09.08.2016 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 09.08.2016
Updated: 10.08.2016

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मेरी रक्षा करे मोदी सरकार: गाय

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#होसपेट #चातुर्मास 2016
उपप्रवर्तक श्री #नरेश मुनि जी म सा.
9/8/2016

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#शिवाचार्य #भीलवाडा #चातुर्मास 2016
जितना दोगे, उतना ज्यादा मिलेगा - आचार्य श्री शिव मुनि
9/8/2016 भीलवाडा / जिन्होंने पद् बल, धन बल, बाहु बल को बढाया वो खाली हाथ लोट गये जिन्होंने इनका त्याग किया, जिन्होंने लोगों को सिर्फ दिया ही हे उनको सभी याद करते हे । तुम जितना बांटोगे उतना तुम्हे निश्चित मिलेगा । यह कहना है जैन श्रमण संघीय आचार्य श्री शिव मुनि का । आचार्य श्री ने मंगलवार को शिवाचार्य समवसरण में आयोजित चातुर्मासिक धर्मसभा मेंं श्रावक श्राविकाओं को उदबोधित करते हुए कहा कि एक फूल जिसका स्वभाव खिलना और बांटना हे उसे कोई फर्क नही पड़ता की वो अमीर के महल में खिला हे या गरीब के घर में वो अपनी सुगन्ध 24 घण्टे देता है उसकी सुगन्ध कभी कम नही होती हे । नदियां सबको पानी देती है, सूरज सबको रौशनी देता है, वृक्ष सबको छाया देता है लेकिन एक मनुष्य ही ऐसा हे जो सिर्फ लेता है, संग्रहित करता है । जितना अधिक धन संग्रह करता है वो उतना ही दुखी होता है । जो धन को बाँट देता है वो प्रसन्न रहता है इस संसार को हम अपना मान लेते है धन दौलत रिश्ते नाते ये सब मेरे हे । मैं इनकी रक्षा करूँगा और ये मेरी रक्षा करेंगे लेकिन सच ये हे की कोई किसी की रक्षा नही करता । धर्म ही हे जो सबकी रक्षा करता है । आचार्य श्री ने बताया की मनुष्य की आसक्ति धन के प्रति कभी कम नही होती । मनुष्य के पास कुछ हो ना हो लेकिन आत्मबल मजबूत होना चाहिए और इसी बल से वो अपना कल्याण कर सकता है । मानव जीवन केवल धन कमाने के लिए,संसार को बड़ा करने के लिए नही अपने कर्मो की निर्जरा कर ध्यान भक्ति से धर्म के मार्ग पर चलने के लिए मिला है । वो ही व्यक्ति महान बनता है जिसके भीतर सत्य का बल होता है धर्म का बल होता है ।
श्रमण संघीय मंत्री शिरिष मुनि ने नमोथूणंम के पाठ से नमन करने विधि की विवेचना करते हुए धर्मसभा को उदबोधित करते हुए कहा कि जब व्यक्ति धर्म की शरण में आ जाता हे तो कर्म आने के सारे रास्ते समाप्त हो जाते हे । हमारे राग द्वेष समाप्त होने लगते है । जंहा राग हे वँहा द्वेष हे और जंहा राग द्वेष हे वँहा धर्म नही है ।धर्म की शरण में सबका मंगल हे सबका कल्याण हे ।

धर्मसभा में मंगलवार को जैन समाज के चार्टड अककॉउंटेंट ने आचार्य श्री के दर्शन लाभ लिए ।

