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राष्ट्रीय यंग जैना अवार्ड हेतु प्रविष्टियां 30 अगस्त तक आमन्त्रित
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छतरपुर।आचार्य श्री विद्यासागर जी के आशीर्वाद एवं उनके परमशिष्य मुनिश्री क्षमा सागर जी की प्रेरणा से मैत्री समूह व्दारा शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योग्यता प्राप्त करने वाले देश भर के जैन छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है।सन् 2016 में कक्षा 10 वीं में 85 प्रतिशत,12 वीं कक्षा साइंस में 80 प्रतिशत तथा आर्ट एवं कॉमर्स में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने वाले जैन छात्र- छात्राओं से निर्धारित आवेदन पत्र पर 30 अगस्त 16 तक प्रविष्टियां आमन्त्रित की गईं है।खेल में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले, विकलांग या अपने राज्य में मेरिट सूची में स्थान पाने विद्यार्थियों के लिए निर्धारित अंक सीमा की बाध्यता नहीं होगी।
प्रतिभाओं द्वारा प्रविष्टि हेतु आवेदन पत्र मैत्री समूह की बेवसाइट www.maitreesamooh.com पर भी ऑनलाइन भरा जा सकता है।यंग जैना अवार्ड 2016(YJA16)की जानकारी एवं आवेदन की प्रक्रिया के लिए http://goo.gl/166027 लिंक पर क्लिक किया जा सकता है।
यंग जैना अवार्ड आचार्य श्री विद्यासागर जी के आशीर्वाद एवं उनके परम शिष्य मुनि श्री क्षमा सागर जी की प्रेरणा से सन 2001 में शिवपुरी से शुरू हुआ था। मैत्री समूह की डॉ. निशा जैन भोपाल एवं डॉ.सुमति प्रकाश जैन छतरपुर के अनुसार 'यंग जैना अवार्ड' में देशभर की विशिष्ट जैन प्रतिभाओं का सम्मान दो दिवसीय गरिमामय व भव्य समारोह में अत्यंत प्रबंधकीय कौशल व अनुशासन के साथ किया जाता है।इस आयोजन में विभिन्न विषयों के देश के जानेमाने कॅरियर कॉउंसलर एवं मनीषी सम्मान हेतु देश के कोने कोने से आईं प्रतिभाओं को अपना उपयोगी एवं सारगर्भित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
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आज का स्वाध्याय:) #Jainism #teaching
प्रश्न १ - जो महावीर की सबसे छोटी मौसी थी❓
उत्तर: चंदन बाला।
प्रश्न २ - श्री आदिनाथ जी की सबसे विशाल प्रतिमा जी कहां विराजमान हैं❓
उत्तर: मांगीतुंगी जी।
प्रश्न ३ - कौन से तीर्थंकर के बाद धर्म का विच्छेद नही हुआ❓
उत्तर - शांतिनाथ भगवान् के बाद से धर्म अखण्ड़ रूप से चल रहा है।
प्रश्न ४ - कहां पर हमेशा चतुर्थ काल जैसा समय रहता है❓
उत्तर: विदेह क्षेत्र में ।
प्रश्न ५ - मारिची किसके पुत्र थे❓
उत्तर: भरत चक्रवर्ती के।
प्रश्न ६ - दुखमा काल की अवधि या समय कितने वर्ष का है❓
उत्तर: २१००० वर्ष का।
प्रश्न ७ - पांचवें काल का क्या नाम है❓
उत्तर: दुखमा काल ।
प्रश्न ८ - वैक्रियक शरीर किसका होता है❓
उत्तर: देवों और नारकियों का।
प्रश्न ९ - मन सहित जीव को क्या कहते हैं❓
उत्तर: संज्ञी या सैनी ।
प्रश्न १० - मनुष्य कौन से पर्वत से आगे नही जा सकते हैं❓
उत्तर: मानुषोत्तर पर्वत से।
प्रश्न ११ - किस कारण से जीव लोकाग्र से आगे नही जा सकते ❓
उत्तर: धर्मद्रव्य के कारण ।
प्रश्न १२ - श्रावकाचारों में सबसे पहले कौन सा श्रावकाचार लिखा गया❓
उत्तर: रत्नकरण्ड़ श्रावकाचार।
🌇 🚩प्रश्न १३ - भव्य किसे कहते हैं ❓
उत्तर - जिसमें सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र प्रकट करने की योग्यता हो उसे भव्य कहते हैं ।
🌇 🚩प्रश्न १४ - मन किसे कहते हैं ❓
उत्तर - जो हित और अहित का विवेक करने में तथा शिक्षा उपदेश ग्रहण करने में सहायक हो उसे मन कहते हैं ।
🌇 🚩प्रश्न १५ - मोह किसे कहते हैं ❓
उत्तर - जो आत्मा को मूर्छित करे अथवा स्व पर विवेक को भुला देता है उसे मोह कहते हैं।
🌇 🚩प्रश्न १६ - अनादि किसे कहते हैं ❓
उत्तर - जिसका कोई आदि प्रारंभ नहीं हो उसे अनादि कहते हैं ।
