Update
*श्री राजस्थान स्थानकवासी जैन संघ महावीर भवन* *भिवंडी*
साधना के शिखर पुरूष, विश्व संत, उपाध्याय पुज्य गुरूदेव *श्री पुष्करमुनिजी म. सा.* के शिष्यरत्न पुष्कर कुल कमल दिवाकर दक्षिण सम्राट पंडितरत्न उप प्रवर्तक पुज्य गुरूदेव *श्री नरेशमुनिजी म.सा.*युवा मनीषि मधुर वक्ता *श्री शालीभद्रजी म.सा.*
एवं
राजस्थान सिंहनी पूज्यनीय महासतीजी *श्री चारित्रप्रभाजी म.सा.*की सुशिष्या जिनशासन प्रभाविका स्पष्टवक्ता महासतीजी *श्री दर्शनप्रभाजी म.सा.*आदि ठाणा 4 का महानगरी मुंबई में मंगलमय प्रवेश दिनांक 16/06/2017 शुक्रवार को *श्री राजस्थान स्थानकवासी जैन संघ महावीर भवन भिवंडी* में होगा।
सभी को पधारने का भावभरा अनुरोध करते है।
पुज्य गुरुदेव का चातुर्मास प्रवेश दिनांक 5/7/2017 को गोल्ड फिल्ड धारावी में होगा।
Source: © Facebook
News in Hindi
#गांधी #स्वतंत्रता #सेनानी #चिम्मन_लाल_जैन
हाथ में रस्सी लेकर जान देने पहुंचे 90 साल के स्वतंत्रता सेनानी, ये है मांग
उतरप्रदेश में #शराब_बंदी की मांग न मानी जाने के बाद शहर में मानकों के विपरीत चल रहे शराब ठेकों को बंद कराने के लिए आंदोलन कर रहे आगरा के गांधी स्वतंत्रता सेनानी चिम्मन लाल जैन सोमवार को हाथ में रस्सी लेकर जान देने के लिए डीएम आवास पहुंच गए। जब पुलिस ने उन्हें रोक लिया तो वह अपने समर्थकों के साथ वहीं पेड़ के नीचे बैठ गए। डीएम के आदेश पर एसीएम और आबकारी विभाग के अधिकारी पहुंचे, जिन्होंने एक दिन में कार्रवाई की बात कही है।
'मेरी मौत के जिम्मेदार होंगे डीएम'
- चिम्मन लाल का कहना है कि अगर मंगलवार तक सही जवाब नहीं आया तो बुधवार को डीएम के घर पर ही रस्सी से फंदा बनाकर लटक जाऊंगा और मेरी मृत्यु के जिम्मेदार डीएम ही होंगे।
- चिम्मन लाल दीवानी में मंदिर के सामने, एत्माउद्दौला में स्कूल से दस कदम डोर और आगरा कैंट पर असप्तकाल से 15 मीटर दूर चल रहे ठेके के साथ दस गलत खुले ठेकों को बंद कराने की मांग कर रहे हैं।
- इस बारे में डीएम गौरव दयाल का कहना है कि स्वतंत्रता सेनानी की मांग पर आबकारी को जांच के आदेश दिए गए हैं। जल्द कार्रवाई की जाएगी।
Source: © Facebook
*।। लील-निगोद की महाविराधना से बचिए ।।*
विश्व में जितने भी कीड़े-मंकोडे है...
जितने भी पशु-पक्षी है...
जितने भी देव-नारक है...
जितने भी मनुष्य है...
उनसे अनंतगुण जीवो की संख्या निगोद के मात्र एक सूक्ष्मतम कण में है।
*(अनंतकाय, निगोद, लील, नील, काई, शैवाल, Moss, इत्यादि समानार्थी शब्द है।)*
निगोद के एक ही शरीर में अनंत जीव होते है। ऐसा अनंतज्ञानी, यथार्थवादी, सर्वज्ञ, वीतराग परमात्मा ने अपने ज्ञान से देखा है और निगोद की विराधना से बचने का मार्ग हमें बताया है।
परमात्मा ने अहिंसा का मार्ग तो बताया, उस मार्ग पर चलना तो हमें ही होगा। अहिंसा का पालन तो हमें ही करना होगा।
वर्षाऋतु में लील-निगोद की उत्पत्ति बहुत ज़्यादा प्रमाण में होती है। इस लिए वर्षाऋतु में लील-निगोद की विराधना से बचने के लिए हमें विशेष जागृत रहना चाहिए।
*-: निगोद की उत्पत्ति के स्थान:-*
बिल्डिंग के कंपाउंड, छत, टेरेस, रास्ते, दीवार, वॉश बेसिन, नळ की थैली, संडास, बाथरूम, आदि अनेक स्थान पर लील-निगोद की उत्पत्ति हो सकती है। वड़ी, पापड़, आचार, मिठाई, आदि अनेक खाद्यपदार्थो में भी उत्पन्न हो जाती है।
*लील-निगोद पांच रंगो की होती है। हरी, पिली, काली, नीली, सफ़ेद(फूग)*
✋🏻 *निगोद की विराधना से बचें* ✋🏻
● गमनागमन का नियंत्रण करना चाहिए।
● घूमने-फिरने जाने का त्याग ही करना चाहिए।
● वाहन का त्याग करना चाहिए। (करना पडे तो हो सके उतना कम उपयोग करे)
(१८ देश के मालिक, कुमारपाल महाराजा जैसे भी वर्षाऋतु में मंदिर, उपाश्रय, और घर के सिवाय और किसी भी स्थान पर नहीं जाते थे!)
● चलते समय दृष्टि को नीची रख कर उपयोग पूर्वक चलना चाहिए।
लील-निगोद पे पैर ना गिरे उसकी सावधानी रखनी चाहिए।
● घरों में भी पानी एक जगह पे जमा न हो इसका ध्यान रखना चाहिए, कीचन-टॉयलेट-बाथरूम में लील-निगोद होने का ज़्यादा संभव है।
★ *बिल्डिंग के कम्पाउंड, मंदिर, उपाश्रय के स्थानों पर...*
*सफ़ेद ताडपत्री बांधनी चाहिए, जिससे अँधेरा न हो, वहाँ पे पानी जमा न हो, जिस से लील भी न हो, और लोग बारिश में आश्रय भी ले सके।*
★ *बिल्डिंग के कम्पाउंड, मंदिर, उपाश्रय के स्थानों पर...*
*तैलीय रंग का पट्टा या डामर का पट्टा लगा देना चाहिए।*
(यह लील-निगोद की विराधना से बचने का सर्वसामान्य एवं सरल उपाय है।)
*लील-निगोद की महाविराधना से बचिए..*✋🏻
*अनंत जीवो को अभयदान दीजिए....*🙏🏻
☣⭕☣⭕☣⭕☣⭕☣⭕☣
Source: © Facebook
Source: © Facebook