27.08.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 27.08.2016
Updated: 05.01.2017

Update

एक *Genuine Appeal *51,000+ ke liye:) #vidyasagar #bhopal SHARE IF YOU ACCEPT!

हम Photographer हो गए हैं, आचार्य श्री की छवि.. चर्या.. मुस्कान.. वैराग्य.. को हम आँखों में बसाने के बजाये.. उन moment को जीने के बजाय.. सिर्फ camera / mobile में Record कर लेते हैं! आचार्य श्री की हर समय सिर्फ हम फोटो फोटो और फोटो click करने में लगे रहते हैं और उनके व्यक्तिव को दर्शन करने का rare moment खो देते हैं! सबके पास mobile में whatsapp, camera हैं आप 1-2 picture click करले फिर अपना ध्यान सिर्फ आचार्य श्री पर लगाये इससे आपका वहा जाना भी sucesfull रहेगा आपको peace भी मिलेगी:) और फिर वही 1-2 फोटो सब यहाँ ग्रुप में शेयर करदे यहाँ से सब सेव करले

आचार्य श्री प्रदर्शन की वस्तु नहीं हैं, उनका lifestyle दर्शन के लिए हैं, वे जैन धर्मं का जीवंत रूप हैं.. उनकी life से निज दर्शन को हम प्राप्त कर सकते हैं, आचार्य श्री का सन्देश हैं आत्मानुशासन [ self-discipline ] उनकी sheer lifestyle से हम true Insight / samyak Darshan को पा सकते हैं!

यकीन मानिए एक बार आचार्य श्री के दर्शन के लिए जाकर देखिये Camera/ picture क्लिक करने का विचार छोड़ कर.. आप कहेंगे.. क्या बात ऐसा आनंद कभी नहीं आया, उनके दर्शन के लिए जाए और शांत खड़े कर कर उनको देखते रहे.. सिर्फ देखते रहे... आपकी आंखे चमक उठेगी, रोम रोम उनके Real दर्शन से महक उठेगा!:):) और आचार्य श्री का सन्देश 'चरण नहीं आचरण छुए' हम सब उनके प्रवचन और विचारो और जीवन को अपनी lifestyle में implement करने की कोशिश करे:) जो भी लोग भोपाल में रहते हैं.. 1-2 लोग हमें मेसेज कर सकते हैं की वो चातुर्मास में आचार्य श्री के पास जाते रहेंगे वे लोग हमें पूरा 4 महीने पिक्चर/UPDATE भेज सकते हैं उनका नाम भी हम mention करेंगे और सब लोग यहाँ से copy करले..

इस message को spread करने की प्रेरणा miss Drashti Sanghvi से मिली -loads thank her!

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शंका समाधान
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१. घर में कई लोगो की ये शिकायत होती की धार्मिक और संयमी लोगों को क्रोध ज्यादा आता है लेकिन ये सोच एकांती है! घर के बाकि सदस्यों को ये सोचना चाहिए की उस व्यक्ति को क्रोध क्यों आ रहा है? जब किसी से उसकी कुछ मूल्यवान निधि छीनी जाये तो उसका क्रोध आना स्वाभाविक है! धार्मिक लोगो को भी चीजों को ignore करना चाहिए लेकिन बाकि लोगो को समझना चाहये की वो व्यक्ति अभी संयमी ही है " भगवान् " नहीं बना है, उसके समक्ष ऐसी परिस्थितियां पैदा ना करे की उसको ऐसा लगे की उसकी धार्मिक निधि को छीना जा रहा है!

२. माँ-बाप को चाहिए की वे ये सुनिश्चित करे की बच्चों को english के साथ साथ हिंदी भी अच्छी हो! प्रतिभास्थली में पड़ने वाली लड़कियों की हिंदी, english और संस्कृत तीनों भाषाएँ बहुत strong होती हैं!

दुनियाँ की कोई भी भाषा सीखिये, अच्छा है, लेकिन संस्कृत के ज्ञान से संस्कार पैदा होते हैं!

३. आजादी के लड़ाई में जैन संतों का भी योगदान रहा है --> " श्री गणेश प्रसाद वर्णी जी " ने विनोवा भावे जी के जबलपुर आने पर अपनी चादर नीलम की थी और उसका पैसा देश के लिए समर्पित किया!

