27.06.2017 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 27.06.2017

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हरेक को अपना एक जन्मदिन श्मशान में मनाना चाहिए, यहां रोते हुए नहीं, हंसते हुए आना चाहिए।
50वां #जन्मदिन एक #श्मशान #घाट में मनाया।

कड़वेप्रवचनों के लिए मशहूर राष्ट्र संत #तरुण_सागर महाराज ने अपना 50वां जन्मदिन सोमवार को उदयपुरवाटी के एक श्मशान घाट में मनाया। उनके साथ बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। उनके ठीक सामने कुछ समय पहले ही हुई अंत्येष्टियों की राख थी। इस दौरान संत और उनके अनुयायी लगातार जीवन की नश्वरता का जिक्र करते हुए मुस्कुराते रहे। संत ने कहा कि हरेक को अपना एक जन्मदिन श्मशान में मनाना चाहिए, यहां रोते हुए नहीं, हंसते हुए आना चाहिए। मौत एक जीवन की समाप्ति और दूसरे जीवन की शुरुआत है। उन्होंने कहा है कि हमें अपनी मृत्यु को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। मौत जीवन की कड़वी सच्चाई है, इसे स्वीकारना ही होगा। यही संदेश देने के लिए वे यहां आए हैं। क्रांतिकारी संत तरुण सागर दिल्ली से विहार करते हुए चातुर्मास के लिए सीकर जा रहे थे। इस दौरान वे 24 जून की शाम उदयपुरवाटी पहुंचे थे। तरुण सागर ने कहा कि श्मशान भूमि में कार्यक्रम इसलिए कि यह सिर्फ श्मशान भूमि नहीं है बल्कि एक तरह से बैराग भूमि है। जीवन के 16 संस्कारों में अंतिम यहीं होता है इसलिए कम से कम जीवन का एक जन्मदिन तो हमें यहां भी मनाना चाहिए। इस दौरान विशेष गणवेश में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए गुरु परिवार के 50 लोगों को उन्होंने एक जन्मदिन श्मशान भूमि में मनाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि इस संकल्प की प्रतीकात्मक शुरुआत आज उदयपुरवाटी से हुई है, पूरे हिंदुस्तान में वे लाखों लोगों को ऐसा संकल्प दिलाएंगे। इस कार्यक्रम में दिल्ली से आई भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया प्रभारी पूजा कपिल मिश्रा स्थानीय विधायक शुभकरण चौधरी भी मौजूद रहे।

पेड़ लगाने का संकल्प भी दिलाया

मुनितरुण सागर ने गुरु परिवार के लोगों को जीवन में कम से कम एक पेड़ लगाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि पेड़ को पाल पोस कर बड़ा भी करें। उस पेड़ को देख आने पीढ़ी को प्रेरणा मिले और वह भी अपने जीवन में कम से कम एक पेड़ लगाए।

श्मशान भूमि में गूंजे जीवन की सच्चाई बताने वाले गीत

इससे पहले वे अपने प्रवास स्थल मनसा कॉलेज से श्रद्धालुओं के काफिले के साथ कस्बे के श्मशान पहुंचे। गुरु परिवार के करीब 50 सदस्य विशेष गणवेश में थे। सभी ने गुरुदेव का जयकारा लगाया। दिल्ली से आई भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया प्रभारी पूजा कपिल मिश्रा ने भगवान पार्श्वनाथ के चित्र के समक्ष दीप जलाया। इसके साथ ही जीवन की सच्चाई उजागर करने वाला गीत “आज जवानी पर इतराने वाले कल पछताएगा, चढ़ता सूरज धीरे-धीरे ढलता है ढल जाएगा...’ श्मशान भूमि में गूंजने लगा। अमूमन जन्मदिन के मौके पर केक काटा जाता है, खुशियां मनाते हुए मिठाइयां बांटी जाती हैं। होटलों या पिकनिक स्पॉट्स पर जन्मदिन की पार्टियां होतीे हैं, लेकिन उदयपुरवाटी में सोमवार को जो हुआ, वह अनूठा था। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव पूजा कपिल मिश्रा,क्षेत्रीय विधायक शुभकरण चौधरी ने संत तरुण सागर के दर्शन किए।

पुष्करवाणी गु्रप ने बताया कि चातुर्मासके लिए सीकर जाते समय दो दिन उदयपुरवाटी ठहरे मुनि तरुण सागर ने लोगों को जीवन की सच्चाइयों से रूबरू करवाने के लिए अपना जन्मदिन श्मशान में मनाया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं आप सबको जीवन की सच्चाई बताने आया हूं। आदमी दो तरह से घर छोड़ता है, लेट कर और खड़े होकर। जो खड़े होकर घर छोड़ता है, वह मुनि बन जाता है और जो लेट कर घर छोड़ता है मुर्दा बन जाता है। जीवन में कुछ सत्कर्म जरूर करना ताकि मरने के बाद किसी को आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करनी पड़े क्योंकि वहां यह प्रार्थना कोई काम नहीं आएगी। इस दौरान देशभर से आए उनके अनुयायी वहां मौजूद थे।

मुनि सागर ने कहा कि भगवान और डॉक्टर को भी कभी नाराज मत करना क्योंकि अगर भगवान नाराज हो गए तो वे तुम्हें डॉक्टर के पास भेज देंगे और डॉक्टर नाराज हो गया ताे वह सीधा भगवान के पास भेज देगा। इसलिए भगवान तुम्हें याद करे इससे पहले तुम भगवान को याद कर लो।

जिंदगी की हैसियत समझाई, बोले-एक मुट्ठी राख से ज्यादा कुछ नहीं है ये जीवन

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G.S.T. के अध्यात्मिक अर्थ*

1) G. = गोम्मटसार
S. = समयसार
T. = त्रिलोकसार

2) G. = गंधहस्ति महाभाष्य
S. = सर्वार्थसिद्धि
T. = तत्त्वार्थसूत्र

3) G. = गुरु
S. = शास्त्र
T. = तीर्थंकर (देव)

4) G. = गिरनार
S. = सिद्धक्षेत्र से
T. = [नेमिनाथ] तीर्थंकर मोक्ष गये।

5) G. = गारव रहित
S. = समता धारक
T. = तपस्वी होते है।

6) G. = गणधर रचित
S. = सिद्धांत ही
T. = तत्व है।

7) G. = गुणस्थान की
S. = श्रेणीयाँ चढ़ते हुए
T. = तीर्थंकर होते है।

8) G. = गुरु
S. = संसार से
T. = तारते है।

9) G. = गुरु उपदेश से
S. = सप्त व्यसन का
T. = त्याग होता है।

10) G. = ज्ञानी का
S. = सम्यग्दर्शन से
T. = तत्वार्थ श्रद्धान होता है।

11) G. = ज्ञानवान
S. = श्रद्धावान
T. = त्यागवान

12) G. = गुण
S. = सहभावी होते है यह
T. = तत्वज्ञान हुआ।

13) G. = गुरु गौतम गणधर को
S. = समवशरणमें संसार से
T. = तारणेवाले तीर्थंकर मिल गये।

14) G= ज्ञान
S= संयम
T= तप सहित मुनिराज होते

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*150th Janm Jayanti of #Shrimadd_Raajchandra, the adhyatmik guru of Gandhiji,* is to be #celebrated at #Ahmedabad on 29th June. It shall be attended by Hon. P. M. Narendra Modiji along with Gujarat CM #Vijay Rupaani and Saddguru Rakeshbhai. PM #Narendra Modi shall #release #Stamp/#Coin on the occasion.

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