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👉 श्री अशोक संचेती वर्ष 2017-19 के लिए अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष निर्वाचीत हुए
प्रस्तुति - *तेरापंथ संघ संवाद*
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*68 वां अणुव्रत अधिवेशन*
*द्वितीय दिवस*
👉 *"साधारण सभा (AGM)" का शुभारंभ..*
दिनांक: 09/09/2017
प्रस्तुति: 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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*68 वां अणुव्रत अधिवेशन*
*द्वितीय दिवस*
👉 सत्र: समिति 'संचालन' - 'मार्गनिर्देशन'
दिनांक: 09/09/2017
प्रस्तुति - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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*68 वां अणुव्रत अधिवेशन*
*द्वितीय दिवस - "प्रेरणा सत्र*
👉 *केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल पूज्यवर की गरिमामय उपस्थिति..*
दिनांक: 09/09/2017
प्रस्तुति - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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*68 वां अणुव्रत अधिवेशन*
*द्वितीय दिवस*
👉🏻 *अणुव्रत आंदोलन - एक दिग्दर्शन' संगोष्ठी*
👉🏻सान्निध्य - साध्वी प्रमुखा श्री जी
दिनांक: 09-09-2017
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙
📝 *श्रंखला -- 148* 📝
*विलक्षण वाग्मी आचार्य वज्रस्वामी*
*जीवन-वृत्त*
गतांक से आगे...
कई मुनियों ने अपने पठित पाठों के संदर्भ में भी अनेक प्रकार की जिज्ञासाएं रखीं। प्रश्न-प्रतिप्रश्न किए। मुनि वज्र ने प्रत्येक प्रश्न को बहुत सुंदर, सरल और सुरुचिपूर्ण ढंग से समाहित किया एवं गूढ़ पाठों का भी तार-तार खोलकर रख दिया। मुनि वज्र की वाचना से सभी को पूर्ण संतोष था। कतिपय समय के बाद आचार्य सिंहगिरि का आगमन हुआ। श्रमण वर्ग को मुनि वज्र की वाचना से संतुष्ट पाया। वाचनाचार्य के रूप में मुनि वज्र की नियुक्ति के लिए स्वयं मुनियों ने आचार्य देव से प्रार्थना की।
*श्रुत्वेति गुरवः प्राहुर्मत्वेदं विहृतं मया।*
*अस्य ज्ञापयितुं युष्मान् गुणगौरवमद्भुतम्।।125।।*
*(प्रभावित चरित्र, पृष्ठ 6)*
आचार्य सिंहगिरि बोले "मैंने पहले ही मुनि वज्र की योग्यता को परख लिया पर तुम्हें इससे अवगत कराने के लिए मैंने अन्यत्र विहार किया।"
गुरु की दूरदर्शिता पर श्रमण संघ हर्षित हुआ। प्रतिभासंपन्न सुविनीत योग्य शिष्यों को पाकर आचार्य सिंहगिरि को भी पूर्ण तोष था।
मुनि वज्र का उस समय तक ज्ञान गुप्तरीति से ग्रहण किया हुआ था। श्रुतवाचना देने की योग्यता प्राप्त करने के लिए विधिपूर्वक गुरुगम्य ज्ञान होना आवश्यक था। आचार्य सिंहगिरि के पास मुनि वज्र का तपोयोगपूर्वक अध्ययन प्रारंभ हुआ। शीघ्रग्राही बुद्धि के कारण स्वल्प समय में ही बाल मुनि वज्र गुरु द्वारा प्रदत्त आगम वाचना को ग्रहण करने में सफल हुए।
आचार्य सिंहगिरि का आगमन दशपुर में हुआ। उन्होंने पूर्वों का ज्ञान ग्रहण करने के लिए मुनि वज्र को अवंती में विराजमान दशपूरवधर आचार्य भद्रगुप्त के पास भेजा। इस समय आचार्य सिंहगिरि दशपुर में विराज रहे थे।
गुरु का आदेश प्राप्त कर मुनि वज्र ने अवंती की ओर विहार किया। वे अवंती नगर के बहिर्भूभाग की सीमा तक पहुंचे तब तक संध्या हो गई थी। उन्होंने रात्रि निवास नगर के बाहर किया।
उसी रात्रि में आचार्य भद्रगुप्त ने स्वप्न देखा।
*पात्रं म पयसा पूर्णिमतिथिः कोऽपि पीतवान्*
*।।129।।*
*(प्रभावक चरित्र, पृष्ठ 6)*
मेरा दूध से भरा हुआ पात्र कोई अतिथि आकर पी गया। रात्रिकालीन इस स्वप्न की बात आचार्य भद्रगुप्त ने अपने शिष्यमंडली से कही और इस स्वप्न के आधार पर अपना विश्वास प्रकट करते हुए वे बोले "दशपूर्वों का ग्राहक विद्यार्थी अवश्य मेरे पास आएगा।"
बात का यह प्रसंग चल रहा था कि मुनि वज्र वहां पहुंच गए।
प्रतिभासंपन्न पूर्व ज्ञानराशि को ग्रहण करने में सक्षम, सुयोग्य शिष्य मुनि वज्र को पाकर आचार्य भद्रगुप्त को अत्यंत प्रसन्नता हुई। उन्होंने सलक्ष्य अपना संपूर्ण अधीत-श्रुत उन्हें पढ़ाया। दशपूर्व ज्ञानामृत का समग्रता से पान कर मुनि वज्र को परम तृप्ति हुई। निर्धारित लक्ष्यसिद्धि के बाद आचार्य भद्रगुप्त ने उन्हें पुनः अपने गुरु के पास जाने का आदेश प्रदान किया। सुविशाल ज्ञान संपदा का अर्जन कर वे आचार्य सिंहगिरि के पास आए। अपने शिष्य की योग्यता से गुरु को संतोष हुआ। संघ ने होनहार शिष्य का सम्मान किया।
आचार्य सिंहगिरि इस समय वृद्ध हो गए थे। अब वे उत्तरदायित्व से मुक्त होना चाहते थे। सुयोग्य शिष्य मुनि वज्र को वीर निर्वाण 548 (विक्रम संवत् 78, ईस्वी सन् 21) में आचार्य पद पर नियुक्त कर वे संघ चिंता से मुक्त बने। पूर्व जन्म के मित्र देव ने इस अवसर पर उत्सव मनाया।
*आचार्य वज्रस्वामी के जीवन-वृत्त* में आगे और पढ़ेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
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*68 वां अणुव्रत अधिवेशन*
द्वितीय दिवस
👉 अणुव्रत महासमिति के अधिवेशन में भाग लेने पहुचे केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल पूज्यवर के दर्शन करते हुए
दिनांक 09-09-2017
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👉 कोलकत्ता: श्री मोतीलाल जी नाहटा ने पूज्य गुरुदेव के मुखारविंद से किया तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान
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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
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*प्रेक्षाध्यान जिज्ञासा समाधान श्रृंखला*
उद्देश्य - साधकों के मन में उठने वाली जिज्ञासाओं का समाधान ।
*स्वयं प्रेक्षा ध्यान प्रयोग से लाभान्वित हो व अन्यो को भी लाभान्वित करे ।*
🙏🏼
*प्रेक्षा फाउंडेशन*
*प्रसारक - तेरापंथ संघ संवाद*
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