) के विकास के हिसाब से चार प्रकार की मति का आचार्यश्री ने किया वर्णन

-घड़ा, गड्ढ़ा, तालाब व समुद्र के मापक से बुद्धि का मापन कर आचार्यश्री ने किया विवेचन

-लोगों को अपनी बुद्धि को अपरिमेय बनाने और दूसरों के कल्याण में लगाने की पावन प्रेरणा

-लन्दन के जै.वि.भा. से पीचडी कर गुरु सन्निधि में पहुंची समणी प्रतिभाप्रज्ञा, प्राप्त किया आशीर्वाद

30.09.2017 राजरहाट, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)ः जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, मानवता के मसीहा, अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने शनिवार को अध्यात्म समवसरण में उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने ज्ञान का विकास करने और शुद्धता के साथ उसका उपयोग करते हुए दूसरों का भी कल्याण करने का प्रयास करने की पावन प्रेरणा प्रदान की। साथ ही आचार्यश्री ने लोगों को नशामुक्त बनने कर अपने जीवन को सुखमय बनाने का भी ज्ञान प्रदान किया। वहीं लन्दन स्थित जैन विश्वभारती से पीएचडी कर गुरु सन्निधि में पहुंची समणी प्रतिभाप्रज्ञाजी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी और पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। उसके साथ समणी उन्नतप्रज्ञाजी और लंदन स्थित जैन विश्वभारती के ट्रस्टी श्री राजीव भाई शाह ने भी आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति दी और पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

शनिवार को महाश्रमण विहार स्थित अध्यात्म समवसरण में उपस्थित श्रद्धालुओं को अपनी अमृतवाणी का पान कराते हुए आचार्यश्री महाश्रमणजी ने कहा कि आदमी के जीवन में मति का अति महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। आगमों में चार स्तर की मति का वर्णन किया गया है। पहली मति घड़े के पानी के समान मानी गई है। घड़े में अत्यंत अल्प मात्रा में पानी होता है अर्थात् वह अत्यल्प होता है, इसलिए ऐसा ज्ञान निम्न स्तर का होता है। इस स्तर को अत्यंत भी कहा जाता है। मति के दूसरे स्तर को गड्ढ़े के पानी के समान बताया गया है। इस स्तर के आदमी में घड़े की अपेक्षा गड्ढ़े थोड़ा पानी ज्यादा होता है, किन्तु वह भी स्तर बहुत उच्च कोटि का नहीं होता, उसे अल्प भी कहा जा सकता है। एक आदमी के पास मानों तालाब के समान ज्ञान है। ज्ञान के इस स्तर को बहुतर कहा जाता है। जिस प्रकार तालाब में कितना पानी समा जाता है, कितना पानी इकट्ठा कर लेता है, उसी प्रकार आदमी में इस स्तर का ज्ञान बहुतर होता है। ज्ञान के स्तर के सर्वोच्च कोटि समुद्र के समान की होती है। आदमी को अपने ज्ञान को समुद्र के पानी की तरह अपरिमेय बनाने का प्रयास करना चाहिए।

आचार्यश्री ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि आदमी की मति विकसित हो, यह जीवन की अच्छी बात होती है। आदमी की मति समस्याओं की समाधायक बने, ऐसा प्रयास करना चाहिए। मति (बुद्धि) के साथ मोह कर्म का योग न हो तो बुद्धि शुद्ध रह सकती है और शुद्ध बुद्धि कल्याणकारी हो सकती है। शुद्ध बुद्धि अच्छा फल देने वाली तथा बुरे कार्यों से बचाने वाली हो होती है।

आदमी को आग्रही नहीं, अनाग्रही बनने का प्रयास करना चाहिए। आग्रही आदमी अपनी बुद्धि द्वारा अपनी किसी भी बात को सच साबित करने के लिए झूठे तर्कों से स्थापित करने का प्रयास करता है। आदमी को अपने जीवन में लक्ष्य बनाने का प्रयास करना चाहिए कि उसकी बुद्धि किसी समस्या की समाधायक बनेगी, न कि किसी समस्या को पैदा करने वाली। आचार्यश्री ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह में नशामुक्ति दिवस पर लोगों को नशामुक्त जीवन जीने की पावन प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री ‘तेरापंथ प्रबोध’ आख्यान माला भी अनवरत जारी रखी और इस दौरान उदयपुर की घटना का वर्णन किया।

वहीं लंदन में स्थापित जैन विश्वभारती के मुख्य ट्रस्टी श्री राजीभाई शाह ने आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति दी। साथ ही लंदन स्थित इस संस्थान से पीएचडी कर लौंटी समणी प्रतिभाप्रज्ञाजी ने आचार्यश्री के प्रति श्रद्धासिक्त भावाभिव्यक्ति दी। उनकी सहवर्ती समणी उन्नतप्रज्ञाजी ने अपनी भावांजलि श्रीचरणों में अर्पित की।

प्रेषक > #तेरापंथ मीडिया सेंटर

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🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏

दिनांक- 30-09-2017
तिथि: - #आश्विन शुक्ल #दसमी (10)

#शनिवार त्याग/#पचखाण

★ आज #जलेबी खाने का #त्याग करे।
★ पूज्य #आचार्य प्रवर के #इंगितानुसार आज शाम 07 से 08 बजे #सामायिक करने का प्रयास जरूर करे।

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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
#jain #jaindharam #terapanth
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🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏

🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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★ #तेयुप द्वारा #स्वच्छता अभियान।
🔘 #दिल्ली
★ #चंदनबाला नाटक का मंचन।
🔘 #राउरकेला
★ #जीवन_विज्ञान दिवस।
🔘 #सिरसा

28.09.2017
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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