28.08.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 28.08.2016
Updated: 05.01.2017

Update

धर्म पथ देता हैं पंथ नहीं.. हठवाद समस्या पैदा करता हैं (Dharma is the way to live, it is beyond bias, stubbornness causes of problems hence it disturbs inner peace first. #Jainism #Jain #Dharma #Tirthankara #Mahavira #Arihant:)

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शंका समाधान
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१. गर्भ संस्कार की शास्त्रानुसार एक विधि है, मुम्बई की एक डॉक्टर दंपत्ति ने इस पर एक book लिखी है! इसको प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे गर्भवती महिलाएं गर्भ से ही बच्चों में संस्कार डाल सके!

२. ऐसा कहते हैं की वकालत में झूट बोलना पड़ता है, इस प्रकार का धंधा बहुत खराब होता है! इसीलिए जो लोग इस धंधे में है उनको कम से कम झूट की limit बनानी चाहिए! जो लोग संगीन अपराधी है उनके case कभी नहीं लेने चाहिए, इसमे महान पाप की अनुमोदना का भयंकर दोष लगता है!

३. धर्म करने की कोई आयु नहीं होती बल्कि पूरा जीवन ही धर्मानुसार ही जीवन जीना चाहिए!

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४. जैन समाज को जागरूक होना पड़ेगा की साधुओं पर होने वाली टिप्पड़ियों की पुनरावृत्ति ना हो! टिप्पड़ी व्यक्तिगत हो तो फिर भी क्षम्य है लेकिन जब बात धर्म, संस्कृति, परंपरा की हो तब यह बात सहने योग्य नहीं है! समाज को गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए!

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५. जो लोग पूजा आदि कार्यों को दिखावा समझते हैं उनको ये सोचना चाहिए की फिर भगवान् ने श्रावक के लिए ऐसे उपदेश क्यों दिए? शास्त्रानुसार श्रावको के लिए पूजा और दान ही मुख्य बताया है! स्वाध्याय करना, सामाजिक कार्य करना निश्चित सराहनीय है लेकिन इसके साथ पूजा पाठ और करने लगे तो सोने पर सुहागा हो जाये!

६. प्रमाद हमारे जीवन का बहुत बड़ा शत्रु है इसको अपने ज्ञान से जीतना चाहिए!

७. जब मन की समता ख़त्म होती दिख रही हो तब गुरुओं के पास जाकर उपदेश प्राप्त करके उन कर्मों के उफान को शांत कर सकते हैं ठीक वैसे ही जैसे उफनते हुए दूध में पानी की २ छींटे डालने से दूध में आया वो उफान शांत हो जाता है!

८. आज के लोग व्यस्त कम, अस्त - व्यस्त ज्यादा हैं! फालतू कामों में ज्यादा समय बर्बाद करते हैं जिस पर रोक लगानी चाहिए! बच्चों में सही संस्कार डालना चाहते हैं तो माँ-बाप, परिजनों की सेवा करे क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो वो घर में देखते हैं!

९. हमेशा ये द्रण श्रद्धान बनाये रखना चाहिए की कभी कोई बाहरी आपका नुकसान नहीं कर सकता, अगर कोई नुकसान करता है तो वो है हमारे भीतर के संचित कर्म! जब पुण्य गाड़ा है तब शत्रु भी मित्र बन जाते हैं और जब पाप का उदय आता है तब मित्र भी शत्रु बन जाता है! इसीलिए किसी के प्रति द्वेष ना रख कर अपने पुण्य को गाड़ा करें और अपनी कुशलता को बढ़ाये क्योंकि नुकसान होने के और भी कारण हो सकते हैं उन पर ध्यान दें!

- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज

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आचार्य श्री विद्यानंद जी से वार्ता करती हुई श्री इंदिरा गांधी तथा दूसरी पिक्चर में श्री सोनिया गांधी! दिगम्बर होना बहुत दुर्लभ कार्य हैं:)

#SoniaGandhi #IndiraGandhi #Digambara #Jainism #Vidyanand

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मैं तुम्हारे वंश का भटका हुआ हूँ देवता..
आत्म तत्व छोड़कर मैं जगत को देखता..
ये अनादिकाल की भूल का ही कृत्य हैं..
सिद्ध नाम सत्य हैं, अरिहंत नाम सत्य हैं..

#Jainism #Jain #dharma #Tirthankara #Arihant

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Update

वीतरागता की राह चलते.. ध्यान में डूबे हैं गुरु जी.. विद्यासागर के ये हैं मोती.. मोक्ष का लक्ष्य बनाया गुरु जी.. मुझे भी ले चालों गुरुदेव.. भगवान की शरणा गुरु जी:) क्षुल्लक ध्यानसागर जी हस्तिनापुर में विराजित हैं #Dhyansagar #vidyasagar #Love #Jainism #Peace #Jain

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News in Hindi

निगाहों में माँ का प्यार,
होटो पे बच्चो सी मुस्कान,
और दिल में रहम का दरिया,
संत की तस्वीर है.

- जीवन धारा (रचनाकार क्षु. श्री ध्यानसागर जी महाराज) -आचार्य श्री के शिष्य @ हस्तिनापुर में विराजमान हैं #Dhyansagar #vidyasagar #Love #Jainism #Peace #Jain

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