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#चेन्नई #चातुर्मास #2016
पती परमेष्वर है, तो पत्नी भगवती!
श्री ए.एम.के.एम.जैन मेमोरियल सेंटर स्थित उपाध्याय पू.श्री प्रवीणऋशिजी म.सा.ने धर्मसभा को कहा - जिंदगी में केवल पती-पत्नी इस रिष्ते को तीन आयाम में जिना है । पती-पत्नी, माॅं-बाप और दादा-दादी । ये रिष्ता धर्मप्रधान हो जाय तो सारे घर की सुगती हो जाती है । दो भिन्न, विपरीत बिज (विचार) जिंदगी में बोए गए तो एक पनपता है, एक रह जाता है ।
पती परमेष्वर है, तो पत्नी कौन है? दोंनो सहचर, साथी, हमसफर है, तो पत्नी भगवती होगी । जो पत्नी को भगवती नही बना पाया उसने स्वयं परमेष्वर बनने का मार्ग अवरूध्द कर दिया । गृहस्थ धर्म पालन करते हुअे भी जीव मोक्ष जा सकता है । रतीसार राजा को पत्नी का श्रुंगार करते2 केवलज्ञान हुआ ।
पती-पत्नी के रिष्तें को जब अहोभाव से जिया जाता है, तब गरिमा आती है । ओर माॅं बाप का आयाम आता है । हमारी संस्कृती माता पिता को देव बनाती है । मातृ-पितृ देवो भवः । संतती ने क्या बनना ये माॅ बाप का चरित्र तय करता है । बच्चों का पालक, अभिभावक कोई भी बन सकता है । देव बनने का हक्क सिर्फ माॅ बाप को है । जिन्हे माॅं बाप में देव नही मिले, उन्हे किसी मंदीर में भगवान नही मिल सकते ।
राम ने सिता को अंधियारे मे वनवास में भेजा । क्यों भेज रहा हुं, किस गलती की सजा ये कारण भी नही बताया । जंगल में छोडकर जाते सुमंत को सिता ने राम को संदेष दिया,जिस धर्म को निभाने के लिए मुझे छोडा है, उस धर्म को कभी नही छोडना । एक दुसरे की भावना को सहजता से जाग्रुत करने का सामथ्र्य पती-पत्नी के रिष्ते से आता है । तुलसीदास को पत्नी नही मिलती तो जगत श्री रामचरित मानस से वंचीत रह जाता ।
गाडी चलाने के लिए हम प्रषिक्षित चालक रखते है । दिक्षा लेने के लिए प्रषिक्षण की आवष्यकता होती है । क्या पती-पत्नी बनने के लिए षिक्षण आवष्यक नही? विना प्रषिक्षित दो अधुरे, अनजाने रिष्ते के गलतीयों की सजा बेटे को भुगतनी पडती है ।
आज रिष्ता बेजान हुआ है । बेटी के मन में क्या है ये माॅ को पता तक नही चलता । अच्छे पती पत्नी ही अच्छे माॅ बाप बन सकते है । पती-पत्नी दोनों एक दुसरे के साथ जैसा परिचय देते है, बेटे वैसा ही आचरण करते है ।
मंच संचालन करते हुए श्री धर्मीचंदजी सिंघवी ने बताया श्रीमती सज्जनबाई झामड, राजकुमारी विनायकिया, श्री जगन्नाथ विसापुरे आदी श्रावक मासखमण तपस्या की ओर बढ रहे है तथा अनेक तपस्यार्थी धर्मलाभ ले रहे है ।

News in Hindi

#MP की गौशाला में 4 महीने में 1200 गायों की मौत, अफसर बोले- पॉलिथीन-सिंदूर कारण
#Gwalior 9/8/2016
ग्वालियर नगर निगम की गौशाला में रोजाना ऐसे मर रही हैं गाएं। ग्वालियर नगर निगम की गौशाला में रोजाना ऐसे मर रही हैं गाएं। ग्वालियर नगर निगम की गौशाला में रोजाना ऐसे मर रही हैं गाएं।
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ग्वालियर. देश में गाय और गोरक्षकों को लेकर हंगामा हो रहा है। नरेंद्र मोदी भी दो बार इस मुद्दे पर बयान दे चुके हैं। अब ग्वालियर की नगर निगम गौशाला में बदइंतजामी की बात सामने आई है। यहां 4 महीने में 1200 गाय मर चुकी हैं। जानकारों का कहना है, 'गौशाला में कैपेसिटी से ज्यादा गाएं हैं। निगम अफसर गायों को खुराक तक नहीं दे पा रहे, इलाज तो दूर की बात है।' निगम के अपर कमिश्नर का कहना है कि गाएं पॉलिथीन खाने और सिंदूर चाटने से मर रही हैं। प्रदेश की मंत्री ने कार्रवाई की बात कही है। ऐसे मर रही हैं गाएं...