४. बच्चों को स्वाध्याय के लिए सबसे पहले छहढाला पड़ना चाहिए!

५. जिनका पुण्य क्षीण है उनको मुहूर्त देखने की जरुरत पड़ती है लेकिन जिनका पुण्य और इक्षा शक्ति strong होती है उनको किसी मुहूर्त की कोई जरूरत नहीं होती!

६. व्यापारिक या पारिवारिक व्यस्तता वाले लोग अगर धार्मिक क्रियाओं के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाते तो कम से कम वैचारिक शुद्धता तो हर पल रखी ही जा सकती है! हमेशा ये ध्यान रखे की --> अधर्म ना करे, जीवों के प्रति दया भाव रखे, पूजा ना कर पा रहे हैं तो कम से कम दर्शन का और १ माला का समय तो जरूर निकालें ही! यानि की २० मिनट तो धर्म के लिए दिन भर में जरूर देना चाहिए!

- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज

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ऐसी क्या है इस संत की खूबी, 55 स्टूडेंट कर चुके हैं इन पर पीएचडी?? आचार्य श्री विद्यासागर का जलवा [charm] कोई भुला नहीं पायेगा!! #vidyasagar #bhopal #Jain #Jainism #Dharma #tirthankara

22 साल की उम्र में संन्यास लेकर दुनिया को सत्य-अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की एक झलक पाने लाखों लोग मीलों पैदल दौड़ पड़ते हैं। उनके प्रवचनों में धार्मिक व्याख्यान कम और ऐसे सूत्र ज्यादा होते हैं जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को सफल बना सकते हैं। वे अकेले ऐसे संत है जिनके जीवत रहते हुए उन पर अब तक 55 पीएचडी हो चुकी हैं। चातुर्मास के लिए भोपाल पहुंचे!

शोध के लिए छात्र पढ़ते हैं मूक माटी: जैन दर्शन पर कई पुस्तकें लिखने के साथ ही वे कविता लेखन भी करते रहे। उन्होंने माटी को अपने महाकाव्य का विषय बनाया और मूक माटी नाम से एक खंडकाव्य की रचना की। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित उनकी यह पुस्तक बहुत लोकप्रिय हुई। विचारकों ने इसे एक दार्शनिक संत की आत्मा का संगीत कहा। इससे कई छात्र अपने शोध के लिए बतौर संदर्भ इसे उपयोग में ला रहे हैं। उनकी अन्य रचनाएं नर्मदा का नरम कंकर, डूबो मत लगाओ डुबकी आदि हैं।

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Update

अगर आप आचार्य श्री के दर्शन के लिए आ रहे हैं तो इसको पढले आपके लिए मदद करेगा अच्छे से दर्शन होने में!! #vidyasagar #Bhopal #Jain #Jainism #Dharma #Tirthankara #ShivrajSingh #CM

हबीबगंज रेलवे स्टेशन से आधा किलो मीटर जिनालय परिसर मे गुरुदेव ससंघ विराजित है। प्रात से ही अत्यंत व्यस्त मार्ग एक ओर से बन्द कर दिया जाता है। ताकि संघ एवम् श्रावकगण आसानी से मन्दिर प्रवेश कर सके। इतनी विशाल भीड़ के बीच से गुरुदेव मंच तक ले जाने DSP एवम् पुलिस की टुकड़ी लगी हुई. सभी से आग्रह जब भी दर्शन हेतु भोपाल पधारे तब यह मान कर चले गुरुदेव के दर्शन भीड़ की वजह से थोड़े दूर से मिल सकते हैं । क्योकि इस बार भोपाल मे आचार्यश्री के आने जाने मे कार्यकर्ताओ के स्थान पर पुलिस अधिकारियो ने सुरक्षा व्यवस्था सम्हाल रखी है। मुख्यमंत्री के आदेश पर सैकड़ो पुलिस व्यवस्था मे लगी हुई है विशाल भोजन शाला मे स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध है।।

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News in Hindi

:) पारसनाथ टोंक का आज सुबह का दृश्य!! #ShikharJi #Parasnath #Jainism

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