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UPDATE LATEST PRAVACHAN @ #Bhopal ❖ पूरक परीक्षाएं विद्यार्थियों को बनाती हैं कमजोर
आचार्यश्री ने कहा हबीबगंज जिनालय में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की रविवारीय सभा शिक्षा, विद्या और विद्यार्थियों पर केंद्रित थी। आचार्यश्री ने कहा कि पूरक परीक्षाएं विद्यार्थियों को कमजोर बनाती हैं। इस बारे में कोई नई नीति बनाने पर सरकार को विचार करना होगा। अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों को लेकर भावुक न हो बल्कि उनकी भावनाओं को समझकर उनकी नींव मजबूत करें। छात्रों को समझाते हुए वे बोले कि आपका इनटेंशन अच्छा है, तो फिर आप टेंशन मे क्यों आते हैं ।
आचार्यश्री ने कहा आजादी के इतने साल बाद भी शिक्षा प्रणाली में आवश्यक विकास का अभाव दिख रहा है। उच्च शिक्षा में हम बहुत पीछे रह गये हैं, क्योंकि इसके लिये सही नीतियों गौड़ हो चुकी हैं। विश्व में अच्छी पद्धति से चलने वाले विश्वविद्यालयों के सर्वेक्षण में 200 विश्वविद्यालय में से भारत के एक-दो विश्वविद्यालयों का ही नाम आता है। आचार्य श्री ने कहा कि मूल्यांकन परीक्षा के द्वारा नहीं बल्कि गुणवत्ता के द्वारा होना चाहिए। शिक्षा नीति में मूल तत्व यह होना चाहिए, जो स्वआश्रित बनाए । उन्होंने पूरक परीक्षा को गलत बताया और कहा हमारे समय यह सब नहीं था। छात्रों से आचार्य श्री ने कहा आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ आत्म तत्व को जानने की शिक्षा जो महापुरुषों द्वारा दी गई है, उसे देना अनिवार्य है। उत्थान है तो पतन है और पतन है तो पतन के द्वारा रोशनी की प्रेरणा मिलती है। गिरने में आप स्वयं गिरे तो उठने में आप दूसरे की सहायता की ओर न देखें । विज्ञान ऊपर भागने के लिये कह रहा है पर ऊपर भागा नहीं जाता ऊपर उठा जाता है। हम लक्ष्य पर पहुंचने के लिये दो विधाओं मे प्रयत्न करते हैं । बाईं आंख एक ओर घुमाये तो दाईं आंख वहीं घूमती है, दोनों आंखें एक दूसरे के प्रतिबिंब है, एक दूसरे की पूरक क्रियाओं मे हम देख सकते हैं। आचार्यश्री ने पुरस्कार का अर्थ बताते हुए कहा आगे बढ़ो और आगे बढ़ो।
आचार्यश्री को उनके बड़े भाई महावीर प्रसाद और परिजनों ने आहारचर्या कराई।
सभा में थे आचार्यश्री के भाई |सभा मे आचार्य श्री के बडे भाई महावीर प्रसाद जैन कर्नाटक के ग्राम सदलगा से परिजनों के साथ यहां आए हुए हैं। यहां उन्होंने कहा कि मुझे पहली बार आचार्यश्री के समक्ष बोलने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बचपन में हम दोनों भाई एक ही साइकिल पर स्कूल जाते थे। उनके दो छोटे भाई मुनि बन चुके हैं। वे आचार्यश्री के संघ में हैं। इनके नाम समय सागर व योग सागर हैं। दो बहनें सुवर्णा और शांता भीसाध्वी हैं। महावीर प्रसाद जी अकेले गृहस्थ जीवन में रहकर खेती-किसानी कर रहे हैं।
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Now our page has 54,000 LIkes:) thankYou all frienZz.. ❖ वर्तमान आचार्यो में सबसे पुराने दीक्षित/ वयोवृद्ध आचार्य श्री विद्यानन्द जी मंगल प्रवचन देते हुए क्षमावाणी पर @ कुंद-कुंद भारती!! #Vidyanand #विद्यानन्द #Kundkundbharti #Kshamavani:)
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