22.08.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 22.08.2017
Updated: 22.08.2017

Update

आज सेल्फी का त्याग और 30 minute मौन रखें। अगर आप - आज एक दिन का नियम करना चाहते हैं!! तो Comment Box में 'हाँ मेरा त्याग' हैं लिखे ओर share करे! 😊😊😄

क्या आप जाने है विश्व प्रसिद्ध चन्द्र गुप्त मोर्य ने दिगम्बरी दीक्षा ली थी.. #ChandraguptMorya

उत्तर: जब बारह वर्ष का दुर्भिक्ष काल पड़ा तो उस के कारण से आचार्य भद्रबाहु दक्षिण भारत की तरह चले लेकिन बीच में ही उनकी सल्लेखना का समय आगया और वन देवता ने आकाशवाणी कि आपका समय अल्प है इसलिए आप इतना दीर्ध विहार न करे फिर वही एक गुफा में उन्होंने सल्लेखना धारण करली तथा चन्द्रगुप्त मुनि उनकी सेवा में रहे, और उन्होंने विशाखाचार्य जी [ ये आचार्य श्री - ग्यारह अंग, दस पूर्व के पाठी थे ] को उन्होंने आचार्य पद देदिया और संघ जाकर चौल देश में चातुर्मास करता है, फिर समय व्यतीत करके विशाखाचार्य जी ससंघ लोट कर आते है उज्जैनी कि तरफ, तो रस्ते में गुरु के चरण मिलते है जहा पर सल्लेखना हुई थी, वह पर चन्द्रगुप्त मुनि ने चरण चिन्हित किये थे, लेकिन चन्द्रगुप्त मुनि से वंदना-प्रतिवंदना नहीं करते क्योकि विशाखाचार्य जी को लगता है कि गुरु महाराज ने तो सल्लेखना कि है लेकिन इतने घने जंगल में ये चन्द्रगुप्त मुनि बारह साल से कैसे जीवित है, यहाँ तो कोई श्रावक नहीं रहते, ये मुनि चर्या से कैसे जीवित रह सकते है तो इस तरह उन्होंने प्रतिवंदना नहीं कि,

इसके पश्चात् चन्द्रगुप्त मुनि बोले कि यहाँ पास में एक नगर है वही हमारी आहार चर्या होती है और आप भी आहार के लिए उठिए, तो फिर पूरा संघ आहार के लिए जाता है तो जब वापस आजाते है तो संघ में जो ब्रम्हचारी थे, उनका कमण्डलु नगरी में छुट गया था, तो गुरु से आज्ञा लेकर वापस कमण्डलु लेने जाते है तो देखते है कि उनका कमण्डलु एक वृक्ष पर टंगा हुआ है पर वह कोई नगरी दिखाई नहीं देती, अब ये घटना ब्रम्हचारी जी आचार्य महाराज को सुनाते है, तो आचार्य मन में विचार करते है अहो! हम इनकी प्रतिवंदना नहीं कर रहे थे जबकि ये चन्द्रगुप्त मुनि वास्तव में निर्मल चरित्र के धारक है कि जिनकी सेवा में बारह वर्षो तक देवताओ ने श्रावको कि व्यवस्था करके इनको आहार दान दिया है, धन्य है! तो इस तरह सभी मुनिराज ने चन्द्रगुप्त मुनिराज से प्रतिवंदना कि फिर विशाखाचार्य जी बताते है कि देवताओ से बनाया गया आहार साधुओ के लिए अयोग्य होता है इसलिए हम सबल लोगो ने आहार लिया है तो इसका प्रयाश्चित लेना होगा, इस तरह मुनि चन्द्रगुप्त जी ने बारह वर्षो तक देवताओ का आहार लिया था तो उन्होंने अपना प्रायश्चित लिया और सबने प्रयाश्चित लिया और विहार करके उज्जयनी पहुचते है! #AcharyaBhadrabahu

►SOURCE - Content sharing by Nipun Jain

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जो प्रमाणिक बात करते वो संत प्रमाण.. चलते फिरते वो तीर्थ महान... #MuniPramansagar #ShankaSamadhan

शंका समाधान के प्रश्नों को छोटे clips में बाटने और YouTube पर डालने का काम कर रहे Volunteers का मुनि श्री द्वारा आशीर्वाद और सम्मान.. ज्यादातर Volunteer भारत से बाहर रहते हैं, रात्री भोजन त्यागी हैं, working professionals हैं..

आचार्य विद्यासागर जी के शिष्य मुनि प्रमाणसागर जी का शंका समाधान ने क्या कमाल किया सब जानते हैं JINVAANI TEAM [ www.jinvaani.org ] ने सोचा शंका समाधान पुरे 1 धंटे का होता हैं और अगर 1 Question का Answer चाहिए तो पूरा program देखना पड़ता हैं तो क्यों ना हर Question को अलग अलग clip में करदिया जाए और साथ में English Subtitle भी ऐड करदिये जाते ताकि जो इंग्लिश में समझना चाहे वे समझले [ You can find particular question's answer by searching in that youtube channel ]! अभी तक 1,000 से ज्यादा क्लिप्स बनाये जा चुके हैं आप जिस Question का उत्तर चाहे ले सकते हैं YouTube Link: https://www.youtube.com/shankasamadhanclips

Admin of @ Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt on behalf of 71,000 members wish Congrats for this task! Stay Blessed:) -Nipun Jain

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राजस्थान के जालोर में पथमेड़ा गोशाला में गायों की बाढ़ से मौत पर, "सब टीवी" के "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" सीरियल पर लोगो को मोटिवेशन देने के लिए एक अनूठी पहल....💐

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जय जिनेंद्र ।

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