🌇 🚩प्रश्न १७ - इस युग के प्रथम दृष्टा कौन हैं❓
उत्तर: भगवान् श्री आदिनाथ जी।
🌇 🚩प्रश्न १८ - आदि क्यों कहा गया❓
उत्तर: क्योंकि इस काल के शुरू में सबसे पहले तीर्थंकर हुए हैं।
🌇 🚩प्रश्न १९ - संसार किसे कहते हैं ❓
उत्तर - संसरण करने अर्थात् जन्म मरण करने का नाम संसार है ।
🌇 🚩प्रश्न २० - भक्तामर जी की रचना कहाँ हुई❓
उत्तर: उज्जैन के पास, धारनगरी के कारागृह में।
🌇 🚩प्रश्न २१ - कुष्ठ रोग क्षण में हैं भागा, भाग्य सितारा नृप का जागा ।
धन्य धन्य मुनि उनकी रचना, नाम कहो जग में ना फंसना।।
उत्तर: वादिराज मुनि, एकीभाव स्तोत्र।
🌇 🚩प्रश्न २२ - राम चन्द्र पुरूषों में उत्तम, नाश करे जो जन जन के गम ।
कितनी आयु बताई आगम, बताओ जाने तुमको हम।।
उत्तर: 17000 वर्ष।
🌇 🚩प्रश्न २३ - षटखण्डागम जी दुखषका हरता, पुष्पदंत भूतबली जी करता।
पहले का है नाम बताओ, युगल मुनि को शीश नवाओ।।
उत्तर: नरवाहन और सुबुद्धि ।
बाद में धरसेनाचार्य जी ने इनको ये नाम दिया था।
🌇 🚩प्रश्न २४ - महावीर स्वामी को केवलज्ञान कब हुआ❓
उत्तर: 30 वर्ष की आयु में दीक्षा, 12 वर्ष तप करके केवल ज्ञान हुआ था।
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#SunilSagar #Jainism #Digambar:)
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*˛˚ღ •˚HAPPY FRIENDSHIP DAY WITH TIRTHANKARA & GURU ˚ ✰* ★ #vidyasagar #friendship #Jainism
This is bcoz "friend" means "मित्र/साथी" and "शिप" means "जहाज".. so tirthankara bhagwan ही एक मात्र हमारे सच्चे मित्र है जो जहाज बनकर हमें संसार रूपी सागर से पार लगवा सकते है और हम उनके पद चिन्हों पर चल कर मोक्ष प्राप्त कर सकते है परन्तु अभी तो साधू ही हमारे सच्चे मित्र हैं आचार्य श्री विद्यासागर जी हमारे आदर्श हैं:)
`⋎´✫¸.•°*°•✫*चिर रक्षक धर्म हमारा हो, हो धर्म हमारा चिर साथी*!..✫¸.•°**°•.✫
---admin:)
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✿ Amazing Info • *संसद हो या विधान सभा* समय समय पर बजा दिगम्बर जैन साधुओं का डंका:) #Jainism #Glory
*सन् 1974 - आचार्य देशभूषणजी महाराज - संसद में प्रवचन*
*सन् 2008 - आचार्य देवनन्दिजी महाराज - बैंगलोर विधानसभा में प्रवचन*
*सन् 2010 - मुनि श्री तरुणसागरजी महाराज - भोपाल विधानसभा में प्रवचन*
*सन् 2012 - मुनि श्री पावनकीर्तिजी महाराज - बेलगांव विधानसभा में प्रवचन*
*सन् 2016 - आचार्य विद्यासागरजी महाराज - भोपाल विधानसभा में प्रवचन*
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Happy Friendship day!! मुनि क्षमासागर जी की मित्रता पर एक कविता.. उनके माध्यम से हमारे भाव:))
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महावीर भगवान के लघुनंदन आहार लेते हुए:)
An Important Admin Note to 50,000 मेम्बर्ज़.. आचार्य विद्यासागर जी Laptop/Computer/Mobile/Tablet USE नहीं करते हैं! ये पेज चलाने में आचार्य विद्यासागर जी की प्रेरणा/अनुमोदना नहीं हैं! आचार्य श्री को इस पेज के बारे में जानकारी भी नहीं की एक पेज उनके नाम से हैं जिसमे 50,000 मेम्बर हैं!!!!!!:)) जो भी picture/post/article/content इस पेज से शेयर किया जाता हैं वो सब ADMIN की समझ से किया जाता हैं! हम admin लोग अपनी समझ के अनुसार पेज चलाते हैं.. थोडा मत-भेद/विचार-भेद/द्रष्टि-भेद होना स्वाभाविक हैं Human Nature हैं! इस पेज का उदेश्य जिन धर्मं के core teachings/Crux को spread तथा जिन धर्मं के जीवंत प्रतिकृति मुनिराजो सहित जिसमे आचार्य विद्यासागर जी admin के नजरिये में आदर्श हैं, के प्रवचन आदि शेयर करना हैं! admin किसी भी भेदभाव जैसे पंथवाद /साधुवाद आदि में विश्वास नहीं रखते हैं.. तथा हम सब धर्मं का मर्म [ essence ] समझे.. ऐसी भावना रखकर पेज को चलाते हैं:) । #vidyasagar #Jainism
thankYou -Admin:)) -Nipun Jain.
