15.09.2017 ►TMC ►Terapanth Center News

Published: 15.09.2017
Updated: 17.09.2017

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📣 #कोलकाता: गुरुदेव का #प्रेरणा पाथेय।

शांतिदूत #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य से प्रवचन कालीन कार्यक्रम के #अनुपम दृश्य एवं गुरुवर का #प्रेरणा_पाथेय।📺

15.09.2017
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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om Arham

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🌏 आज की प्रेरणा 🌍
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
प्रस्तुति - अमृतवाणी 📺
आलेखन - संस्कार चैनल के श्रवण से:-

ठाणं के चौथे स्थान में कहा गया है - ध्यान के चार प्रकार होते है | आर्त ध्यान, रौद्र ध्यान, धर्म ध्यान और शुक्ल ध्यान | ध्यान शब्द धेय धातु से बना है | ध्यान का अर्थ है - किसी चिंतन में एकाग्र हो जाना| एक आलम्बन पर मन को केन्द्रित करना भी ध्यान ही है | ध्यान का दूसरा अर्थ है - योग का निरोध | आर्त और रौद्र ध्यान अशुभ एकाग्रता के द्वारा पाप का बंधन करने वाले और धर्म और शुक्ल ध्यान बंधन मुक्त करने वाले | प्रिय के वियोग व अप्रिय के संयोग से व्यथा व दुःख का संवेदन आर्त ध्यान | रौद्र ध्यान कठोरता का प्रतीक होता है | गलत कार्यों के प्रति एकाग्रता रौद्र ध्यान | वीतराग आज्ञा के प्रति समर्पित होकर कर्मों के विपाक के लिए एकाग्र होना धर्म ध्यान होता है | शुक्ल ध्यान उत्कृष्टतम ध्यान की कोटि में आता है | ध्यान के तीन रूप - कायिक, वाचिक तथा मानसिक | शरीर को पूरा स्थिर कर कायोत्सर्ग करना कायिक ध्यान, वाणी का पूर्ण संयम वाचिक ध्यान व मन स्थिर करना व भटकन के अलग कर लेना मानसिक ध्यान | इन तीनों को एक साथ किया जा सकता है | शुभ योगों में प्रवृति समिति व अशुभ योगों से निवृति गुप्ती | ध्यान अपने आप में साधना की एक विशेष स्थिति है | क्रिया से अक्रिया व विचार से निर्विचार की ओर एकाग्रता से अग्रसर होना ध्यान है |

दिनांक - १५ सितम्बर २०१७ शुक्रवार
#Jain #Terapanth #AcharyaMahashraman #Tmc #Pravachan

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News in Hindi

🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏

दिनांक- 15-09-2017
तिथि: - #आसोज बदी #दसमी (10)

#शुक्रवार का त्याग/#पचखाण

★ आज #मौसम्बी (फल) का #जूस पीने का #त्याग करे।

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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
#jain #jaindharam #terapanth
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🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏

🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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