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पर्युषण पर्व की उपयोगिता:
श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र ने बताया कि पर्युषण में जैन धर्म के अनुयायियों में तप का सर्वाधिक महत्व रहता है। इसकी आराधना भी काफी विस्तृत होती है। जैन धर्म में ऐसी धारणा है कि तपस्श्रया निर्विकार जीवन की आधारशिला है। पूर्व में उपार्जित जो दुष्कर्म हैं, उनको तपश्रया के द्वारा समाप्त किया जा सकता है। जैन धर्म में निर्जरा कहते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसकी उपयोगिता विज्ञान ने साबित कर दिया है कि तप के द्वारा शारीरिक व्याधियों का निराकरण हो जाता है। लाखों व्यक्ति एक साथ उपवास व तप करते हैं तो अन्न की बचत राष्ट्रीय स्तर पर होती है।
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