18.09.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 18.09.2017
Updated: 19.09.2017

Update

👉 सूरत - ज्ञानशाला प्रशिक्षक परीक्षा का आयोजन
👉 भिलवाड़ा - ज्ञानशाला प्रशिक्षक परीक्षा का आयोजन
👉 जयपुर - अभातेमम अध्यक्षा कच्छारा व महामंत्री सेठिया का अभिनंदन
👉 गांधीनगर, बैंगलोर - मास खमण तप अभिनंदन
👉 अमराईवाड़ी, अहमदाबाद - श्रावक सम्मेलन का आयोजन
👉 रायपुर - मुमक्षु अभिनंदन व ज्ञानशाला प्रशिक्षक परीक्षा
👉 पालघर - ज्ञानशाला प्रशिक्षिका परीक्षा का आयोजन
👉 जयपुर - शहर महिला मण्डल द्वारा ॐ आकार में भक्तामर जप अनुष्ठान
👉 गांधीधाम - तप अभिनंदन समारोह

प्रस्तुति - 🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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News in Hindi

👉 अभातेयुप नव निर्वाचीत अध्यक्ष श्री विमल कटारिया द्वारा वर्ष 2017-2019 के लिए घोषित पदाधिकारी टीम

दिनांक - 18-09-2017

प्रस्तुति - 🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🙏

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 155* 📝

*विलक्षण वाग्मी आचार्य वज्रस्वामी*

*दुष्काल का पुनः आगमन और अनशन*

आचार्य वज्रस्वामी से संबंधित दक्षिणांचल की घटना विस्मयकारक है। एक बार वे यथोचित समय पर औषध लेना भूल गए। उन्हें अपनी स्मृति की क्षीणता पर आयुष्य की अल्पता का भान हुआ। इस समय उनके ज्ञानदर्पण में भावी दुष्काल के संकेत झलक रहे थे। वज्रस्वामी के समय में वह दुष्काल का द्वितीय बार आगमन था। आचार्य वज्र को पिछले दुष्काल से आने वाला दुष्काल भयावह प्रतीत हुआ। गण-सुरक्षा हेतु पांच सौ मुनियों सहित आचार्य वज्रसेन को कङ्कुण देश में विहरण करने का आदेश दिया।

द्वादशवर्षीय भयंकर दुर्भिक्ष की स्थिति उत्पन्न होने के कारण दक्षिण विहारी श्रमण संघ को आहारोपलब्धि कठिन हो गई। वज्रस्वामी ने आपातकालीन स्थिति में क्षुधा शांति के लिए लब्धि-पिंड (लब्धि द्वारा निर्मित भोज्य सामग्री) ग्रहण करने का या अनशन स्वीकार करने का अभिमत शिष्यों के सामने प्रस्तुत किया। निर्मल चरित्र पर्याय के पालक आचार्य वज्रस्वामी ने इस प्रकार का परामर्श शिष्यों की धृति परीक्षाणार्थ किया होगा।

*ताहे भणंति, सव्वे, भत्तेणेएण सामि! अलमत्थु।*
*अणसणविहिणाववस्सं, साहिस्सामो महाधम्मं*
*।।36।।*
*(उपदेशमाला विशेष वृत्ति, पृष्ठ 218)*

संयमनिष्ठ श्रमणों ने कहा "भगवन्! सदोष आहार (भोज्य सामग्री) हमें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। आहार अनेक बार किया है। अब हम अनशनपूर्वक उत्कृष्ट चारित्र धर्म की आराधना में अपने-आपको नियोजित करेंगे।"

मारणांतिक स्थिति में भी शिष्यों का दृढ़ आत्मबल देखकर वज्रस्वामी प्रसन्न हुए एवं विशाल श्रमण परिवार सहित वे अनशनार्थ निकटवर्ती गिरिशृंग की ओर प्रस्थित हुए। उनके साथ एक लघु वय का शिष्य था। बाल्यावस्था के कारण वज्रस्वामी उसे अनशन में साथ नहीं लेना चाहते थे। उन्होंने कोमल शब्दों में शिष्य से कहा

*अज्ज वि तं वच्छ लहू! अच्छसु एत्थेव ताव पूरे*
*।।411।।*
*(उपदेशमाला विशेष वृत्ति, पृष्ठ 215)*

वत्स! अनशन का मार्ग बहुत कठिन है। तुम बालक हो। तुम यहीं पुर या नगर में रुक जाओ।

आचार्य वज्रस्वामी द्वारा निर्देश मिलने पर भी कष्ट-सहिष्णु अध्यवसायी बाल मुनि रुकने के लिए तैयार नहीं हुआ। अनशन की कठोरता उसे तिलमात्र भी विचलित नहीं कर सकी।

स्वेच्छापूर्वक बाल मुनि के नहीं रुकने पर किसी कार्य के बहाने उसे एक ग्राम में प्रेषित कर ससंघ वज्रस्वामी आगे बढ़े। शैल शिखर पर आरोहण कर सबने देवगुरु का स्मरण किया। शिष्यों ने पूर्वकृत दोषों की आचार्य वज्र के पास आलोचना की। गिरिखंड पर अधिष्ठित देवी से आज्ञा ग्रहण कर उन्होंने यथोचित स्थान ग्रहण किया। वहीं पर वज्रस्वामी और पांच सौ श्रमण यावज्जीवन के लिए अनशन स्वीकार कर मेरू की भांति अकम्प समाधिस्थ बने।

कार्य निवृत होकर वह लघु शिष्य लौटा, उसे संघ का एक भी श्रमण दिखाई नहीं दिया। वह खिन्न हुआ, चिंतन किया मुझे इस पंडित-मरण में गुरुदेव ने अपने साथ नहीं लिया। क्या मैं इतना निःसत्व, निर्वीर्य, निर्बल हूं? कई संकल्प-विकल्पों के साथ वह चला। मेरे द्वारा उनके तपोयोग एवं ध्यान-योग में किसी प्रकार का विक्षेप न हो यह सोचकर वज्रस्वामी जिस पर्वतमाला पर अनशनस्थ हो गए थे उसे अद्रि की तलहटी में पहुंचकर तप्त पाषाण शिला पर पादोगमन अनशन ग्रहण कर लिया। तप्त शिला के तीव्र ताप से शिशु मुनि का नवनीत-सा कोमल शरीर झुलसने लगा। भयंकर वेदना को समता से सहन करता हुआ शैक्ष मुनि उन सब से पहले स्वर्ग का अधिकारी बना।

*क्या वज्रस्वामी और संघ को बाल मुनि के भीषण आतापना लेते हुए अनशन की सम्पूर्णता का पता चल पाया...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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👉 अभातेयुप के नव निर्वाचीत अध्यक्ष श्री विमल कटारिया पूज्यवर से मंगलपाठ सुनते हुए

प्रस्तुति - 🌻 तेरापंथ *संघसंवाद* 🌻

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👉 *महाश्रमण चरणों में...*

👉 राजरहाट, कोलकत्ता से..

दिनांक 18-09-17

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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:

👉 *विषय - चित्त शुद्धि और समाधि भाग 2*

👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*

*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482

संप्रेषक: 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

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