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अनियत विहारी के पथगाथा #AcharyaVidyasagar
मोक्ष पथ के निर्मोही पथिक, के विहार पथ की पथरीली,पहाडियो के वंश ' और उनसे बिछड़े अंश गिट्टियों,और उनके ही परिवार के कुटिल कंकरों से मैंने पूछा, तुम! दिन भर इन सड़कों में पड़े रहते हो.. हर कोई तुम्हे कुचल जाता है...तुम्हे ज़रा भी संकोच नही कि जरा एक ओर सरक जाये...आखिर इतने बड़े महायोगी इस पथ से विहार जो कर रहे है।*_
_*आप उचित कह रहे है हम अपने कर्मो की ही तो सज़ा काट रहे है एक गिट्टी ने बड़ी मासूमियत से कहा।*_
_*कभी हम डोंगरगढ़ के ऐतिहासिक पहाड़ो से जुड़े थे हमारी वशंज शिलाओं पर कभी दिगम्बर मुनिराज साधना करते थे, हमारी ही ओट में प्राचीन अतिभव्य जिन प्रतिमाएं थी।*_
_*हम पर सन्देह हो तो डोंगरगढ़ नगर में विराजित जिन प्रतिमा के दर्शन कर लेना। भगवान चन्द्रप्रभु की यह जिन प्रतिमा भी रेलवे की खुदाई के समय इसी पहाड़ से निकली थी*_
_*काश हम उन पहाड़ो की शिलाओं से अलग नही हुए होते तो आज हम पर भी जिन प्रतिमाये विराजित होती, मुनिराज साधना, तपस्या करते।... दीर्घ स्वास छोड़ती गिट्टी ने कहा*_
_*आपको जो दिखाई दे रहा है कि हम गुरुचरणों की पीड़ा में सहायक और उनके पथ की बाधक है वास्तव में ऐसा नही है दरअसल महावीर के लघुनन्दन के चरण से लिपट कर स्पर्श कर अपने बिछड़ने का प्रयाश्चित कर रहे है।*
_*और सुनो हम तुच्छ गिट्टियां और कंकर आज आपको एक सीख देते है हमने तो अपने वंश से बिछड़ कर,टूट कर देख लिया लेकिन आप चौथे काल के इन महासन्त, महायोगी के चरणों से कभी न बिछड़ना... और यदि बिछड़े तो आपको कभी कोई बचाने नही आएगा ऐसे निर्दोष चर्या धारी संतो का मिलना दुर्लभ है अंत में हम यही कहेंगे आप ऐसे निर्मोही महाश्रमण के चरणों की छाया में अपने उज्ज्वल आचरणों से अपना भव संवार लो वरना कई भवो तक पछताओगे*_
_*मुझे आज लगा इन पाषाणी अंशों के हृदय में भी गुरु भक्ति का कितना नवनीत भरा है।*_
*_न जाने इन गिट्टियों कंकरों पर मुझे करुणा आने लगी तभी अचानक चलते चलते एक बड़े पत्थर से पैर टकराया वहां से आवाज आई_*
_*जीवन में सब कुछ भूल जाना*_
_*लेकिन गुरुचरणों से दूर न जाना*_
_शायद किसी ने सही कहा था *अक्ल बादाम खाने से नही ठोकर खाने से आती है*_
शब्द एवम भावानुभूति, राजेश जैन, संयोजक, श्री दि जैनाचार्य विद्यासागर पाठशाला भिलाई
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#आचार्यश्री_विद्यासागरजी महाराज (ससंघ) इस समय डोंगरगढ़ (छग.) में विराजमान हैं। डोंगरगढ़ नेशनल हाईवे से 22 किमी की दूरी पर है और रायपुर से 135 किलोमीटर दूरी पर है। रेलवे स्टेशन डोंगरगढ़ है एवं दुर्ग रेलवे जंक्शन पर सभी ट्रेनों का स्टॉपेज है। अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें.. 😇
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