17.04.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 17.04.2017
Updated: 18.04.2017

Update

Shocking News -सोनवा टोल प्लाजा टोंक मे संत सुधासागर पब्लिक स्कूल का गेट तोड दिया गया! 😡 मुनि श्री ने कहा की अगर यह किसी दूसरे धर्म के साथ हुआ होता तो अब तक तृतीय विश्व युद्ध छिड जाता! जैन समाज का अग्रवाल, बघेरवाल, सरावगी, अलग अलग समाज मे बटना, एकता मे नही रहना, खण्डित होना, आने वाले समय मे जैन समाज के विनाश का कारण है! 😒😒

••••••••• www.jinvaani.org •••••••••
••••••• Jainism' e-Storehouse •••••••

#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa #AcharyaVidyasagar

Source: © Facebook

News in Hindi

जब से देखा तुझे, जाने क्या हो गया..
ओ.. महावीर के वंशज मैं तेरा हो गया..

तेरी भक्ति में मन, ये मेरा खो गया.. 💐

Source: © Facebook

#Dont_Ignore Live for others and feel the real happiness 💐 -Mr. Gaurav Jain, A Chartered Accountant & Bird Activist!! #Inspiring_Human

Birds under his wing
Gaurav’s doorbell is never tired of ringing.

#जिज्ञासा_समाधान 📚 -मुनि श्री सुधासागर जी

प्रतिमाएं आदि लेना औपचारिकता मात्र नहीं हैं, यह एक पवित्र और अंदर की विशुद्धि का नाम है। *अतिचार और अनाचार में अंतर है। मजबूरी आदि में या प्राणों के बचाने के लिए, किंचित्-कदाचित कोई दोष लगता है, तो यह अतिचार है। परंतु जानबूझकर कोई रात में स्वयं पी लेता है, दवाई ले लेता है, और ऐसा बार बार करता है, तो यह अनाचार की श्रेणी में आएगा। प्राश्चित आदि अतिचार के लिए है, अनाचार के लिए कोई प्रायश्चित नहीं होता।*_
_12 ब्रत लेने वाले को नियम से सोलेे का ही भोजन करना चाहिए। अणुव्रत पंचम गुणस्थानवर्ती होने की अपेक्षा से उसे सामायिक, पूजन, प्रतिक्रमण, स्थावर हिंसा का त्याग, शुद्ध कुए का पानी पीना आवश्यक है। जिसमें जीवाणी नहीं डाल सकते, ऐसा पानी पीने लायक नहीं हैं।_

🥀 _गुरु का ऋण चुकाने का एकमात्र तरीका है,कि गुरु ने जिस भावना से व्रत आशीर्वाद दिया है, उसका निरतिचार पूर्वक पालन करना। *आचार्य श्री का जो सपना है, बच्चियों को प्रतिभास्थली, अहिंसा का पालन, गौशाला खुलवाओ, स्वदेशी अपनाओ, हथकरघा आदि, उनकी जो भावनाऐं हैं, उनको साकार करते हुए व्यसनों से मुक्त और सदाचारमय जीवन जीना।* ऐसा करने पर गुरु के उपकार का ऋण चूक जाता है।_

🥀 _जो कभी मंदिर में एक रुपया भी दान नहीं देते, वही व्यक्ति विरोध के लिए हमेशा तैयार खड़े रहते हैं। *जिन्होंने मेहनत करके, पैसा लगाकर मंदिर और तीर्थ बनाए हैं, उन्हें ही कमेटी में रहना चाहिए। अराजक तत्वों को और विद्रोह फैलाने वालों को,जिन्होंने कभी कोई मेहनत नहीं की, एक पैसा दान नहीं किया। ऐसे लोगों को मंदिर आदि की कमेटी में कोई स्थान नही देना चाहिए।*_

🥀 _व्यवस्था की दृष्टि से,अप्रतिष्ठित चीजों को हटाने, तोड़ने, मिटाने में कोई दोष नहीं है। *मोबाइल में जो पूज्य लोगों के फोटो आदि होते हैं, वह प्रतिष्ठित न होकर, उनकी छाया मात्र है। जहां तक बने उन्हें डिलीट न करना पड़े तो अच्छा है, परंतु यदिअधिक करते हैं, तो कोई महान दोष नहीं हैं।*_

🥀 _*भगवान की आसन जीर्ण-शीर्ण या पुराना हो गया है, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए।* इसके लिए कोई विशेष आडंबर और टीम-टाम जोड़ने की आवश्यकता नहीं है। भगवान को विनय और संकल्प पूर्वक वेदी से हटाकर, पुनः सामान्य शुद्धि करके ऐसा कर सकते हैं।_

🥀 _*हमारे यहां दूध की परंपरा शाश्वत अविनाशी है। ऋषभदेव ने ही सिखाया, कि कैसे पशुओं का उपयोग करना चाहिए, कैसे उन्हें पालतू बनाना चाहिए। गाय दुहना, उसके बछड़े से खेती करना सिखाया, घोड़े पर बैठना सिखाया, हाथी पर बैठना सिखाया। वह तो अवधि ज्ञानी थे। पशुओं को कैसे बस में करना चाहिए, यह उन्होंने सिखाया।* साथ में उस पशु से काम लेने के बाद, उसे प्यार से भोजन कराना उसे दुलारना भी उन्होंने सिखाया। अतः *इन सब कार्यों में अपनी ज्यादा बुद्धि नहीं लगाना चाहिए। ऋषभदेव अपनी बुद्दी पहले ही लगा चुके हैं।*_


_*नोट*- पूज्य गुरुदेव जिज्ञासाओं को समाधान बहुत डिटेल में देते हैं। हम यहाँ मात्र उसका सार ही देते है। *किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं।

_*📺पूज्य गुरुदेव का जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम प्रतिदिन लाइव देखिये - जिनवाणी चैनल पर*_
_*👉🏻सायं 6 बजे से, पुनः प्रसारण अगले दिन दोपहर 2 बजे से*_

संकलन- *दिलीप जैन, शिवपुरी*

••••••••• www.jinvaani.org •••••••••
••••••• Jainism' e-Storehouse •••••••

#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa #AcharyaVidyasagar

Source: © Facebook

Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Digambar
      • Acharya Vidya Sagar
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Ahinsa
          2. Digambara
          3. Jainism
          4. JinVaani
          5. Nirgrantha
          6. Tirthankara
          7. महावीर
          Page statistics
          This page has been viewed 372 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: