03.02.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 03.02.2017
Updated: 04.02.2017

Update

अपेक्षा हमेशा ध्यान में रखे, किस अपेक्षा से वाक्य ओर बात को कहा गया हैं तो समीचीन/सही अर्थ ग्रहण होगा ओर कभी विवाद नहीं होगा -क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी / शिष्य आचार्य श्री विद्यासागर जी

#KshullakDhyanSagar #AcharyaVidyaSagar

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#JAIN_NRI अमेरिका निवासी एनआरआई परिवार करेगा लगभग 516 वर्ष प्राचीन कैंट जैन मंदिर का कायाकल्प #MuniSamaySagar #MuniAbhaySagar #AcharyaVidyaSagar

पुर्ननिर्माण हेतु शिलान्यास कार्यक्रम गुरुवार को मुनिश्री समय सागरजी, अभय सागरजी महाराज सहित 10 मुनिराजों के ससंघ सानिध्य में हुआ। कैंट के उक्त प्राचीन मंदिर के पुर्ननिर्माण और कायाकल्प करने का जिम्मा कैंट में पले-बढ़े अमेरिका निवासी अप्रवासी भारतीय महेन्द्र पांड्या एवं आगरा का व्यवसायी बैनाड़ा परिवार तथा कैंट जैन समाज ने उठाया है। गुरुवार को जयेष्ठ मुनिश्री समय सागरजी महाराज के सानिध्य में हुए शिलान्यास कार्यक्रम में एनआरआई महेन्द्र पांड्या, श्री बैनाड़ा के अलावा अन्य समाजबंधुओं ने मंदिर की नींव में मंत्रोचारण के साथ शिलाएं रखीं।

उल्लेखनीय है कि कैंट छावनी स्थित दिगंबर जैन आदिनाथ मंदिर 516 वर्ष प्राचीन जैन मंदिर बताया जाता है। जो काफी समय तक गुना एवं कैंट का एक मात्र जैन मंदिर रहा। करीब डेढ़ शताब्दी पूर्व गुना में बस्ती बसने पर चौधरी मोहल्ला स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर की स्थापना हुई। इस बारे में कैंट जैन समाज के सदस्य राहुल झांझरी ने बताया कि पूर्व में कैंट तक ही रहवासी बस्ती सीमित थी। तब यहां मात्र तीन जैन समाज के परिवार निवासरत थे, जिनमें पांडया परिवार, झांझरी परिवार एवं झीला वालों का परिवार था।

हालांकि करीब दो शताब्दी वर्ष पूर्व तक बजरंगगढ़ में करीब ग्यारसों परिवार जैन समाज के थे। बाद में गुना में बस्ती बढऩे लगी। जिसके बाद जैन समाज बड़ी संख्या में गुना में बस गई। पिछले कुछ दशकों में गुना में एक के बाद एक भव्य और विशाल जैन मंदिरों का निर्माण हुआ। लेकिन कैंट स्थित प्राचीन आदिनाथ मंदिर जीर्णशीर्ण हालत में पहुंच गया। पिछले कुछ दिनों से इसके पुर्ननिर्माण की कोशिशें चल रही थीं। जो गुना में जयेष्ठ मुनिश्री समय सागरजी महाराज के नगर प्रवेश के साथ ही परवाना चढ़ गई और इसके पुर्ननिर्माण का जिम्मा कैंट-गुना जैन समाज के सहयोग से न्यू जर्सी अमेरिका निवासी एनआरआई महेन्द्र पांड्या एवं आगरा की व्यवसायी बैनाड़ा परिवार ने अपने कंधों पर उठाया। उल्लेखनीय है कि श्री पांड्या का बचपन कैंट क्षेत्र में गुजरा है।

*✍🏻 सुमित जैन (पत्रकार), गुना

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यह अविश्वसनीय समाचार, कैसे विश्वास करें? कि जिन शासन की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले, परम मुनि भक्त,वर्धमान सन्देश के संपादक अजीत पाटनी जी अब इस धरा पर नहीं हैं । कल रात्रि श्रवणबेलगोला में अचानक ह्रदय गति रुक जाने से उनका देहांत हो गया है । #AjitPatni

ॐ शान्ति। ॐ शान्ति। ॐ शान्ति

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Bhagwan Bahubali Panchkalyanak Pratishtha Mashtabhishek held on 2nd February 2017 @ #KanakGiri #LordBahubali #BahubaliBhagwan

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Aryika Shri Gyanmati Mataji (Hindi: आर्यिका श्री ज्ञानमति) is considered as an iconic Jain nun, known for undertaking several projects related to Jainism. The Ganini Pramukh Āryikā is considered as the legendary figure reflecting the true spirit of Jainism among the disciples. She is also eminent for construction of the Jain temples representing Jain cosmology models at Jambudweep, Hastinapur, Uttar Pradesh, which were supported by former Prime Minister of India, Indira Gandhi. The inauguration of the Jain temples was attended by the former Chief Minister of Uttar Pradesh, N. D. Tiwari. #AryikaGyanmati #Hastinapur #MangiTungi

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