09.01.2017 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 10.01.2017
Updated: 10.01.2017

News in Hindi

मुनिद्वय पहुँचे #सूरत
उपप्रवर्तक पं.रत्न श्री #नरेश मुनि जी म. सा., मधुर गायक श्री #शालीभद्र मुनि जी म. सा. का कल पर्वत पाटिया जुना जकात नाका से शोभायात्रा के साथ अक्षर टाऊन #जैन स्थानक पधारेंगे ।

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जम्बूद्वीप सम्बन्धी तारे
जम्बूद्वीप में दो चन्द्र सम्बन्धी परिवार तारे १३३ हजार ९५० कोड़ाकोड़ी प्रमाण हैं। उनका विस्तार जम्बूद्वीप के ७ क्षेत्र एवं ६ पर्वतों में है देखिये चार्ट— क्षेत्र एवं पर्वत तारों की संख्या कोड़ाकोड़ी से भरत क्षेत्र में ७०५ कोड़ाकोडी तारे हिमवन पर्वत में १४१० कोड़ाकोडी तारे हेमवत क्षेत्र में २८२० कोड़ाकोडी तारे महाहिमवान पर्वत में ५६४० कोड़ाकोडी तारे हरि क्षेत्र में ११२८० कोड़ाकोडी तारे निषध पर्वत में २२५६० कोड़ाकोडी तारे विदेह क्षेत्र में ४५१२० कोड़ाकोडी तारे नील पर्वत में २२५६० कोड़ाकोडी तारे रम्यक क्षेत्र में ११२८० कोड़ाकोडी तारे रुक्ति पर्वत में ५६४० कोड़ाकोडी तारे हैरण्यवत क्षेत्र में २८२० कोड़ाकोडी तारे शिखरी पर्वत में ४११० कोड़ाकोड़ी तारे ऐरावत क्षेत्र में ७०५ कोड़ाकोड़ी तारे कुल जोड़ १३३९५० कोड़ाकोड़ी हैं। इस प्रकार २ चन्द्र सम्बन्धी सम्पूर्ण ताराओं का कुल जोड़ १३३९५००००००००००००००० प्रमाण है।

मध्य लोक में कुल १३३ सूर्य,१४२ चन्द्रमा ११६१६ गृह, ३६९६,नक्षत्र, ८८४०७०० कोडाकोडि तारे हे विशेष- एक चंद्र का परिवार-१चंद्र,१ सूर्य, ८८गृह, २८ नक्षत्र, ६६९७५ कोडाकोडि तारे होते हे

ज्योतिष्क देवों की पृथ्वी तल से ऊँचाई
विमानों के नाम ९(चित्रा पृथ्वी से ऊँचाई)
योजन में मील में
इस पृथ्वी से तारे ७९० योजन के ऊपर ३१६०००० मील पर
इस पृथ्वी से सूर्य ८०० योजन के ऊपर ३२००००० मील पर
इस पृथ्वी से चन्द्र ८८० योजन के ऊपर ३५२०००० मील पर
इस पृथ्वी से नक्षत्र ८८४ योजन के ऊपर ३५३६००० मील पर
इस पृथ्वी से बुध ८८८ योजन के ऊपर ३५५२००० मील पर
इस पृथ्वी से शुक्र ८९१ योजन के ऊपर ३५६४००० मील पर
इस पृथ्वी से गुरु ८९४ योजन के ऊपर ३५७६००० मील पर
इस पृथ्वी से मंगल ८९७ योजन के ऊपर ३५८८००० मील पर
इस पृथ्वी से शनि ९०० योजन के ऊपर ३६००००० मील पर

जहाँ तक सूर्य, चन्द्रमा आदि के विमानों के प्रमाण की बात है, ताराओं के विमान सबसे छोटे (२५० मील) होते हैं। अन्य विमानों के प्रमाण निम्न तालिका में स्पष्ट हैं-

तालिका-२
ज्योतिष्क देवों के विमानों का प्रमाण
विमानों का योजन से मील से
प्रमाण
सूर्य योजन ३१४७
चन्द्र योजन ३६७२
शुक्र १ कोश १०००
बुध कुछ कम आधा कोश कुछ कम ५०० मील
मंगल कुछ कम आधा कोश कुछ कम ५०० मील
शनि कुछ कम आधा कोश कुछ कम ५०० मील
गुरु कुछ कम १ कोश कुछ कम १००० मील
राहु कुछ कम १ योजन कुछ कम ४००० मील
केतु कुछ कम १ योजन कुछ कम ४००० मील
तारे कोश २५० मील
नोट - १ महायोजन = २००० कोस = ४००० मील

ढ़ाई द्वीप एवं दो समुद्र सम्बन्धी सूर्य चन्द्रादिकों का प्रमाण
द्वीप-समुद्र में चन्द्रमा सूर्य जम्बूद्वीप २ २ लवण समुद्र ४ ४ धातकी खण्ड १२ १२ कालोदधि समुद्र ४२ ४२ पुष्कराद्र्ध द्वीप ७२ ७२ नोट—सर्वत्र ही १-१ चन्द्र, १-१ सूर्य (प्रतीन्द्र), ८८-८८ ग्रह, २८-२८ नक्षत्र एवं ६६ हजार ९७५ कोड़ाकोड़ी तारे हैं। इतने प्रमाण परिवार देव समझना चाहिये। इस ढ़ाई द्वीप के आगे-आगे असंख्यात द्वीप एवं समुद्र पर्यन्त दूने-दूने चन्द्रमा एवं दूने-दूने सूर्य होते गये हैं।

Sources

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