02.07.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 02.07.2017
Updated: 03.07.2017

Update

उड़ चला पंछी रे.. #AcharyaVidyasagar

आज #आचार्यविद्यासागर जी महाराज ने बिना किसी को बताए विहार करके पूरे भारत को अचरज में डाल दिया जहाँ सुबह डोंगरगढ़ में चातुर्मास कलश स्थापना की चर्चाएँ चल रही थी वहीं गुरुवर ने मध्यान्ह में बिना किसी पूर्व सूचना के चतुर्थकाल जैसे मुनिराजों के समान विहार कर दिया। *अभी भी यह तय नहीं कि गुरुवर किस तरफ जाएंगे,पर अनुमान के मुताबिक रामटेक (नागपुर) की तरफ संत शिरोमणि के चरण बढ़ रहे है,ज्ञातव्य हो कि आज संघ के 5 मुनिराजों के उपवास भी है।व 12 किमी से अधिक की दूरी 2 घण्टे में तय की। आज का रात्रि विश्राम👉🏻पनियाजेब

कल की आहारचर्या👉🏻नक्सली क्षेत्र दररेकसा (महाराष्ट्र की सीमा पर)

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Update

आचार्यश्री का संकेत ही मील का पत्थर है - #मुनिसमयसागरजी / #MuniSamaySagar #AcharyaVidyaSagar

आचार्यश्री का संकेत ही मील का पत्थर है अपन को कुछ नहीं करना जो गुरु महाराज ने कहा दिया वहीं सत्य है हमें तो उनके वतलाये हुये मार्ग पर आगे वङना है मील का पत्थर आप से यह नहीं कहता कि आपकी मंजिल कहा है आपको ही समझना होगा कि जो संकेत जिस प्रकार है उसके अनुरूप हमे चलना है उक्त आशय के उदगार सुप्रसिद्ध जैनाचर्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री समय सागर जी महाराज ने सुभाष गंज मैदान में धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये ।

उन्होंने कहा कि सभी जीव सुख और शांति चाहते हैं पर उसके लिए पुरूषार्थ नहीं करना चाहते जिस चीज की चाह है उसे पाने के लिए तदनुसार पुरूषार्थ भी करना होगा तव ही सिद्धि होगी हाथ पर हाथ रखेवैठे रहने से काम नहीं चलेगा।जो लक्ष्य आपने निर्धारित किया है उसे तक पहुंचने के लिए सतत प्रयास करने पर ही मंजिल की प्राप्ति होगी। जीवन में परोपकार के भाव लाये। जो परस्पर दया के भाव नही रखते करूणा के भाव नहीं रखते उनका मानव जीवन यु ही जा रहा है हृदय में दया करूणा का स्थान होना चाहिए जिसके अन्दर दया नहीं है उसे सुधीय जनो ने पत्थर की उपमा दी है परोपकार किस प्रकार किया जाता है अनुकम्पा किस प्रकार की जाती है कालेज में प्रोफेसर पङते है छात्र सव कुछ सीख कर दुसरो को उन शिक्षक महोदय के अनुसार नहीं सिखा सकते क्योंकि जो भव प्रोफेसर का है शिक्षक हैं वह योग्य छात्र का नहीं हो सकता ये अनुभव से आता है देने के भाव से आता है वह शिक्षक में ही हो सकता है इसी प्रकार धर्म को जिन्होंने जाना है अपने अनुभव में लाये है और जन जन को देने का जिनका भाव है ऐसे आचार्य गुरूदेव विद्यासागर जी महाराज ने संयम की साधना में पचास वर्ष व्यतित किये हैं उनकी चरण छाव में पहुकर पाने वाले का भी जीवन धन्य हो जाता है।

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Surprise चातुर्मास से ठीक पहले @ सारे पूर्वानुमान हुए ध्वस्त.. #आचार्यविद्यासागर महाराज का ससँघ का विहार डोंगरगढ़ से हुआ.. @ #प्रतिभास्थली के रोते हुये बच्चे.. गुरुदेव का विहार होने से भर आयी बच्चों की आँखे 😇🙏 Live picture:) #AcharyaVidyasagar #रामटेक या #अमरकण्टक जा सकते हैं!!

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News in Hindi

Surprise UPDATE #AcharyaVidyasagar

आज #आचार्यविद्यासागर जी का हो सकता है डोंगरगढ से विहार.. 😳😳

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UPDATE #AcharyaVidyasagar 😇 इंतज़ार की घड़ियाँ समाप्त हुई और लोगों के अनुमान लगाना भी खत्म #आचार्यविद्यासागर जी महाराज ससंघ का #चातुर्मास छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला स्थित चंद्रगिरि तीर्थ #डोंगरगढ़ में होगा.. @ 9 जुलाई 2017 को दोपहर 1.30 बजे से चंद्रगिरि तीर्थ पर कलश स्थापना कार्यक्रम का भव्य आयोजन होगा --संकेत जैन ढाना

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