28.06.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 28.06.2017
Updated: 30.06.2017

Update

today exclusive photograph 🙃 #share आज संत शिरोमणि #आचार्य_विद्यासागर जी महामुनिराज का 50 वाँ दीक्षा दिवस संयम स्वर्ण महोत्सव के रुप में पूरे भारत भर में धूमधाम से मनाया गया, भारत के लगभग हर-छोटे बड़े शहर में धार्मिक आयोजन हुए, मुख्य आयोजन डोंगरगढ़ में आचार्य श्री ससंघ के सानिध्य में हुआ एवं जहाँ भी आचार्यश्री के शिष्य है वहाँ धूमधाम से संयम स्वर्ण महोत्सव का आज से आगाज हुआ🎈इसके अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर विराजित अन्य साधू-साध्वियों के सानिध्य में भी आचार्यश्री का दीक्षा दिवस धूमधाम से मना!

*आचार्यश्री वर्धमानसागर जी महाराज आदि साधूगण* श्री क्षेत्र श्रवणबेलगोला

*आचार्यश्री वर्धमानसागर जी महाराज(दक्षिण) आदि साधूगण* निर्वाण भूमि श्री सम्मेद शिखरजी

*आचार्यश्री विनीतसागर जी महाराज*
ऐरोली,नवी मुम्बई

*उपाध्याय मुनि गुप्तिसागर जी ससंघ*
तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली

*मुनि श्री मंगलानंदसागर जी महाराज*
नई दिल्ली

*मुनि श्री प्रणामसागर जी महाराज*
खाँदू कॉलोनी

*मुनि श्री पवित्रसागर जी महाराज(दक्षिण)*
मुरुड,लातूर(महाराष्ट्र)

*मुनि श्री अमितसागर जी महाराज(दक्षिण)*
कागवाड़

*आर्यिका विज्ञा श्री माताजी*
जोधपुर (राजस्थान)

*आर्यिका वात्सल्यमती माताजी ससंघ*
इनाम धामणी (सांगली)

*क्षुल्लिका अहिंसामति जी व श्री कमलेश मुनि जी*
कानपुर

इसके अतिरिक्त कनाडा,अमेरिका आदि देशों में व दक्षिण के लगभग 200 से अधिक गाँवों शहरों में मध्यप्रदेश, राजसथान व उत्तर भारत के सभी गाँवों शहरों में गुरुवर का दीक्षा दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा।

🚩विश्व विजयी हो जागरण🚩
🚩वन्दे विद्यासागरम्,वन्दे विद्यासागरम्🚩

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#LatestPravachan दयाभाव के अभाव में आंखों का पानी सूख जाता है, योग से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रयोग होता है - #आचार्य_विद्यासागर जी

चन्द्रगिरि, डोंगरगढ़ में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने एक दृष्टांत के माध्यम से बताया कि अड़ोस-पड़ोस में दो किसान रहते थे। उनके पास सैकड़ों एकड़ जमीन थी लेकिन उस जगह दूर-दूर तक पानी नहीं होने के कारण उनकी आंखों में पानी था। एक दिन एक किसान एक व्यक्ति को लेकर आता है और अपनी जमीन दिखाता है और फिर जमीन देखने के बाद वह उचित स्थान पर खुदाई करवाकर कुआं बनवाता है जिससे पानी लेकर किसान भगवान का अभिषेक करता है और अपनी खेती-किसानी में लग जाता है।

इसे देखकर पड़ोसी दूसरा किसान भी अपनी जमीन पर कुआं खुदवाता है और उसमें जल की मात्रा पहले वाले किसान से अधिक होती है। दूसरे किसान के कुएं में जल की मात्रा अधिक होने के कारण पहले वाले किसान के ईर्ष्या के कारण भाव बिगड़ जाते हैं और वर्षाकाल में उसके कुएं का पानी और कम होने लगता है और धीरे-धीरे उसका कुआं पूरा सूख जाता है जबकि दूसरे किसान का कुआं और लबालब भर जाता है। आचार्यश्री कहते हैं कि आजकल पानी भी बोतलों में बिकता है जिसका दाम 15 से 20 रुपए प्रति लीटर है जबकि प्रकृति में जल, मिट्टी और वायु (ऑक्सीजन) नि:शुल्क उपलब्ध है। आज लोग गांवों से जल, मिट्टी और वायु (ऑक्सीजन) को पैक कर शहर में बेचकर व्यापार कर रहे हैं जबकि चन्द्रगिरि में जल, मिट्टी और वायु (ऑक्सीजन) नि:शुल्क उपलब्ध है। आचार्यश्री कहते हैं कि किसान खेती की जगह व्यापार एवं पैसे की ओर बढ़ रहा है। मनुष्य में दया एवं करुणा का अभाव होता जा रहा है और हर चीज का दाम लगाकर उसे बेचा जा रहा है। सरस्वती और लक्ष्मी दोनों को बहनें कहा जाता है। जिसके पास ये दोनों हैं, मतलब उसकी बुद्धि ठीक है और जिसके पास लक्ष्मी है, लेकिन सरस्वती नहीं है तो वह लक्ष्मी उसके पास ज्यादा दिन नहीं रहेगी और जिसके पास दोनों नहीं हैं, मतलब उसको पुरुषार्थ की आवश्यकता है तभी कुछ हो पाएगा। योग से ज्यादा प्रयोग को महत्वपूर्ण माना गया है। अगर आपका योग अच्छा है तो आपको कोई चीज मिल भी जाती है, परंतु आपको उसका उपयोग या प्रयोग नहीं मालूम है तो वह चीज आपके कोई काम की नहीं होगी।

आचार्यश्री कहते हैं कि पहला किसान दूसरे किसान के पास जाता है और कहता है कि तुमने सुरंग बनाकर मेरे कुएं के जल को अपने कुएं में ट्रांसफर कर लिया है जबकि उस समय तो बोरवेल-पंप आदि नहीं होते थे तो ऐसा करना असंभव था। पहले किसान की ईर्ष्या के कारण बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। आज संयम की कमी के कारण भी लोग पथभ्रष्ट हो जाते हैं और पाप कर्म का बंध करने लगते हैं। अच्छे कर्म से बुरे कर्म की निर्जरा होती है और अच्छे कर्म दया-करुणा भाव से करते रहना चाहिए जिससे पुण्य कि बढ़ता रहे।

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सुने से जीवन में तूने खुशनसीबी का रंग भर दिया हैं बाबा.. रंग भर दिया हैं.. तूने इतना दिया भगवान्... तेरा बहुत बड़ा अहसान.. #AcharyaVidyasagar #share

3 महीने पहले प्रतिभास्थाली में 1 student द्वारा साक्षात आचार्य श्री के लिए गाये हुए इस LInes से ना सिर्फ वह बैठे सबकी आंखे नम हुई थी बल्कि सबके रोंगटे खड़े हो गए थे और खुद प्रसादसागर जी महाराज की आंखे भी नम हो गयी थी.. सुने.. feel करे.. इसमें डूब जाए.. और #share करना ना भूले!! falsehood में डूबे हम जीवो के मसीहा #आचार्य_विद्यासागर जी महाराज को दिगंबर हुए 50 वर्ष हो रहे हैं..

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