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:) #vidyasagar #JainDharma Yesterday Update
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✿ श्रावक भी विलक्षण । भक्ति भी विलक्षण ।।
एक सप्ताह में पाटनी परिवार (आर.के. मार्बल्स समुह) द्वारा देश भर में विराजित विभिन्न साधुजनों के वर्षायोग के दौरान अपनी चन्चलालक्ष्मी का सदुपयोग ✿ #RKMarbel #Jainism #vidyasagar
जो भक्ति की मिशाल पेश की गई है वो भी इस पंचमकाल में आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महातपस्वी ऋषिराज जैसे साधुजनों का अद्भुत संगम हमारे जीवन काल में है वैसे ही वर्तमान के भामाशाह के नाम से सुविख्यात पाटनी परिवार जैसे चतुर्थकाल के समान श्रावक परिवार भी धन्य है।यूँ विज्ञान पुनर्जन्म को नही मानता लेकिन इसे चमत्कार ही कहें या अद्भुत संयोग कि भामाशाह के सम्पूर्ण परिवार का पुनःजन्म पाटनी परिवार के रूप में हो चुका है।
आज जिनके त्याग एवं दान के साथ-साथ विनयशीलता,समर्पण,देव शास्त्र गुरु भक्तिआदि गुणों के रहते समाज का सभी वर्ग निर्विवाद रूप से भामाशाह एवं जैन गौरव के रूप में स्वीकार करता है।
धन कुबेर तो बहुत है... किन एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी सम्पूर्ण पाटनी परिवार जो मात्र धन वैभव से नहीं अपितु अपने मुक्त हस्तदान के बल,समर्पण,विनय शीलता,सादगी,देव शास्त्र गुरुभक्ति, परोपकार के कार्य करते हुए प्रसिद्धि पा अपना सदमार्ग प्रसस्त्र कर रहा है।
आर.के.मार्बल ग्रुप की स्थापना श्री रतन लाल जी कंवरी लाल जी पाटनी के नाम से हुई जो आज विश्व के सबसे विशाल मार्बल उद्योगपति के रूप में जाने जाते है।
🎪परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज ससंघ।
🎪परम पूज्य आचार्य श्री 108 वर्धमानसागर जी महाराज ससंघ।
🎪पूज्य मुनिश्री 108 समय सागर जी महाराज ससंघ।
🎪पूज्य मुनि पुंगव श्री108 सुधा सागर जी महाराज ससंघ।
🎪पूज्य मुनिश्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज ससंघ।
🎪पूज्य मुनिश्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज ससंघ।
🎪पूज्य मुनिश्री 108 वीर सागर जी महाराज ससंघ।
🎪पूज्य मुनिश्री 108 आगम सागर जी महाराज ससंघ।
🎪वन्दनीय आर्यिकाश्री 105 दृढ़माताजी ससंघ।
🎪वन्दनीय आर्यिकाश्री 105 पूर्णमति माताजी ससंघ।
🎪वन्दनीय आर्यिकाश्री 105 आदर्श मति माताजी ससंघ।
🎪वन्दनीय आर्यिकाश्री 105 प्रभावना मति माताजी ससंघ।
पाटनी परिवार को हार्दिक शुभकामनायें एवं दान की अनुमोदना
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