- ग्वालियर नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में 3000 हजार गाय हैं। गौशाला 60 बीघा से ज्यादा एरिया में बनी हुई है।
- इसमें से 40 बीघा में गायों के लिए घास लगाई जाती है और बाकी जगह पर गाएं रखी जाती हैं।
- गौशाला में इतनी ज्यादा कीचड़ है कि अगर गाय इसमें फंस जाए तो निकालने में काफी मुश्किल होती है।
हालात ये हैं कि इस सरकारी गौशाला में 9 गाय रोज मौत के मुंह में जा रही हैं। जबकि निगम, गौशाला पर हर साल 4.5 करोड़ खर्च करता है।
- शेड में गायों को इतना पास-पास रखा गया है कि उनका हिलना मुश्किल है। कई बार तो खड़े-खड़े ही गाय की मौत हो जाती है।
- एक्सपर्ट के मुताबिक एक गाय के लिए कम से कम 15 स्क्वायर फीट जगह होना चाहिए, लेकिन सरकारी गौशाला में बमुश्किल से 5 वर्ग फीट ही पाता है।
- बता दें कि राजस्थान की हिंगोनिया गौशाला में 500 गायों के मरने पर पूरे देश में हंगामा मचा था।

गायों को नहीं मिल रही डाइट

- लालटिपारा की इस गौशाला में गायों को नगर निगम पूरी डाइट भी नहीं दे पा रहा। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि बाजार में गायों के खाने का सामान महंगा है।
- अफसरों का तर्क है कि बाजार में इस समय चुनी, चना, सुदाना जैसा सामान महंगा हो गया।
- गाएं हरा चारा नहीं खा रहीं। गौशाला के इम्प्लॉइज चारे को बिना काटे उनके सामने डाल रहे हैं।

क्या कहते हैं वेटरनरी डॉक्टर?

- वेटनरी डॉक्टर जीएस गोयल का कहना है कि गौशाला में मौत का कारण ज्यादा तादाद में गायों को होना है। इसके अलावा इम्प्लॉइज की कमी है, जिससे गायों की देखभाल नहीं हो पाती।
- उधर, निगम के अपर कमिश्नर संदीप माकिन कहते हैं, 'गायों की देखभाल में कोई कमी नहीं है। ये गाएं पॉलिथीन खाने और सिंदूर चाटने से मर रही हैं। गायों की मौत के कारणों की जांच भी कराई जा रही हैं।'

मंत्री बोलीं- पूरे मामले की जांच होगी

प्रदेश की नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह कहती हैं, '1200 गायों का मरना गंभीर बात है। वो भी तब, जब गौशाला को करोड़ों रुपए मिल रहे हैं। पूरे मामले की जांच की जाएगी।'

