28.05.2017 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 28.05.2017
Updated: 29.05.2017

News in Hindi

सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घंटे) के बाद ही शयन करना।
सोने की मुद्रा: उल्टा सोये भोगी, सीधा सोये योगी, डाबा सोये निरोगी, जीमना सोये रोगी।
बायीं करवट सोना स्वास्थ्थ के लिए हितकार है, शास्त्रीय विधान भी है। आयुर्वेद में ‘वामकुक्षि’ की बात आती हैं। शरीर विज्ञान के अनुसार चित सोने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान और औधा सोने से आँखे बिगडती है।
सोते समय कितने नवकार गिने जाए? “सूतां सात, उठता आठ” सोते वक्त सात भय को दूर करने के लिए
सात नवकार गिनें और उठते वक्त आठ कर्मो को दूर करने के लिए आठ नवकार गिनें।
सात भय: इहलोक - परलोक - आदान - अकस्मात - वेदना - मरण - अश्लोक (भय)
“माथे म्हारे मल्लिनाथ, काने मारे कुंथुनाथ, नाके म्हारे नेमिथान, आँखे म्हारे अरनाथ, शाता करे शांतिनाथ, पार उतारे पार्श्वनाथ, हिवडे म्हारे आदिनाथ, मरण आवे तो वोसिरे, जीवुं को आगार”
इस प्रकार शरीर के अंगों में परमात्मा की स्थापना करनी।
दुःस्वप्नों के नाश के लिये: सोते वक्त श्री नेमिनाथ और पार्श्वनाथ प्रभु का स्मरण करना।
सुखनिद्रा के लिये: श्री चंदाप्रभस्वामी का स्मरण करना।
चोरादी भय के नाश के लिए: श्री शांतिनाथ भगवन का स्मरण करना।
दिशा घ्यान: दक्षिणदिशा (South) में पाँव रखकर कभी सोना नहीं। यम और दुष्टदेवों का निवास है। कान में हवा भरती है। मस्तिक में रक्त का संचार कम को जाता है। स्मृतिभ्रंश, मौत व असख्य बीमारियाँ होती है। यह बात वैज्ञानिकों ने एवं वास्तुविदों ने भी जाहिर की है।
अर्थात पूर्व दिशा में मस्तक रखकर सोने से विधा की प्राप्ति होती है। दक्षिण में मस्तक रखकर सोने से धनलाभ और आरोग्य लाभ होता है। पश्चिम में मस्तक रखकर सोने से प्रबल चिंता होती है। उत्तर में मस्तक रखकर सोने से म्रत्यु और हानि होती है।
अन्य ग्रंथों में शयनविधि में और भी बातें सावधानी के तौर पर बताई गई है
• मस्तक और पाँव की तरफ दीपक रखना नहीं। दीपक बायीं या दायीं और कम से कम 5 हाथ दूर होना चाहिये।
• सोते समय मस्तक दिवार से कम से कम 3 हाथ दूर होना चाहियें।
• संध्याकाल में निद्रा नहीं लेनी।
• शय्या पर बैठे-बैठे निद्रा नहीं लेनी।
• द्वार के उंबरे पर मस्तक रखकर नींद न लें।
• ह्रदय पर हाथ रखकर, छत के पाट के नीचें और पाँव पर पाँव चढ़ाकर निद्रा न लें।
• सूर्यास्त के पहले सोना नहीं।
• पाँव की और शय्या ऊँची हो तो अशुभ है।
• शय्या पर बैठकर खाना-पीना अशुभ है। (बेड टी पीने वाले सावधान!)
• सोते सोते पढना नहीं।
• सोने सोते तंबाकू चबाना नहीं। (मुंह में गुटखा रखकर सोने वाले चेत जाएँ!)
• ललाट पर तिलक रखकर सोना अशुभ है (इसलिये सोते वक्त तिलक मिटाने का कहा जाता है।)
• शय्या पर बैठकर सरोता से सुपारी के टुकड़े करना अशुभ हैं।
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