17.03.2017 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 17.03.2017
Updated: 17.03.2017

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वैराग्यवती पिंकी बाफना अंगीकार करेगी #जैन_भागवती_दीक्षा
चित्रदुर्गा। कर्नाटक प्रांत के #चित्रदुर्गा षहर में 7 मई 2017 रविवार को भव्यातिभव्य दीक्षा समारोह आयोजित किया जाएगा। बाल ब्रहृमचारी मुमुक्षु पिंकी बाफना की दीक्षा को लेकर शहर के सकल जैन समाज में उत्सवी माहौल है और शहरवासियों सहित आयोजक उस शुभ घडी की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विष्व संत उपाध्याय पूज्य गुरुदेव श्री पुष्कर मुनि जी म., आचार्य सम्राट् पूज्य गुरुदेव श्री देवेन्द्र मुनि जी म., महासाध्वी श्री कुसुमवती जी म. एवं उपप्रवर्तिनी महासाध्वी श्री चारित्रप्रभा जी म. के दिव्य आशीर्वाद से आयोजित होने इस दीक्षा समारोह में श्रमण संघीय उपप्रवर्तक श्री विनयमुनि जी म. ‘वागिष’ व उपप्रवर्तक श्री गौतममुनि जी म. ‘गुणाकर’ 28 वर्षीय वैराग्यवती पिंकी बाफना को संयम मार्ग पर चलने का दीक्षामंत्र प्रदान करेंगे। आज्ञा सर्वस्व प्रदाता पुष्कर कमल दिवाकर, दक्षिण सम्राट्, घोर तपस्वी उपप्रवर्तक श्री नरेष मुनि जी म. के शुभाषीष से चित्रदुर्गा स्थानकवासी जैन समाज का प्रथम मौका है जब शहर में जैन दीक्षा संपन्न होगी। पुष्करवाणी गु्रप ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रखरवक्ता महासाध्वी डॉ. श्री प्रतिभा जी म. आदि ठाणा 8 के सान्निध्य में विगत 2 वर्षों से वैराग्यरत पिंकी बाफना महासाध्वी श्री राजमती जी म. की संसारपक्षीय भतिजी है, व महासाध्वी श्री सुमनप्रभा जी म. बहन महाराज सा. है। उल्लेखनीय है कि गुरु ज्येष्ठ जन्म भूमि, समदड़ी (राजस्थान) के इस बाफना परिवार से ‘गुरु पुष्कर संम्प्रदाय’ में पूर्व में तीन सगी बहिनों की दीक्षाऐं संपन्न हुई जो कि वर्तमान समय में महासाध्वी आस्थाश्री जी म., महासाध्वी श्रद्धाश्री व महासाध्वी परिज्ञाश्री जी म. मुमुक्षु पिंकी बाफना के बुआ म. है।
वैराग्यवती पिंकी ने आगम दषवैकालिक सूत्र, सुखविपाक सूत्र, आवष्यक सूत्र, नंदीसूत्र, उतराध्ययन सूत्र अंतकृतदषांग सूत्र इत्यादि अनेक आगमों का पठन - पाठन एवं लघुदण्डक, कर्मप्रकृति, गति - अगति, जीवधड़ा, समिति गुप्ति, नवतत्त्व, भगवती सूत्र व पन्नवणा सूत्र के थोकडों के साथ साथ श्रमण प्रतिक्रमण, 25 बोल, 67 बोल, पांच समिति तीन गुप्ति, भक्तामर स्त्रोत, कल्याण मंदिर स्त्रोत, रत्नाकर पच्चीसी, इत्यादि कंठस्थ किये है। मूलतः चित्रदुर्गा व बैंगलोर (कर्नाटक) में 15 अगस्त 1989 को रत्नकुक्षी माता स्व. श्रीमती मैनादेवी की कुक्षि से जन्मी पिंकी बाफना के वीरपिता व वीरमाता रतनचंद लीलादेवी बाफना है। भरे-पूरे परिवार में अपना बचपन, किशोर अवस्था व्यतीत करने वाली पिंकी बी. कॉम अध्ययनरत है।
दिनांक 4 मई को मंगल मेंहदी रस्म, 5 को केषर रस्म व संयम संवेदना, 6 मई को वर्षीदान, उपकरण वंदनावली व शाम सात बजे भक्ति संगीत व अभिनंदन समारोह व रक्षाबंधन का कार्यक्रम होगा। इसमें महिलाओं और मुमुक्षु परिवार की ओर से मंगल गीतों का संगान किया जाएगा। दीक्षा दिवस पर सुबह ७ बजे वृहदथाल का कार्यक्रम होगा। इसके बाद आठ बजे महाभिनिष्क्रमण यात्रा निकाली जाएगी। इसके माध्यम से मुमुक्षु पिंकी अपने परिजनों और इस सांसारिक जीवन को अलविदा कहेंगी। ग्यारह बजे दीक्षा महोत्सव की घडी आई के गीतों के संगान के साथ दीक्षा देने के कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। दीक्षा महोत्सव के सम्पूर्ण लाभार्थी मुमुक्षु के परिवारजन बाफना परिवार है।
#Chitradurga #Mumukshu #Pinkay_Bafna #Diksha_News #7may2017

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