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गोरक्षकों पर बयान का पीएम सबूत दें या माफी मांगेः स्वामी चक्रपाणि
गोरक्षकों और दलितों पर दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर हिंदू महासभा ने सख्त नाराजगी जताई है. महासभा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर गोरक्षकों को फर्जी बताने पर सबूत की मांग की है.
गोरक्षकों पर प्रधानमंत्री के बयान से नाराज हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी से खास बातचीत-
सवाल - प्रधानमंत्री का जो बयान है कि 80 प्रतिशत गोरक्षक फर्जी हैं. गोरक्षा के नाम पर धंधा करते हैं. वीएचपी नाराज है, काफी लोग नाराज हैं. बयान को आप किस ढंग से देखते हैं? स्वामी जी शिवसेना ने कहा कि लिस्ट जारी करनी चाहिए.
चक्रपाणि - देखो, हमने कल प्रधानमंत्रीजी को पत्र लिख कर जवाब मांगा है कि आपने जो कहा है कि 70-80 परसेंट जो गोरक्षक हैं, अराजक हैं. आप उसका प्रमाण दीजिए, सबूत दीजिए. कौन सी एजेंसी है, जिसने आपको रिपोर्ट दी है. शुरू से हम गोभक्त हैं. गोपूजा करते हैं. गाय में सभी देवी-देवता निवास करते हैं. किसी भी आश्रम में जाइए. उन आश्रमों में साधु-संत समाज भूखे रहता है, लेकिन गाय को भूखा रहने नहीं देता है.
अब जयपुर गोशाला में देखिए दो से ढ़ाई करोड़ हरेक महीना वहां मिलता है. वहां पर गाय बिना पानी पिए, बिना खाना खाए दलदल में मर गई. इतनी कुव्यवस्था, उनको क्रोध तो वहां की सरकार पर आनी चाहिए. वहां बीजेपी की सरकार की है. केंद्र में बीजेपी है. लेकिन गोरक्षक पर जो बयान दिया है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बयान है. हम इस बात की घोर निंदा करते हैं. देश के सामने उसको लाना चाहिए कि किस आधार पर उन्होंने यह बयान दिया. उनको अपने शब्द वापस लेने चाहिए और देश के सामने माफी मांगनी चाहिए.
सवाल - इस बात को कैसे आप आगे लेकर जाएंगे, क्योंकि प्रधानमंत्री ने लगातार दो दिन यह बात कही है?
चक्रपाणि - देखिए, जो बयान दिया है कि हमको गोली मार दो. दलितों को मत मारो. यह इतना चीप बयान है. आप देखो गोरक्षक की कोई जाति नहीं होती है. हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी लोग गोरक्षा करते हैं. गोरक्षा होती है. देखें जिस पिंक रिवोल्यूशन को लेकर वोट मांगा था कि हम को प्रधानमंत्री बनाइए, हम गोरक्षा कानून बनाएंगे. कहां तो हमको लग रहा था कि गोरक्षा को लेकर केंद्रीय कानून बनेगा, लेकिन इन्होंने 80 परसेंट गोरक्षकों को ही समाज में विवादित कर दिया. ऐसे तो गोरक्षकों को अपराधी की निगाह से देखा जाएगा, देखा जा रहा है.
सवाल- प्रधानमंत्रीजी ने ऐसा क्यों बयान दिया?
चक्रपाणि- हमको लगता है कि काफी दिनों तक वह संघ में रहे हैं. जो शहीद भक्त गोरक्षक होता है, वह कभी गायों को मरने नहीं देता. मुझको लगता है कि तथाकथित गोरक्षकों के साथ रहे हैं. संघ और बीजेपी हमेशा राम मंदिर, गोरक्षा की बात करते हैं, लेकिन काम नहीं करते. क्योंकि संघ में रहे हैं तो इनका अनुभव रहा है. तो हो सकता है कि 80 परसेंट संघ और बीजेपी के लोग इसमें शामिल हो जो अराजक तत्व हैं. तो यह जानते होंगे कि वो रात को क्या करते हैं. क्योंकि उनके साथ रहे हैं. इसलिए अपना अनुभव बोल चुके हैं. इसलिए मैंने उन्हें जवाब के लिए 15 दिन का समय दिया है. हो सकता उसमें वह रिपोर्ट दें. उन्हें देश के सामने इसका रिपोर्ट रखना चाहिए.

15 #उपवास के प्रत्याखाण ग्रहण करती सुश्राविका श्रीमती पूनम मुकेश जी गांधी।
#हैदराबाद

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#हैदराबाद #चातुर्मास #2016
श्रमण संघीय सलाहकार श्री #दिनेश मुनि जी म.
9/8/2016

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