08.03.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 08.03.2017
Updated: 09.03.2017

Update

सोसंदी @ बलरामपुर, पुरुलिया (West Bangal) मैं पहले भी यहां आया था,उस समय यहां दो मुर्तीयां थी,पर अब केवल एक ही है, पास ही एक स्थान पर बहुत से आधे अधूरे तराशे हुए पत्थरों को देख कर लगता है, काम चल रहा था,पर सम्पुर्ण नहीं हो पाया,(मुझे लगता है नौवीं दसवीं सताब्दी में यहां भी 'देउल' अस्तीव में थी/थे, उचित लगने पर लाइक शेयर अनुसरण कर सकते हैं!! Info By- Mr. mahabir choubey from West Bengal.

এর আগেও আমি এখানে এসেছিলাম তখন এখানে দুটি জৈন তির্থংকর এর মুর্তী
ছিল,তবে বর্তমানে কেবল একটি ই রয়েছে,
কাছাকাছি এক স্থানে অনেক গুলি ছোট বড় পাথর পড়ে আছে,যা দেখে বোঝা যায়
এখানে আরো কিছু 'কাজ' চলছিল, তবে
সম্পুর্ন করা যায়নি,(আমার অনুমান নবম
দশম সতাব্দীর সময় এখানে দেউল এর অস্তিত্ব ছিল)
* উচিত মনে হলে লাইক শেয়ার কমেন্ট অনুসরন করতে পারেন,

- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.

#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa

Source: © Facebook

UPDATE:) आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार 2:55 बजे राजमार्ग चौराहा से जबलपुर की ओर हुआ । -जबलपुर 105 किमी लगभग । जबलपुर में ख़ुशी की लहर। #AcharyaVidyasagar

- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.

#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa

Source: © Facebook

आचार्य श्री विद्यासागर जी के शिष्य क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी कल नंग-अनंग आदि 5.5 करोड़ मुनिराज की मोक्ष स्थली तथा जहाँ भगवान चंद्रप्रभ स्वामी का समवसरन 17 बार लगा ऐसे सिद्ध क्षेत्र सोनागिर जी में प्रवेश करेंगे!!:) #KshullakDhyansagar #AcharyaVidyasagar

🔸जैसे किसी प्यासे को पानी की तलाश होती है...

🔹जैसे किसी रोते बालक को माँ की तलाश होती है...

🔸जेठ की धूप से तपी धरती को वर्षा की तलाश होती है...

🔹संघर्षो से झूझ रहे मानव को शांति की तलाश होती है...

🔸असत्य रूपी अंधकार के आवरण में ओझल सत्य को प्रकाश की तलाश होती है....

वैसे ही....

🔸 साधक को लक्ष्य के निकट ले जाने हेतु सही रास्ते की तलाश होती है...

ऐसी हर खोज़ का और ऐसी हर तलाश का यहाँ स्वागत है...

जब एक एक पल भारी हो...
हो कठिन परीक्षाएँ तेरी,
तब यह न समझना अंत यही,
कहना शुरुआत यही मेरी,
तुम तूफ़ानों से मत डरना,
डरना न कभी तुम जीवन से,
हिम्मत रखना, धीरज रखना,
है हार जीत अपने मन से...

✨ "सकंट में मुस्कुराने की कला साधक के पास ही होती है।"✨

💠 अद्भुत कवि एवं प्रेरणास्रोत: जिनवाणी पुत्र क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज द्वारा रचित पंक्तिया:)

- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.

#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa

Source: © Facebook

Update

🐕🐈🐄🐃🐐 सारे जीवदया प्रेमी ओर दोस्तों से अनुरोध है कि होली के दिन जानवरो जैसे कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैस, बकरी आदि पर कोई रंग न डाले क्योकि रंग में केमिकल होता है। वो अपने आप को साफ़ करने के लिए खुद को जीभ से चाटते है और वो केमिकल उनके पेट में जाता है और बीमार पड़ जाते है या मर जाते है। सबसे अनुरोध है की सबको शेयर करे ताकि पशुओ को मानव स्वार्थ से बचाया जा सके! #Holi

- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.

#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa

Source: © Facebook

News in Hindi

निरी छटा ले तुम छठे, तीर्थंकरों में आप #SuParshvaNathBhagwan
यथा सुधाकर खुद सुधा, बरसाता बिन स्वार्थ

धर्मामृत बरसा दिया, मिटा जगत का आर्त
दाता देते दान हैं, बदले की ना चाह

चाह-दाह से दूर हो, बड़े-बड़ों की राह
अबंध भाते काटके, वसु विध विधि का बंध

सुपार्श्व प्रभु निज प्रभुपना, पा पाए आनंद
बांध-बांध विधि बंध मैं, अंध बना मति मंद

ऐसा बल दो अंध, को बंधन तोडूं द्वंद्व ||

ओम् ह्रीं अर्हं श्री सुपार्श्वनाथ जिनेंद्राय नमो नम: |

स्वयंभू स्तोत्र स्तुति आचार्य श्री विद्यासागर द्वारा रचित #AcharyaVidyasagar

- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.

#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa

Source: © Facebook

Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Digambar
      • Acharya Vidya Sagar
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Ahinsa
          2. Digambara
          3. Holi
          4. Jainism
          5. JinVaani
          6. Nirgrantha
          7. Tirthankara
          8. West Bengal
          9. आचार्य
          Page statistics
          This page has been viewed 530 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: